अधिकारियों के अनियमितता के कारण बिजली विभाग की हो रही किरकिरी
दागी अधिकारियों के कृत्यों से उपभोक्ताओं में असंतोष
अपने अधिकारियों से असंतुष्ट होकर कर्मचारी आये दिन करते हैं हंगामा
विंध्यभारत, रीवा
रीवा विभाग में वैसे भी दागी और विभाग को लूटने वाले अधिकारियों की भरमार हैं। उस पर एमडी ने एक और कार्यपालन अभियंता को रीवा भेज दिया। इनके खिलाफ जबलपुर में ठेकेदारों ने मोर्चा खोल दिया था। रैली निकाली थी। इसके बाद ही इनका ट्रांसफर रीवा किया गया है। कुछ दिन पहले भी एक स्थानांरतण आदेश में कुछ अधिकारियों को रीवा पदस्थ किया गया था।
रीवा विद्युत विभाग में पहले से ही यहां के अधिकारी कई तरह के कार्यों में अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। कोई साले को सेट किया हुआ है तो कोई कर्मचारी के माध्यम से ठेकेदारी करा रहा है। कुछ कमीशन पर ही चल रहे हैं। ठेकेदारों से मोटी कमीशन लेकर काम दे रहे हैं। कुछ कर्मचारियों से क्षेत्र में वसूली करा रहे हैं। रीवा का बिजली विभाग ऐसे ही अधिकारियों से इस समय भरा हुआ है। करप्शन का गढ़ बन गया है। यहां ताबड़तोड़ इसी तरह के अधिकारियों को भेजा जा रहा है। कई कार्यपालन अभियंताओं को यहां पदस्थ किया जा चुका है। अब कहीं भी किसी कार्यपालन यंत्री को लेकर विरोध होता है और आरोप लगते हैं तो उसे एमडी सीधे रीवा भेज देते हैं। ऐसे ही एक अधिकारी कार्यपालन अभियंता विपिन कुमार सिंह साउथ कटनी का ठेकेदारों ने विरोध किया। तो उसे भी सीधे एमडी के कहने पर सीजीएम ने रीवा भेज दिया। अब यहीं पर वह पदस्थ रहेंगे। इन पर ठेकेदारों ने खुद ठेकेदारी करने और अन्य ठेकेदारों से स्टीमेट का 10 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगाया था। इसी के विरोध में रैली निकाली थी। इसके बाद ही इन्हें हटाकर रीवा पदस्थ किया गया है। इनके आने से अब रीवा में कोई भी ऐसा अधिकारी नहीं बचा जो इमानदारी से काम कर रहा हो। सभी जुगाड़ से यहां बैठे हैं और उसी हिसाब से विभाग को भी खोखला कर रहे हैं।
एक अधिकारी अपने साले को ही सेट करने में लगे हैं
विद्युत विभाग में तरह तरह के अधिकारी हैं। एक अधिकारी खुद की फैक्ट्री डाले। पहले कर्मचारियों को वहां काम पर लगाए। एक कर्मचारी की मौत के बाद बवाल मचा। अब पैंतरा बदल दिए। अपने साले को सेट कर रहे हैं। उसके नाम से ही एक फर्म चला रहे हं जो घरों में सोलर पैनल लगा रही है। यह अधिकारी साले को ही फोर्सली सारा काम दिलाते हैं। इसी से माला माल हो रहे हैं। इतना ही नहीं कटनी से आए अधिकारी की तरह ही यह भी एक कर्मचारी के माध्यम से ही ठेकेदारी भी करा रहे हैं।
लूटने वालों को छूट, विरोध करने वालों को हटा रहें
सिफारिश पर दूसरे जिले से रीवा आए एक कार्यपालन यंत्री ने तो हद पार कर दी है। इन्होंने कुछ कनिष्ठ अभियंताओं और मीटर रीडरों को लूट, खसोट की छूट ही दे दी है। शिकायतों के बाद भी मीटर रीडर को नौकरी से नहीं निकाला। वहीं दूसरे आउटसोर्स कर्मचारियों को इतना परेशान कर रहे हैं कि जिसकी सीमा ही नहीं है। मीटर रीडर और जेई के गठजोड़ से मोटी रकम उगाही जा रही है। इसके कुछ वीडियो भी सामने आए। सीई ने नौकरी से हटाने को भी कहा था। इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। अब अधिकारी उन आउटसोर्स कर्मचारियों को स्थानांतरित कर परेशान कर रहे हैं जो उनकी कमाई के राह में रोड़ा बन रहे हैं।
सतना में रहा नहीं गया अब फिर लौट आए
दो डिवीजन की मलाई छान चुके एक अधिकारी को सतना भेज दिया गया था। इनके खिलाफ कई विधायकों ने मोर्चा खोला था। कई जांच आदि भी बैठाई गई थी। इनके खिलाफ शिकायतों का पुंलिंदा था। इन्हीं सब वजह से रीवा से हटाया गया था। अब फिर से सिफारिश लगाकर वापस रीवा आ गए हैं। नया डिवीजन मिल गया है। वैसे भी उस डिवीजन का बुरा हाल था। अब नए अधिकारी के आने के बाद और सत्यानाश होना तय है। या अधिकारी हैं जो खुलेआम कहते थे जो देगा वही ठेका लेगा।
पश्चिम संभाग के डीई पर आरोप
आउटसोर्स कर्मचारियों को अधिकारी टारगेट में ले रहे हैं। लगातार उन्हें किसी न किसी कारण से बाहर निकाला जा रहा है। कुछ को प्रताडित करने के लिए 40 से 50 किमी दूर स्थानांरतण कर दिया जाता है। पश्चिम संभाग के अधिकारी ने हाल में ही 8 और आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया। इसी के विरोध में विंध्य आउटसोर्स कर्मचारी संगठन ने अधीक्षण अभियंता कार्यालय पहुंच कर जमकर नारेबाजी की। ज्ञापन सौंपा और चेतावनी भी दी है कि यदि बाहर किए गए कर्मचािियों को वापस नहीं रखा गया तो संगठन आमरण अनशन करेगा। विंध्य आउटसोर्स कर्मचारी संगठन ने अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंप कर 7 मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की है। संगठन के पदाधिकारियों को कहना है कि वैसे तो कई विभागों में आउटसोर्स व्यवस्था है लेकिन बिजली विभाग में व्यापक पैमानें पर अनियमितता की जा रही है। यहां सारा काम आउटसोर्स कर्मचारी करते हैं। इसके बाद भी उन्हें प्रताडित किया जा रहा है। विंध्य आउटसोर्स कर्मचारियों ने मांग की है कि पश्चिम संभाग में दिलीप शर्मा का स्थानांतरण रोका जाए। उन्हें यथावत रखा जाए। पश्चिम संभाग अंतर्गत चोरहटा में 4, सेमरिया में 2, जीईसी और लौआ डीसी में दो कर्मचारियों को हटाया गया है। उन्हें तत्काल वापस रखने की मांग की गई है। विंध्य आउटसोर्स कर्मचारी संगठन ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे जल्द से जल्द पूरी नहीं हुईं तो सभी डिवीजन के कर्मचारी आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। उग्र आंदोलन किया जाएगा।