✍️शिवेंद्र तिवारी|| विंध्यभारत रीवा
रीवा की सियासत एक बार फिर अपराध और सत्ता के गठजोड़ के आरोपों में घिर गई है। सेमरिया विधायक अभय मिश्रा पर गंभीर आरोप है कि उन्होंने अपने कर्मचारी को 3 महीने से रुकी तनख्वाह मांगने पर बेरहमी से पीटा। पीड़ित का आरोप है कि फार्महाउस पर वेतन की बात करते ही विधायक ने गालियां दीं, लाठियों से हमला किया और अपने गुर्गों से भी पिटवाया।
पीड़ित जब शिकायत लेकर चोरहटा थाने पहुंचा, तो पुलिस ने FIR दर्ज करने से साफ इनकार कर दिया और उल्टा विधायक को पूरी जानकारी दे दी। आरोप तो ये भी है कि थाने में मौजूद पुलिसकर्मी ने कह दिया—“विधायक के खिलाफ रिपोर्ट नहीं लिखी जाएगी।”
फिलहाल पीड़ित अपने परिवार के साथ थाने में धरने पर बैठा है और FIR की मांग कर रहा है।
सेमरिया विधायक अभय मिश्रा पर लगे मारपीट के आरोपों को लेकर उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सफाई दी है। विधायक ने आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
अभय मिश्रा ने पलटवार करते हुए दावा किया कि अभिषेक मिश्रा ने ही उनके एक कर्मचारी पर हमला किया है, जिसमें कर्मचारी की उंगली गंभीर रूप से घायल हुई। इस मामले में सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज कराई गई है।
विधायक ने कहा कि झूठे आरोपों के जरिए उनकी छवि धूमिल करने की साजिश हो रही है, जबकि सच्चाई यह है कि उनका किसी विवाद से कोई लेना-देना नहीं है।
सेमरिया विधायक अभय मिश्रा पर लगे मारपीट के आरोपों में नया मोड़ आ गया है। रीवा जिला SP ने बयान जारी कर बताया कि अभिषेक मिश्रा की शिकायत पर सेमरिया विधायक अभय मिश्रा समेत 5 आरोपियों के खिलाफ नामजद और 3 अन्य अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है।
गौरतलब है कि पीड़ित अभिषेक मिश्रा ने आरोप लगाया था कि तीन महीने की रुकी तनख्वाह मांगने पर विधायक और उनके साथियों ने उसे फार्महाउस में बेरहमी से पीटा। FIR दर्ज न होने पर पीड़ित और उसका परिवार चोरहटा थाने में धरने पर बैठ गया था।
SP का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।