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बड़ी नदियों का जल स्तर तो घटा, लेकिन बारिश के कहर से कई जगह जनजीवन अस्त व्यस्त बहुती पुलिया अचानक भरभराकर बैठ गई, मार्ग हुआ अवरुद्ध

तराई अंचल के जनकहाई गांव में फसां रहा एक घर में 24 घंटे से ज्यादा पूरा परिवार, एसडीआरएफ की टीम ने किया रेस्क्यू

रीवा और मऊगंज जिले के अधिकांश ग्रामीण इलाकों में पिछले 48 घंटे से छाया हुआ है अंधेरा
2बीहर नदी का जल स्तर तो घटा लेकिन टमस का अभी भी जल स्तर बढ़ा हुआ

जिले के जवा विकासखंड अंतर्गत जनक हाई में बाढ़ के पानी का असर ऐसा रहा कि पूरा गांव इससे प्रभावित था और आसपास के गांव में भी पानी घुसा हुआ था। बताया गया है कि टमस नदी में महाना और ओडा का पानी समाहित होता है लेकिन टमस नदी में ज्यादा पानी होने के कारण उक्त दोनों नदियों का पानी उल्टा बहने लगा और जहां रास्ता मिला उसी और चल दिया, जिससे जनक हाई और आसपास के गांव काफी प्रभावित हुए। इस बीच जनक हाई गांव में एक परिवार फस गया और 24 घंटे से ज्यादा समय तक बिना खाना पानी के पूरे 24 घंटे गुजारने पड़े। इस मामले की जानकारी जिला प्रशासन को होने पर वहां एसडीआरएफ की टीम भेजी गई और आज दोपहर उनका रेस्क्यू कर पूरे परिवार के लोगों को निकाला गया। यहां पर जनहानि तो नहीं हुई लेकिन कच्चे घर जरूर क्षतिग्रस्त हो गए।
विशेष संवाददाता, रीवा

16 और 17 जुलाई को हुई तेज बरसात के बाद जनजीवन अस्त-व्यस्त सा हो गया है। संभागीय मुख्यालय रीवा के कई मोहल्लो मैं पानी भरा रहा और आज सुबह तक काफी मशक्कत के बाद वह निकल सका लेकिन जिनके घरों में पानी घुसा था वह पूरे अस्त-व्यस्त से हो गए हैं। वही मऊगंज जिले में सर्वाधिक व्यस्त मार्ग नई गढ़ी मऊगंज के बीच बहुती पुलिया के अचानक जमीदोज हो जाने के कारण पूरा मार्ग अवरुद्ध हो गया है। इसी प्रकार रीवा जिले के तराई अंचल अंतर्गत जवा विकासखंड कई गांव में जहां बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया वहीं जनक हाई गांव में हालत काफी खराब रही। यहां पर घरों में मौजूद लोगों को निकालने के लिए एसडीआरएफ टीम को बुलाना पड़ा। तेज बरसात के कारण जगह जल भराव की स्थिति अभी भी बनी हुई है और ग्रामीण इलाकों में पिछले 48 घंटे से पूरी तरह से ब्लैकआउट बरकरार है।
नईगढ़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत बहुती पुलिया आज अचानक भरभराकर गिर गई। जिससे नईगढ़ी-मऊगंज मार्ग पूरी तरह से ठप्प हो गया। हादसे के बाद क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। पुलिया गिरने की सूचना मिलते ही नईगढ़ी थाना प्रभारी जगदीश सिंह अपनी पुलिस टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे। यातायात को नियंत्रण में लेते हुए मौके की घेराबंदी की गई और किसी भी संभावित हादसे से बचाव हेतु सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए।
नईगढ़ी से मऊगंज जाने वाले सभी वाहनों को देवतालाब होते हुए मऊगंज की ओर डायवर्ट कर दिया गया है। यह मार्ग अब अस्थाई वैकल्पिक रूट के तौर पर सक्रिय कर दिया गया है। पुलिया के पुनर्निर्माण का कार्य तात्कालिक प्रभाव से शुरू कर दिया गया है। मशीनें मौके पर पहुंच चुकी हैं और जेसीबी से मलवा हटाया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की टीम सतत निगरानी में जुटी है। उधर प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें, और केवल अधिकृत मार्गों का ही प्रयोग करें। निर्माण कार्य के चलते इस क्षेत्र में अनावश्यक भीड़भाड़ न करें।
48 घंटे से विद्युत आपूर्ति बंद, लोग तंग
सूवे में हुई झमाझम बारिश के कारण कई जगह विद्युत पोल उखड़ गए जिसके कारण त्यौंथर , जवा, सिरमौर, नईगढ़ी देवतालाब, मऊगंज, हनुमना क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में विद्युत आपूर्ति प्रभावित रही। नईगढ़ी क्षेत्र में 48 घंटे से भी अधिक समय से बिजली बंद होने के कारण लोगों को भरी बारिश के बीच अंधेरे में रात गुजारनी पड़ी। वही पीने के पानी के लिए यहां वहां भटकना पड़ा। क्षेत्र में बुधवार की रात से बिजली बंद है।
ढाबा एवं माड़ौ गांव में धराशाई हो गए एक दर्जन से ज्यादा घर
मऊगंज जिले में हुई तेज बारिश के कारण जगह-जगह हुए जल भराव से तबाही की स्थिति निर्मित हो गई। जल भराव के कारण जिले भर में दो सैकड़ा से अधिक घर धराशाई हो गए। हनुमना तहसील अंतर्गत आने वाले ढाबा तिवरियांन गांव स्थित एक बसाहट में पानी भर जाने के कारण एक दर्जन से ज्यादा से अधिक परिवारों के घर धराशाई हो गए। कलेक्टर मऊगंज के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन द्वारा सभी प्रभावित लोगों को गांव के शासकीय विद्यालय एवं पंचायत भवन में रखा गया हैं जिनके भोजन पानी की व्यवस्था की गई है। इसी तरह नईगढ़ी विकासखंड के माड़ौ गांव स्थित आदिवासी बस्ती में पानी भर जाने के कारण 10 से अधिक आदिवासी एवं कुशवाहा परिवारों का घर धराशाई हो गया सभी पीडि़त परिवार को ग्राम पंचायत भवन में रखा गया है। स्थानीय सरपंच जनपद सदस्य एवं प्रशासन द्वारा शिविर में रखे गए प्रभावित लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। कलेक्टर मऊगंज द्वारा वर्षा प्रभावित सभी परिवारों को बर्तन खरीदने के लिए 5 हजार रुपए एवं 50 किलो खाद्यान्न प्रदाय करने के निर्देश दिए गए हैं।
सडक़ किनारे गड्ढे में गिरी 7 साल की बच्ची, मौत
घर से चॉकलेट लेने निकली 7 साल की बच्ची सडक़ किनारे बने फिसलकर गड्ढे में गिर गई। गड्ढे में पानी भरा होने के कारण वह डूब गई और मौके पर ही उसकी जान चली गई। यह घटना रीवा जिले की गुढ़ विधानसभा के ग्राम पंचायत बक्छेरा में हुई। परिजनों के अनुसार, गांव में पक्की सडक़ नहीं है और कच्चे रास्तों में जगह-जगह पानी भरा रहता है। दीपांजलि पिता अमित तिवारी, शुक्रवार को घर से पास की दुकान में चॉकलेट लेने गई थी। रास्ते में पैर फिसला और वह कच्चे रास्ते के किनारे बने पानी भरे गड्ढे में गिर गई। गांव में पसरा मातम, परिजनों का फूटा गुस्सा हादसे की खबर फैलते ही मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। सगरा पुलिस भी मौके पर पहुंची और बच्ची का शव बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए संजय गांधी अस्पताल भेजा गया। परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से पक्की सडक़ की मांग की गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
परिजनों का कहना है कि यह मौत लापरवाही और सिस्टम की अनदेखी का नतीजा है।
“अगर सडक़ होती, तो आज हमारी बच्ची जिंदा होती”
बच्ची के पिता अमित तिवारी ने कहा, कई सालों से अधिकारियों और नेताओं से गुहार लगा रहे हैं कि यह रास्ता जानलेवा है, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। आज मेरी 7 साल की बेटी हमारे बीच नहीं है। अब हम किससे इंसाफ मांगें? ग्रामीणों का कहना है कि नहर निर्माण के लिए की गई खुदाई अधूरी छोड़ दी गई है, जिससे जगह-जगह जलभराव हो गया है। बरसात के मौसम में रास्तों से निकलना मुश्किल हो जाता है।

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