संविधान हत्या दिवस का आयोजन करते हुए भाजपा ने की पत्रकार वार्ता
मीसा कानून में संशोधन कर प्राकृतिक न्याय की भावना का उल्लंघन किया गया
विशेष संवाददाता, रीवा
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री रीवा संभाग प्रभारी रणवीर सिंह रावत ने संभागीय कार्यालय रीवा में आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में पत्रकार वार्ता में कहा कि आज 25 जून का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए इतिहास का सबसे काला दिन है। 25 जून 1975 को देश के अंदर अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए कांग्रेस पार्टी ने देश में आधी रात को आपातकाल लागू किया था। रातों रात देश को जेल में तब्दील कर दिया गया था, देशवासियों के मौलिक अधिकार स्थगित कर दिए गए थे , आपातकाल की घोषणा के साथ ही भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं क़ो रातों रात बंधक बना दी गईं।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, व्यक्तिगत स्वतंत्रता, और न्यायिक संरक्षण जैसे मौलिक अधिकार स्थगित कर दिए गए। मीडिया पर कठोर सेंसरशिप लागू कर दी गई। विरोध करने वाले हजारों नेताओं, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, साहित्यकारों को बिना मुकदमे के जेलों में ठूंस दिया गया। ‘इंदिरा इज़ इंडिया और इंडिया इज़ इंदिरा’ जैसे नारे लगाने वालों को पुरस्कृत किया गया, जबकि आलोचकों को देशद्रोही बताकर प्रताडि़त किया गया। 21 महीनों तक देश को लोकतंत्र से वंचित रखकर कांग्रेस के एक परिवार की सत्ता बनाए रखने के लिए संविधान का गला घोंटा गया। कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर राष्ट्रवादी विचारधारा को कुचलने का कार्य किया। लोकतंत्र को बचाने के लिए लडऩे वालों को जेल में ठूंसा गया। कई लाख लोगों को जेल में बंद किया गया, संविधान की आत्मा को कुचला गया। कांग्रेस ने इन सिद्धांतों को दिखावे की बातें बनाकर रखा, जबकि मोदी सरकार इन्हें नीति, योजना और क्रियान्वयन के स्तर पर सशक्त कर रही है। संविधान समिति ने जिस संविधान को 2 वर्ष 11 माह मे बनाया उस पवित्र संविधान को कांग्रेस ने अपनी सत्ता के लिए क्षण भर मे खत्म कर दिया।
भाजपा प्रदेश महामंत्री ने लोकतंत्र सेनानियों के संघर्ष की प्रशंसा करते हुए कहा कि लोकतंत्र सेनानियों का ही संघर्ष है जिसके परिणाम स्वरुप भारत में लोकतंत्र पुर्नस्थापित हुआ। आज देश की प्रगति के पीछे लोकतंत्र सेनानियों का बलिदान आधार का पत्थर है। जिसके कारण लोकतंत्र पुर्नस्थापित हुआ और 2014 में भाजपा के नरेंद्र मोदी जैसे व्यक्तित्व के रूप में भारत को महान नायक मिला , जिनके नेतृत्व में लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत व गहरी हुईं, तुष्टीकरण संतुष्टीकरण में बदला, पूरा भारत एक हुआ, आतंकवाद की कमर टूटी, 11 वीं अर्थव्यवस्था से देश विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था बना।
पत्रकार वार्ता में सांसद जनार्दन मिश्रा ने आपातकाल के अनुभव रखते हुए कहा कि आपातकाल में सत्ता के माध्यम से अत्याचार की पराकाष्ठा की गई। कई मीसाबंदी पागल हो गये, कई लोगों की गृहगृस्थी चौपट हो गई। मैं 18 महिने 3 दिन जेल में रहा और आपातकाल के अत्याचारी शासन के नीतियों का देश की जनमानस ने विरोध कर लोकतंत्र को सुरक्षित रखने का काम किया है। पत्रकारवार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता, विधायक मनगवां नरेन्द्र प्रजापति, पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. अजय सिंह, योगेन्द्र शुक्ला उपस्थित रहे।