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2019 वर्ल्ड कप फाइनल में न्यूजीलैंड की हार क्रिकेट इतिहास की सबसे दर्दनाक हारों में गिनी जाती है। लॉर्ड्स में खेले गए इस फाइनल में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच मुकाबला टाई रहा, सुपर ओवर भी बराबर रहा, लेकिन बाउंड्री काउंट के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया गया। न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों की आंखों में आंसू थे, क्योंकि उन्होंने मैच नहीं हारा था, फिर भी ट्रॉफी उनसे छिन गई।

शिवेंद्र तिवारी 9179259806

2019 वर्ल्ड कप फाइनल में न्यूजीलैंड की हार क्रिकेट इतिहास की सबसे दर्दनाक हारों में गिनी जाती है। लॉर्ड्स में खेले गए इस फाइनल में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच मुकाबला टाई रहा, सुपर ओवर भी बराबर रहा, लेकिन बाउंड्री काउंट के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया गया। न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों की आंखों में आंसू थे, क्योंकि उन्होंने मैच नहीं हारा था, फिर भी ट्रॉफी उनसे छिन गई। यह हार उनके कप्तान केन विलियमसन और पूरी टीम के लिए बहुत बड़ा झटका थी, लेकिन इस हार ने उनकी टीम को और मजबूत किया।

दो साल बाद, 2021 में न्यूजीलैंड ने अपनी मेहनत और धैर्य का फल वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में पाया। साउथैम्प्टन में भारत के खिलाफ खेले गए इस फाइनल में न्यूजीलैंड ने शानदार गेंदबाजी और अनुशासित बल्लेबाजी के दम पर 8 विकेट से जीत दर्ज की। केन विलियमसन (52) और रॉस टेलर (47) की अनुभवी जोड़ी ने टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया और न्यूजीलैंड को उसका पहला टेस्ट चैंपियन का खिताब दिलाया। इस जीत ने 2019 की हार का दर्द काफी हद तक कम कर दिया और न्यूजीलैंड को आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाली चुनिंदा टीमों में शामिल कर दिया।

2024 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में न्यूजीलैंड एक बार फिर ट्रॉफी के करीब पहुंचा, लेकिन इस बार उनका सामना दक्षिण अफ्रीका से था। न्यूजीलैंड ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन फाइनल में दक्षिण अफ्रीका ने उन्हें हरा दिया। यह हार न्यूजीलैंड के लिए एक और बड़ा झटका थी, क्योंकि वे लगातार तीसरी बार किसी आईसीसी फाइनल में हार का सामना कर रहे थे। दक्षिण अफ्रीका के लिए यह जीत ऐतिहासिक थी, क्योंकि वे पहली बार किसी आईसीसी पुरुष वर्ल्ड कप फाइनल में जीत दर्ज कर रहे थे।

दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम को अक्सर ‘चोकर्स’ कहा जाता था, क्योंकि वे बड़े मौकों पर हार जाते थे। लेकिन 2024 टी20 वर्ल्ड कप जीतकर उन्होंने यह टैग काफी हद तक हटा दिया। इस जीत ने टीम के आत्मविश्वास को और मजबूत किया और अगले बड़े टूर्नामेंट—वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025—के लिए उन्हें एक नई ऊर्जा दी।

2025 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हराकर इतिहास रच दिया। लंदन के लॉर्ड्स मैदान पर खेले गए इस फाइनल में दक्षिण अफ्रीका ने 282 रन का लक्ष्य 5 विकेट खोकर हासिल किया और पहली बार टेस्ट चैंपियनशिप की ट्रॉफी अपने नाम की। एडेन मार्करम की 136 रनों की शानदार पारी और कगिसो रबाडा की घातक गेंदबाजी ने टीम को जीत दिलाई। कप्तान टेम्बा बावुमा ने भी 66 रनों की अहम पारी खेली।

यह जीत दक्षिण अफ्रीका के लिए सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं थी, बल्कि 27 साल की मेहनत, निराशा और संघर्ष का परिणाम थी। 1999, 2011, 2015, 2023 और 2024 में बड़े मौकों पर हारने के बाद आखिरकार उन्होंने आईसीसी की बड़ी ट्रॉफी अपने नाम की। लॉर्ड्स के मैदान पर जीतना हर क्रिकेटर का सपना होता है, और दक्षिण अफ्रीका ने यह सपना साकार किया।

दक्षिण अफ्रीका की इस जीत में टीम वर्क, अनुशासन और आत्मविश्वास की झलक साफ दिखी। ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम के खिलाफ दबाव में भी उन्होंने संयम नहीं खोया और जीत की ओर बढ़ते रहे। एडेन मार्करम और कगिसो रबाडा जैसे खिलाड़ियों ने साबित किया कि दक्षिण अफ्रीका अब सिर्फ प्रतिभा की टीम नहीं, बल्कि बड़े मौकों पर जीतने वाली टीम भी बन चुकी है।

क्रिकेट इतिहास में न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका की ये यात्राएं बताती हैं कि हार कभी-कभी टीम को तोड़ने के बजाय और मजबूत बना देती है। 2019 की हार के बाद न्यूजीलैंड ने टेस्ट चैंपियनशिप जीती, और 2024 में हारने के बाद दक्षिण अफ्रीका ने 2025 में टेस्ट चैंपियनशिप जीतकर अपने सपनों को साकार किया।

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