अधिवक्ता विजय विक्रम सिंह व पीडि़त अधिवक्ताओं ने दिशा निर्देश पालन कराने लगाया आवेदन
विशेष संवाददाता, रीवा
नवीन कोर्ट भवन में जिला एवं सत्र न्यायालय के स्थानांतरण के पूर्व ही अधिवक्ता संघ रीवा के पदाधिकारियों के मनमानी पूर्ण निर्णय से अधिवक्ताओं के बीच जहां ऊहापोह की स्थिति है वहीं सोमवार 26 मई को अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों द्वारा जैसे ही कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं को न्यू कोर्ट में बैठने हेतु कुर्सी टेबल क्रय करने टोकन वितरित किए जाने का क्रम शुरू हुआ, वैसे ही कई अधिकताओं ने उक्त प्रकिया का विरोध कर उच्च न्यायालय व जिला न्यायालय के दिशा निर्देश के खिलाफ बताते प्रधान न्यायाधीश से शिकायत की । इतना ही नहीं , अधिवक्ता संघ के द्वारा किए जा रहे मनमानी पूर्ण प्रक्रिया के खिलाफ अधिवक्ता विजय विक्रम सिंह ने अधिवक्ता संघ को पार्टी बनाकर दावा आवेदन प्रस्तुत कर दिनांक 7/12/2017 माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा जिला न्यायालय परिसर में अधिवक्ता चेंबर के संदर्भ में जारी दिशा निर्देश का पालन कराए जाने मांग की।
इस मामले में आवेदक अधिवक्ता ने अपने आवेदन व स्थगन आवेदन में कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के उक्त दिशा निर्देश की कण्डिका क. 17 में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि वार एसोसियेशन सदस्यों को चेम्बर के आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये एक उपयुक्त योजना , नीति तैयार करेगी , जिसे संबंधित जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा भी अनुमोदित किया जाएगा एवं उक्त निर्देश की कण्डिका क. 8 में निर्माण कार्य फ्लोरिबल पोर्ट फोलिया जज और जिला एवं सत्र न्यायाधीश की देखरेख में अनुमति के अनुसार और मौजूद कानून के तहत दी गई अनुमति के अनुरूप किया जाएगा। किंतु
अधिवक्ता संघ रीवा द्वारा चेम्बर आवंटन हेतु आजं दिनांक तक जिला प्रधान न्यायाधीश के समक्ष कोई भी ऐसा पारदर्शी नीति एवं योजना प्रस्तुत कर अनुमोदन प्राप्त नहीं किया गया है ,जिससे माननीय उच्च न्यायालय द्वारा चेम्बरों के आवंटन के दिशा निर्देशों का पूर्ण उल्लंघन हो रहा है। परिणाम स्वरूप अधिवक्ताओं के हित में आवेदन पत्र स्वीकार कर अधिवक्ता संघ द्वारा जारी सूचना दिनांक 22 मई 2025 की कार्यविधि को रोकने एवं उस पर कार्यवाही करने हेतु स्थगन जारी कर अधिवक्ता संघ के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है। अब इस मामले में देखना यह है कि अधिवक्ता संघ व अधिवक्ताओं के बीच चेंबर व कुर्सी टेबल आबंटन प्रक्रिया में कौन किस पर भारी पड़ेगा, और न्यायालय क्या निर्णय करता है? आने वाले समय में सुनने व देखने को मिलेगा।