एक दिन पहले भी पत्र लिखकर किया था न बुलाए जाने का विरोध
2अंदर चलती रही बैठक, बाहर कांग्रेस अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा एवं अन्य कांग्रेसियों के साथ लान में बैठे रहे विधायक
अनिल त्रिपाठी, रीवा
एकदिवसीय प्रवास पर आए रीवा जिले के प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल द्वारा स्थानांतरण का नीति को लेकर आयोजित की गई बैठक में सेमरिया विधायक की नो एंट्री दिनभर चर्चा का विषय बनी रही। इस संबंध में गत दिवस सेमरिया विधायक ने कलेक्टर को पत्र लिखकर अपना विरोध भी जताया था उसके बाद भी प्रशासन द्वारा तबज्जों न देते हुए उनकी एंट्री नहीं होने दी। इस घटनाक्रम के दौरान काफी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद रहा।
गौर तलब है कि प्रभारी मंत्री की यह बैठक राज निवास में आयोजित की गई थी जिसमें सभी विभागों के अधिकारियों को बुलाया गया था तथा आगामी दिनों में होने वाले स्थानांतरण तथा प्रस्ताव आदि मांगे गए थे। इस बैठक मैं उपमुख्यमंत्री सांसद भाजपा जिला अध्यक्ष समेत भाजपा के कई पुराने व नए पदाधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक में भाजपा के सभी विधायकों को भी आमंत्रित किया गया था। लेकिन इस बैठक से सेमरिया विधायक अभय मिश्रा को अलग रखा गया था। उन्हें न तो बैठक की जानकारी ही दी गई थी न ही कोई आमंत्रण भेजा गया था। जब सेमरिया विधायक को बैठक में शामिल नहीं किया गया तो वह सर्किट हाउस के सामने ही कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा और अन्य पदाधिकारियों के साथ जमीन पर बैठ गए।
जहां पर विधायक ने विधायकों की बैठक में खुद को शामिल न करने का आरोप लगाया। वहीं पूरे मामले प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल ने सफाई दी और बैठक को भाजपा की कोर कमेटी की बैठक बताया।
एक दिन पहले कलेक्टर को लिखी थी चि_ी
इस बैठक में शामिल न किए जाने के मामले को लेकर विधायक अभय मिश्रा ने कलेक्टर को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कहा कि ट्रांसफर नीति मध्य प्रदेश सरकार की है मैं निर्वाचित विधायक हूं ट्रांसफर एवं क्रियान्वयन संविधान के अनुरूप दलगत आधार पर नहीं बांटा जा सकता है। नीतिगत निर्णय में केवल एक विधानसभा क्षेत्र के जनता जनता जनार्दन की ऊपेक्षा नहीं की जा सकती है क्योंकि वह किसी दल अथवा किसी जाति विशेष के प्रभारी मंत्री नहीं है। कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा था कि मुझे बैठक में बुलाया जाना अनिवार्य था एवं ट्रांसफर नीति को लेकर की जा रही बैठक में मुझे अलग रखा जाना क्षेत्र की जनता का अपमान है। यह कोई पार्टी विशेष की बैठक नहीं थी।
विधायक बोले- यहां लोकतंत्र की हत्या के साथ चला रहे मनमर्जी वाली सरकार
पूरे मामले में अभय मिश्रा ने कहा कि सरकार ने हमें यह अधिकार दिया है कि जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि होने के नाते हम जनता की बात को सरकार के समक्ष रखें। शासकीय कार्यों और बैठकों में पक्ष और विपक्ष दोनों का होना बहुत जरूरी है। अगर प्रदेश के स्थानांतरण नीति पर बात हो रही है तो उसमें किसी पार्टी विशेष की उपस्थिति नहीं बल्कि सभी विधायकों की उपस्थिति होनी चाहिए। क्या रीवा के प्रभारी मंत्री होने के नाते प्रहलाद पटेल सेमरिया के प्रभारी मंत्री नहीं है। इन्होंने कहा कि जिस तरह की गतिविधि यहां पर चल रही है उसे सीधे दिखाई दे रहा है कि खुलेआम लोकतंत्र की हत्या हो रही है। संविधान के नियमों का खुलेआम मजाक उड़ाया जा रहा है। सरकार से जुड़े लोग अपनी मनमर्जी चलना चाह रहे हैं। स्थानांतरण नीति और प्रस्ताव पर चर्चा किसी एक पार्टी की नहीं है। इन्होंने कहा कि क्या प्रभारी मंत्री रीवा जिले के सेमरिया विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी मंत्री नहीं है। अगर वे सेमरिया के भी प्रभारी मंत्री हैं तो फिर सेमरिया के चुने हुए जनप्रतिनिधि को बैठक में शामिल क्यों नहीं किया जा रहा। सेमरिया विधायक अभय मिश्रा का कहना था कि हमारे क्षेत्र की जनता हमें लल्लू न समझे, मैं घर में नहीं बैठा हूं, हिटलर शाही चल रही है, जनता ने हमें चुनकर भेजा है, मैं लगातार प्रयास करूंगा. कम से कम क्षेत्र की जनता यह तो नहीं कहेगी. हमारा विधायक प्रयास नहीं कर रहा है। उनका कहना था, जिस बैठक में सब को रहना है, वह नहीं बुलाएंगे तो फिर भारत, पाकिस्तान, चीन में क्या अंतर रह जाएगा? चर्चा के बीच उन्होंने कहा मेरी कलेक्टर से बात हुई तो उन्होंने यह कहने की कोशिश की कि इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है। जैसा ऊपर से आदेश है, उसी तारतम्य में कार्य किया जा रहा है। इस पूरे मामले में प्रभारी मंत्री ने कहा कि ये बैठक भाजपा के कोर कमेटी की बैठक थी। इसलिए कांग्रेस विधायक को शामिल नहीं किया गया। आरोप पूरी तरह से झूठे हैं। इस राजनैतिक घटना क्रम को लेकर काफी चर्चाएं थीं। प्रशासन कह रहा था कि यह बैठक सरकारी है जबकि प्रभारी मंत्री द्वारा यह कह दिया गया कि यह कोर कमेटी की बैठक है। अगर कोर कमेटी की बैठक थी तो प्रशासनिक अधिकारियों का क्या काम था?
ट्रांसफर के इच्छुक काफी संख्या में पहुंच गए थे कर्मचारी
लोगों को जब यह पता लगा कि प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल स्थानांतरण नीति को लेकर राज निवास में बैठक लेने वाले हैं तो तीन सैकड़ा से ज्यादा कर्मचारी अपने आवेदन लेकर पहुंच गए लेकिन किसी को अंदर नहीं जाने दिया गया। उधर हमारे सूत्रों ने बताया है कि जिन आवेदनों पर भाजपा नेताओं की सिफारिश लगी हुई है उनके प्रस्ताव संबंधित विभागों से सिफारिश के साथ बैठक के दौरान रखे गए । हालांकि सूत्रों ने बताया है कि कोई भी फाइल अभी नहीं खोली गई है और शायद वह सभी प्रस्ताव प्रभारी मंत्री ने भोपाल बुलवाया है। इस दौरान सैनिक स्कूल गेट के सामने अच्छी खासी तपती धूप के बीच कर्मचारी खड़े रहे बाद में निराश होकर वापस लौट आए।
सभी विभागों के अधिकारी थे मौजूद
एक और जहां यह कहा जा रहा था कि यह बैठक भाजपा कोर कमेटी की थी, वहीं दूसरी ओर प्रशासन की ओर से सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि उनके विभाग के सभी स्थानांतरण प्रस्ताव की फाइल यहां पर प्रस्तुत की जाए। परिणाम स्वरुप सभी विभागों के अधिकारी अपने कर्मचारियों के साथ प्रस्ताव की फाइल लेकर आए हुए थे। यह बैठक लगभग डेढ़ घंटे तक चली। बैठक में सांसद जनार्दन मिश्रा, गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह समेत अन्य भाजपा विधायको के अलावा जिला भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता और भारतीय जनता पार्टी के काफी संख्या में पदाधिकारी मौजूद रहे।
कांग्रेसियों ने गेट के बाहर की जमकर नारेबाजी
सेमरिया विधायक अभय मिश्रा की बैठक में एंट्री न होने की बात से नाराज कांग्रेस के पदाधिकारी ने अपना विरोध प्रदर्शन राज निवास के मुख्य द्वार पर किया। इस दौरान जमकर नारेबाजी की गई तथा भाजपा सरकार द्वारा इस तरह की गतिविधियों की खुलकर आलोचना की गई। लगभग आधा सैकड़ा कांग्रेसी भी तपती धूप के भी नारेबाजी में जुटे रहे। वहीं पुलिस बल ने किसी को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया।