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दही खाने का सही तरीका क्या है? डॉक्टर ने बताया इस तरह खाने से सेहत पर पड़ता है बुरा असर, 90% लोग करते हैं गलती

©शिवेंद्र तिवारी

दही को सुपरफूड माना जाता है. ये न केवल खाने के स्वाद को दोगुना बढ़ाने में मदद करती है, बल्कि दही खाने से सेहत को भी कई फायदे मिलते हैं. अब, ये बात तो अधिकतर लोग जानते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि दही खाने का सही तरीका क्या है?

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर दही को सही तरीके से न खाया जाए, तो इसका सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं दही खाते समय किन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

मामले को लेकर आयुर्वेदिक डॉक्टर सलीम जैदी ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में डॉ. बताते हैं. ‘कई लोगों की शिकायत होती है कि अक्सर दही खाने के बाद उनका पेट फूल जाता या उन्हें गैस और एसिडीटी की समस्या परेशान करने लगती है. इसके अलावा कुछ लोग दही खाने के बाद सर्दी-खांसी का सामना करते हैं. ये सभी परेशानी दही को गलत तरीके से खाने के चलते हो सकती हैं.’

दही खाते समय न करें ये गलती

चीनी या नमक

डॉ. के मुताबिक, अक्सर लोग दही को सादा खाने की बजाय इसमें नमक या चीनी मिलाकर खाना पसंद करते हैं. हालांकि, ये तरीका गलत है. दही एक प्रोबायोटिक फूड है, लेकिन जब इसमें चीनी मिलाई जाती है, तो यह उसके अच्छे बैक्टीरिया को कमजोर कर देती है, जिससे पाचन तंत्र को फायदा नहीं मिल पाता नहीं मिल पाता है.

वहीं, नमक शरीर से पानी खींचता है. गर्मियों में दही का सेवन शरीर को ठंडक देने के लिए किया जाता है, लेकिन नमक मिलाकर खाने से यह उल्टा असर कर सकता है और शरीर में पानी की कमी हो सकती है. ऐसे में दही में चीनी या नमक मिलाने से बचें. अगर आप प्लेन दही नहीं खा पाते हैं, तो स्वाद के लिए पुदीना, जीरा पाउडर या काली मिर्च जैसे प्राकृतिक मसाले इसमें डाल सकते हैं या सफेद नमक की जगह बेहद थोड़ी मात्रा में काला या सेंधा नमक मिला सकते है. इससे अलग अगर मीठा खाना हो, तो थोड़ी मात्रा में शहद या गुड़ मिला सकते हैं. ये दोनों चीजें चीनी से बेहतर होती हैं.

समय का रखें ध्यान

डॉ. जैदी के मुताबिक, आयुर्वेद में रात के समय दही से पूरी तरह परहेज करने की सलाह दी जाती है. रात को दही खाने से शरीर में कफ (बलगम) बढ़ता है. इससे आपको गले में खराश, खांसी, सर्दी-जुकाम, साइनस और सांस से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. इससे अलग दही ‘अम्ल’ (खट्टा) होती है. रात के समय पाचन अग्नि (Digestive Fire) कमजोर हो जाती है, जिससे अम्लीय चीजों को पचाना मुश्किल होता है. ऐसे में दही पचने में दिक्कत करती है, जिससे व्यक्ति को पेट फूलना, गैस या एसिडीटी से जूझना पड़ता है. ऐसे में सूरज ढलने के बाद दही खाने से बचें.

दही का रायता

डॉ. बताते हैं, कई लोग दही में बूंदी या खीरा डालकर रायता बनाना पसंद करते हैं. दही खाने का ये तरीका भी नुकसानदायक हो सकता है. बूंदी को तेल में तलकर बनाया जाता है. वहीं, दही को अगर तली हुई चीजों के साथ मिलाया जाए, तो यह पाचन में गड़बड़ी कर सकती है.

दूसरी ओर बात खीरे की करें, तो आयुर्वेद के अनुसार, खीरा और दही दोनों ही ठंडी प्रकृति के होते हैं. एकसाथ मिलाने पर यह कुछ लोगों में अपाचन, सर्दी-जुकाम या कफ की समस्या को बढ़ा सकते हैं. ऐसे में दही को बूंदी या खीरे के साथ भी खाने से बचें.

डॉ. जैदी के मुताबिक, इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर आप बिना किसी नुकसान के दही का सेवन कर सकते हैं और इसके फायदों को पा सकते हैं.

सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.

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