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शासन के दिशा निर्देश के विरूद्ध खुले आसमान में हो रही गेहूं की खरीदी, अधिकारियों को पटाकर खुले में खरीदी केन्द्र का करवा लिये आदेश

खरीदी केन्दा्रे के लापरवाही के चलते किसानों को अपनी उपज बेंचने में हो रही परेशानी
खरीदी केन्द्रो में बाहरी व्यक्तियों की चल रही है दलाली, किसानों से करते हैं लेन-देन की बात
खरीदी केन्द्रो में तिरपाल जैसी कोई व्यवस्था नहीं

नगर प्रतिनिधि, रीवा

गेहूं की उपज घर में आ जाने के बाद किसान अब उसको मंडियों में बेचने की तैयारी में हैं. लेकिन रीवा में कृषि उपज मंडियों की लापरवाही की वजह से किसानों को अपनी उपज बेचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के किसी भी खरीदी केंद्र का परिवहन नहीं किया गया है, जिसके कारण समितियों के साथ किसानों की भी परेशानी बढ़ गई है. कई खरीदी केंद्रों में गेहूं के बोरों से परिसर भर गया है, लेकिन उचित प्रबंध न होने के कारण गेहूं का उठाव नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते किसानों की काफी दुश्वारियां झेलनी पड़ रही हैं और उनका भुगतान भी रुका पड़ा है।
इतना ही नहीं कई ऐसे खरीदी केन्द्र हैं जहां नियम विरूद्ध तरीके से खुले आसमान के नीचे गेहूं की खरीदी की जा रही है। साथ ही कई खरीदी केन्द्रों में ऐसा भी देखने को मिल रहा है जहां गेहूं खरीदी की सारी जिम्मेदारी प्राईवेट व्यक्तियों के ऊपर है।
उठान न होने से किसानों का नहीं मिल रहा पैसा
रीवा शहर से लगे करहिया मंडी में 2 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. जहां अभी तक ४० हजार क्विंटल से ज्यादा गेंहू की खरीद हो चुकी है, लेकिन अभी तक एक भी बोरे का परिवहन नहीं हुआ है. परिवहन के ठेकेदार का आरोप है कि, नागरिक आपूर्ति निगम ने अभी तक पिछला भुगतान नहीं किया है जिसकी वजह से उठान नहीं हो पा रहा है. जब तक गेहूं का उठान नहीं होगा तब तक किसानों का भुगतान भी नहीं होगा. ऐसे में जिन किसानों का गेहूं बिक गया है उनको भी अपने पैसे के लिए कृषि मंडी के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

खरीदी केंद्र पर इंतजाम नहीं
दरअसल, रीवा में 11 अप्रैल से खरीदी केंद्रों पर गेहूं की खरीद शुरू हो गई है, लेकिन किसी भी केंद्र पर खरीदी का उचित इंतजाम नहीं है. जिसकी वजह से अभी तक एक भी बोरे का उठाव नहीं हुआ है. परिवहनकर्ताओं द्वारा गेहूं उठाव न होने और बारदाने की कमी के साथ-साथ तुलाई मशीनों की कमी की वजह से समस्या और बढ़ गई है. जिसके कारण गेहूं लदे ट्रैक्टर खरीदी केंद्र के बाहर खड़े हैं. हजारों बोरा गेहूं खुले आसमान में पड़ा हुआ है. वहीं, भीषण धूप और लू की चपेट के बीच अपनी उपज लेकर किसान खरीदी केंद्र में खुद को तपा रहा है।
प्राईवेट व्यक्ति कर रहे हैं खरीदी
उमरी वेयर हाउस को गेहूं का खरीदी केन्द्र बनाया गया है। इस खरीदी केन्द्र का प्रभारी उप समिति सेवक रामशरण विश्वकर्मा हैं। उस समिति सेवक में खरीदी केन्द्र को प्राईवेट व्यक्तियों के हवाले कर दिया है और खुद केन्द्र से नदारत रहता है। उमरी खरीदी केन्द्र में मऊॅ, महरी, डीही, डोल तथा बदरांव आदि गावों से गेहूं बेचने पहुंचने वाले किसानों ने बताया कि खरीदी केन्द्र में न तो किसानों के लिए कहीं छाया की व्यवस्था है और पानी पीने को मिलता है। किसानों ने यह भी बताया कि जिन किसानों से कुछ पैसा मिल जाता है उनका प्राथमिकता दी जाती है और जो गरीब किसान पैसा नहीं दे पाते उन्हें कई-कई रातें वेयर हाउस में काटनी पड़ती है।
मझियार में खुले आसमान के नीचे खरीदी
शहर मुख्यालय से तकरीबन १५ किलोमीटर दूर मझियार हायर सेकण्डरी के सामने खुले आसमान के नीचे गेहूं की खरीदी हो रही है। बारिस से गेहूं को बचाने के लिए किसी तरह की व्यवस्था नहीं की गई है। आये दिन हो रहे बूंदा-बांदी में गेहूं भींजकर खराब हो रहा है। बीच-बीच में गेहूं खरीदी से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी भी मझियार खरीदी केन्द्र निरीक्षण के लिए पहुंचते हैं। लेकिन इनकी नजर खरीदी केन्द्र के अव्यवस्था पर नहीं पड़ती है।ं
इनका कहना है
अगर खरीदी केन्द्रो में प्राईवेट व्यक्तियों द्वारा किसानों से लेन-देन किया जा रहा है तो इस संबंध में हम समिति प्रशासक से चर्चा करेंगे और अगर ऐसी कोई कमियां खरीदी केन्द्रो में पाई गई तो खरीदी केन्द्र प्रभारियों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
ज्ञानेन्द्र पाण्डेय
प्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक रीवा

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