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एसई और ईई तथा रीवा के महालेखाकार की बनी संयुक्त कमेटी ने दबा दिया जांच को, आदेश होने के बाद भी नहीं खुली पीडब्ल्यूडी घोटाला की फाइल

13 दैनिक वेतन भोगियों के नाम पर फर्जी तरीके से आहरित की गई है राशि
मनगंवा और त्योंथर दैनिक वेतन भोगियों की बताई गई है पदस्थापना
जांच दल जांच के प्रति नहीं है गंभीर

नगर प्रतिनिधि, रीवा

अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा जमकर घोटले किये जाते हैं, शिकायतें होती हैं, जांच के लिए कमेटी गठित होती है लेकिन जांच दल में शामिल अधिकारी और कर्मचारियों के मिली भगत के कारण मामले दबकर रह जाते हैं। घोटालेबाजों को अभयदान मिल जाता है। ऐसा ही एक मामला रीवा शहर संभाग पीडब्ल्यूडी कार्यालय का मामला सामने आया है। बताया गया है कि लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक-1 में 13 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति का मामला हाय। विभाग के एसडीसी सुनील मिश्रा द्वारा अपने सगे संबंधियों को दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी दर्शाकर वर्षों तक वेतन का आहरण करते रहे। जबकि संबंधित कर्मचारी किस डिवीजन में हैं यह जानकारी अधिकारियों तक को नहीं है। मामला प्रकाश में आने के बाद अब मुख्य अभियंता से लेकर कार्यपालन यंत्री बंगले झांकने लगे हैं।
गौरतलब है कि लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक-1 में एसडीसी के पद पर पदस्थ सुनील मिश्रा ने अपने सगे संबंधियों की नियुक्ति दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी में कराई। हालांकि जिन लोगों की नियुक्ति श्रमिक के पद पर की गई वह कहां हैं इसकी जानकारी किसी को नहीं है। उक्त मामले की शिकायत भोपाल स्तर में जब की गई तब पीडब्ल्यूडी विजिलेंस द्वारा जांच के लिए भेजे गए पत्र के बाद उन कर्मचारियों की पदस्थापना दूसरे जगह दर्शाकर उनका वेतन पहले जैसा आहरित किया जाने लगा। सूत्रों से मिली जानकारी में बताया गया है कि एसडीसी सुनील मिश्रा द्वारा जिन 13 कर्मचारियों की पदस्थापना मनगवां उपसंभाग में बताई थी, उनका बगैर किसी सक्षम अधिकारी द्वारा दिए गए आदेश के बिना त्योंथर में पदस्थापना दर्शाई गई।
टाइमकीपर, इंजीनियर, एसडीओ की सांठगांठ
लोक निर्माण विभाग में जिन 13 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति दर्शाई गई है वह कहां हैं एवं कार्य में है या नहीं इसकी जानकारी टाइमकीपर को होनी चाहिए। बताया गया है कि मुख्यालय में एसडीसी के पद पर पदस्थ सुनील मिश्रा के दबाव में टाइमकीपर फर्जी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं और उससे संबंधित इंजीनियर पास कर एसडीओ से वेतन भुगतान करा रहे हैं। ऐसे में माना यह जा रहा है कि इन 13 कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति एवं फर्जी भुगतान में एसडीसी सुनील मिश्रा के साथ टाइमकीपर, इंजीनियर एवं एसडीओ की मिलीभगत है।
भूत लेता रहा दो साल का वेतन
मनगवां सब डिवीजन में पदस्थ सत्यदेव तिवारी जिनकी मृत्यु 20 जून 2021 को हो गई है उसका वेतन वर्ष 2023 तक आहरण किया गया। ऐसी स्थिति में माना यह जा रहा है कि मृतक सत्यदेव तिवारी अपनी वेतन भूत बनकर लेते रहे हैं। यहां पर यह बता देना जरूरी है कि मृतक सत्यदेव तिवारी एसडीसी सुनील मिश्रा के सगे साले हैं जो वर्ष 2016 से 2023 तक दैनिक वेतन भोगी श्रमिक के पद पर नौकरी किए हैं।

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