नगर प्रतिनिधि, रीवा
जिले में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी २८ अप्रैल से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल में जाने वाले थे। लेकिन हड़ताल में जाने से पहले ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक कलेक्टर और सीएमएचओ को फरमान जारी कर निर्देशित किया है कि हड़ताल में जाने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाय। हालाकि प्रदेश के अन्य जिलों के कर्मचारी २२ अप्रैल से ही हड़ताल में हैं। मिशन संचालक का आदेश जारी होने के बाद देखना यह है कि रीवा जिले के स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर तटस्थ रहेंगें या फिर आदेश के भय से हड़ताल करने का फैसला रद्द कर देंगें।
रीवा साहित 30 हजार से ज्यादा कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। हड़ताली कर्मचारियों पर यह कार्रवाई की जाएगी। प्रदेशभर में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों, अधिकारियों की हड़ताल चल रही है जिससे स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हो गई हैं। ऐसे में हड़ताली कर्मचारियों, अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के मिशन संचालक द्वारा जारी इस आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप की स्थिति है। इसे विभाग की कर्मचारियों, अधिकारियों की छंटनी किए जाने की चेतावनी भी माना जा रहा है। हालांकि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों, अधिकारियों ने हर हाल में अपनी मांगों पर डटे रहने की बात कही है। प्रदेश के अन्य जिलों में 22 अप्रैल से हड़ताली कर्मचारी, अधिकारी प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश के सभी जिलों में चल रही इस हड़ताल का स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है।
किए गए वादों को पूरा नहीं करने से नाराज
संविदा कर्मचारी उनसे किए गए वादों को पूरा नहीं करने से नाराज हैं। मध्यप्रदेश संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का दावा है कि 32000 कर्मचारी, अधिकारी हड़ताल कर रहे हैं। इनमें आशा कार्यकर्ता और एएनएम भी शामिल हैं। हड़ताल के कारण गांवों में तो ज्यादातर स्वास्थ्य केंद्रों में ताले लटक गए हैं। वेक्सीनेशन का काम नहीं हो रहा, कई अस्पतालों में ओपीडी और आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हैं। मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में जाकर इलाज कराना पड़ रहा है।
हड़ताल में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई
प्रदेशभर की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा जाने के बाद हड़ताली कर्मचारियों, अधिकारियों पर सरकार सख्त हो गई है। उनपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के मिशन संचालक द्वारा इस संबंध में सभी कलेक्टरों और जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखकर आदेश जारी कर दिया गया है। पत्र में स्पष्ट कहा गया है हड़ताल में शामिल संविदा कर्मचारियों, अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
लिखित आश्वासन पर ही मानेंगें
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला ईकाइ रीवा के अध्यक्ष विकास पाण्डेय से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि हड़ताल में जाने से पहले २८ अपै्रैल की सुबह उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल से हम लोग मुलकात करेंगें अगर उनके द्वारा मेरी मांगों को पूरा करने के लिए लिखित आश्वासन दिया जाता है तो हड़ताल निरस्त कर दिया जाएगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम संविदा कर्मचारी तब तक हड़ताल में रहेंगें जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं जायेगीं।