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प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा अवैध क्लीनिकों पर की गई बड़ी कार्यवाही

शिवेंद्र तिवारी- 9179259806

प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा अवैध क्लीनिकों पर की गई बड़ी कार्यवाही

अनुविभागीय दंडाधिकारी रघुराजनगर राहुल सिलाडिया के नेतृत्व में तथा जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विजय अरख, सीएमएचओ कार्यालय के लिपिक आशुतोष पयासी एवं पुलिस बल की उपस्थिति में सतना जिले में अवैध रूप से संचालित क्लीनिकों पर व्यापक एवं संगठित कार्रवाई की गई। क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट्स (रजिस्ट्रेशन एवं रेगुलेशन) एक्ट, 2010 के तहत की गई।
कार्यवाही के प्रमुख बिंदु:

1. श्री साई क्लीनिक, राजेन्द्र नगर, गली नंबर-2, सतना:
स्थल पर जांच के दौरान न तो कोई वैध चिकित्सकीय डिग्री प्रस्तुत की गई और न ही कोई चिकित्सकीय योग्यता प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध कराए गए। क्लीनिक में एक व्यक्ति जो स्वयं को सफाईकर्मी बता रहा था, वही मरीजों का उपचार एवं दवाओं का वितरण करता पाया गया। मरीजों से ली गई फीस एवं वितरित दवाइयों का रिकॉर्ड बरामद कर जब्त किया गया। क्लीनिक को तत्काल प्रभाव से सील किया गया।

2. शंकर क्लीनिक, बस स्टैंड, सतना:
बड़ी संख्या में एलोपैथिक दवाइयाँ बिना किसी विधिवत पंजीकृत चिकित्सक की उपस्थिति में पाई गईं। क्लीनिक का संचालन एक अनधिकृत व्यक्ति द्वारा किया जा रहा था। क्लीनिक सील कर अग्रिम विधिक कार्यवाही हेतु रिपोर्ट तैयार की गई।


3. शंभू हॉस्पिटल, माधवगढ़:
निरी
क्षण में पाया गया कि प्रतिष्ठान के पास क्लीनिक रजिस्ट्रेशन नहीं था तथा स्वघोषित डॉक्टर केवल बीएससी और एमए (गैर-चिकित्सा विषय) की डिग्री रखता था। चिकित्सकीय सेवा हेतु वैध योग्यता प्रमाणित नहीं थी। हॉस्पिटल को तत्काल प्रभाव से सील कर आगे विधिक प्रक्रिया शुरू की गई।


4. दीप नारायण गर्ग क्लीनिक:
यहां भी वैध चिकित्सा डिग्री अथवा क्लीनिक रजिस्ट्रेशन प्रस्तुत नहीं किया गया। क्लीनिक को सील कर कानूनी कार्यवाही आरंभ की गई है।


5. दोलन क्लीनिक, माधवगढ़ (रीवा रोड):
एक कथित बंगाली चिकित्सक द्वारा संचालित इस क्लीनिक से भारी मात्रा में इंजेक्शन व अन्य दवाइयाँ बरामद हुईं। दो मरीज भी उपचाररत पाए गए, जिन्हें सरकारी अस्पताल भेजा गया। क्लीनिक बिना पंजीयन पाया गया एवं त्वरित प्रभाव से सील किया गया।
उल्लेखनीय है कि उक्त सभी प्रतिष्ठानों पर क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट्स एक्ट, 2010 की धारा 41 के अंतर्गत उल्लंघन पाये जाने पर तत्काल प्रभाव से सील करने कार्यवाही की गई है। अधिनियम के प्रावधानों के तहत भी प्रकरण पंजीबद्ध किए जाने की कार्रवाई प्रचलन में है। सभी क्लिनिक पर इंजेक्शन का अवैध प्रयोग और लापरवाहीपुर्ण डिस्पोजल करना पाया गया।


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