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5 साल के बच्चे से लेट्रिंन साफ कराने का मामला पकड़ा तूल, भाजपा नेता की हुई गवाही, मानव अधिकार आयोग के सख्ती पर शुरू हुई कार्यवाही

गुरूवार को भाजपा नेता पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच कर दर्ज कराया बयान
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिसद के कार्यकर्ताओं का अनशन प्रदर्शन लाया रंग

नगर प्रतिनिधि, रीवा

5 साल के बच्चे से स्कूल में अभद्रता के मामले में राष्ट्रीय बाल आयोग और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने दो सप्ताह पहले कलेक्टर प्रतिभा पाल को नोटिस जारी किया था। इस मामले में भाजपा नेता गौरव तिवारी मानव अधिकार आयोग में शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता थे। जिन्हें गुरुवार को बयान दर्ज करवाने के लिए पुलिस ने बुलाया। भाजपा नेता ने पूरे मामले में आज एसपी कार्यालय पहुंचकर अपना बयान दर्ज करवाया है। साथ ही स्कूल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। गौरव भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय के राष्ट्रीय सचिव रह चुके हैं। भाजपा नेता गौरव तिवारी ने बताया कि, मैंने आज पूरे मामले में अपने बयान दर्ज करवाए हैं। पुलिस ने मुझे बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया था। स्कूल प्रबंधन के इस कृत्य पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
स्कूल प्रशासन ने धमकाया
परिजन ने शिकायत की तो स्कूल मैनेजमेंट ने धमकाया। मां ने बताया कि बेटा क्लास रूम में था। अचानक उसका स्वास्थ्य खराब हो गया। क्लासरूम में टॉयलेट-लेट्रीन निकल गई। टीचर ने उसे डांटना शुरू कर दिया। वे उसे खींचते हुए वॉशरूम ले गईं। वहां टीचर और आया ने उसके कपड़े उतरवा दिए। एक पतला तौलिया उसके शरीर पर लपेट दिया। फिर बच्चे से ही कपड़े साफ कराए। बेटा ठंड और गलन के बीच सफाई करता रहा। पिता ने कहा कि हमने अगले दिन स्कूल प्रबंधन से मामले की मौखिक शिकायत की थी। इसके बावजूद उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। जब इसकी लिखित शिकायत करने लगे तो स्कूल प्रबंधन ने धमकाना शुरू कर दिया।
स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ एबीवीपी किया था प्रदर्शन
बच्चे के पड़ोस में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का एक कार्यकर्ता रहता है। परिजन से बातचीत के दौरान उसको मामले का पता लगा। वह विद्यार्थी परिषद के अन्य कार्यकर्ताओं के साथ घटना के अगले दिन स्कूल पहुंचा था। मैनेजमेंट के खिलाफ प्रदर्शन किया। तुरंत कार्रवाई के आश्वासन पर प्रदर्शन खत्म किया गया, लेकिन जब कोई एक्शन नहीं हुआ तो कार्यकर्ता बुधवार को भी स्कूल पहुंच गए और नारे लगाए। एबीवीपी जिला संयोजक पीएन पांडेय ने कहा, मासूम बच्चे को गीले जूते-मोजे पहनाकर एक पतले कपड़े से लपेट दिया गया। उसके कपड़े और बैग गलियारे में फेंक दिए गए। बच्चा ठंड में परेशान होता रहा। दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
जानें पूरा मामला
रीवा में 5 साल के बीमार बच्चे ने क्लासरूम में टॉयलेट-लेट्रीन कर ली। क्लास ले रही टीचर ने बच्चे को बुरी तरह डांटा। वह और आया उसे खींचकर बाथरूम में ले गईं। वहां बच्चे की पेंट उतरवाकर उसी से टॉयलेट-लेट्रीन साफ कराया। करीब चार घंटे बिना पेंट खड़ा रखा। कडक़ड़ाती ठंड में खड़ा बच्चा कांपता और सुबकता रहा। जब परिजनों को इस बात का पता चला तो उन्होंने स्कूल प्रबंधन से शिकायत की। लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने लिखित शिकायत दी। इस पर मैनेजमेंट ने धमकाया कि आपको अपना बच्चा आगे पढ़ाना है या नहीं? इस घटना के बाद से बच्चा गुमसुम रहता है। किसी से बातचीत करने से कतराता है। रात में उठकर चिल्लाने लगता है। स्कूल जाने से भी मना कर रहा है। परेशान घर वालों ने जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर से मामले की शिकायत की है। कलेक्टर ने जांच की बात कही है।

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