योजनाओं के लक्ष्य पूर्ति का भी नहीं लगता पता
प्रचार-प्रसार के अभाव में किसान योजनाओं से अनभिज्ञ, मालामाल हो रहा प्रशासनिक अमला
नगर प्रतिनिधि, रीवा
कृषि विभाग में किसानों के लिए कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है। उन गोजनाओं का लाभ पात्र किसानों को नहीं मिल पाता। यहां तक की योजनाओं के लक्ष्य व पूर्ति का भी पता नहीं चल पाता। जबकि खानापूर्ति हो जाती है। खाद्य सुरखा मिशन तिलहन मिशन बीजग्राम मृदा स्वास्थ्य कार्ड नलकूप खनन प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना राष्ठीय कृषि विकास योजना में मिलर मिशान नात्या परियोजना आदि कई योजनाएं है। जो केंद्र एवं राज्य के सहयोग से संचालित कीजाती है। किंतु किसान इन योजना के लाभ से वंचित रह जते है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का हाल
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना 5 संचालित हो रही है। लेकिन किसान इस योजना का नाम तक नहीं जान पाया है कि इससे उसे क्या लाभ मिलता है। वर्तमान में बताया गया है कि इस योजना के तहत बीज वितरण अनुदान किसानों को दिया जाता है 0.400 हेक्टेयर से 2.50 हेक्टेयर तक के सभी वर्ग के कृषकों को इस योजना के तहत 3 हजार रुपए प्रति किटल अनुदान दिया जाता है। किंतु इस योजना से कितने किसानों को इस जिले में लाभान्वित किया गया। कितने किसानों को अनुदान दिया गया। यह खोज का विषय है। इस योजना के तहत पूर्व में भी कार्य योजना के अनुसार किसानों को लाभान्वित करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए। किंतु उनका भी क्रियान्वयन बैंक से नहीं हुआ। वर्तमान समय पर मिलट मिशन पर व्यापक जोर दिया जा रहा है। किसानों को मोटा अन्नाज पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। किंतु इस मिशन को लेकर कृषि विभाग की तरफ से किसानों को कोई जानकारी नहीं दी जाती है।
क्षेत्र में कभी नहीं जाते अधिकारी
ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारी ऊभी भी अपने क्षेत्र में जाते तक नहीं है। वह अपने गांव में आसपास पदस्थ होकर घरों में ही बैठकर नौकरी पकाते रहते। राष्ट्रीय सुरक्षा मिशन इस योजना के तहत सभी वर्ग के पात्र किसानों को क्रापिंग प्रदर्शन एवं फसल प्रदर्शन के लिए 1 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर और 15 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर अनुदान प्रदान किया जाता है। इसी योजना में प्रमाणित बीज वितरण के तहत गेहूं की खेती पर एक हजार रुपए प्रति किंटल चना एवं मसूर के लिए 25 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना सौ रुपए प्रति हेक्टेयर सिंचाई में कृषि मंत्र वितरण पाइप लाइन केिि लए 15 हजार रुपए या 50 प्रतिशत जो भी कम हो स्प्रिंकलर के लिए बड़े कृषकों को लागत का 45 प्रतिशत और लगभग सीमांत कृषको को 5 प्रतिशत अधिकतम 12 046 रुपए पंप सेंट के लिए 70 हजार आधार एवं प्रमाणित बीज उत्पादन के लिए दलहन फस्लों के लिए 5 हजार रुपए प्रति किंटल को दर से अनुदान का प्रावधान है। इसी प्रकार क्रापिग सिस्टम प्रशिक्षण पर 14 हजार रुपए प्रति प्रशिक्षण स्मग का नियम है। किंतु दुर्भाग्य है। कि मिशन की इन योजनाओं की जानकारी किसानों तक नहीं पहुंच पाती कृषि विभाग के भ्रस्ट अधिकारियों का गिरोह कमीशन खानी के लिए कुछ चिन्हित किराने की सूची पहले से ही तैयार कर लेता है। और सप्लायरों से फिक्सिंग करके अनुदान में करोड़ रुपए का मोहाला करता रहता है। इस योजना के तहत स्प्रिंकलर सेट के लिए जहां 12046 रुपए का अनुदान दिया जाता है। बड़े किसानों को 45 प्रतिशत को सीमांत किसानों को 55 प्रतिशत अनुदान दिया जा है। उसी योजना के तहत बलराम तालाब योजना का भी क्रियान्वयन किया जाता है। जहां पात्र हितग्राहियो को लागत का 40 प्रतिशत या अधिकतम 50 हजार रुपए अनुदान दिया जाता है। जबकि एससीएसटी हितग्राहियों को लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 1 लाख रुपए कर अनुदान दिया जाता है। जिले में बलाम तालाब की जांच की जाए तो कागजों में कई तालाब निर्मित होना मिल सकते हैं। किंतु जमीन में कोई बलराम तालाब नहीं मिल पाता है। इसने समझा जा सकता है। कि बलराम तालाब के नाम पर भी कृषि विभाग के किसानों के नाम पर कमीशन का बड़ा खेल हो चुका है।