एंटी रैगिंग पर नहीं लगा प्रतिबंध तो संस्था प्रमुखों के विरूद्ध होगी कार्यवााही
यूजीसी ने कहा रैगिंग एक आपराधिक अपराध है, इसका बंद होना जरूरी
संस्थानों में एंटी रैगिंग कमेटी और दस्ते का गठन करने का भी निर्देश
नये विश्वविद्यालयों को खालने के लिए घटाया गया भूमि सीमा का प्रतिबंघ
नगर प्रतिनिधि, रीवा
यूजीसी ने रैगिंग को लेकर जहां सख्ती बरतते हुए विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय प्राचार्यों को निर्देश जारी कर एन्टी रैगिंग में लगाम लगाने के लिए कहा है वहीं नये विश्वविद्यालय खोले जाने को लेकर ४० एकड़ भूमि सीमा के वजाय २० एकड़ में नया विश्वविद्यालय खोले जाने का फरमान जारी किया है। यूजीसी के नये दिशा-निर्देश से उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना और संचालन के लिए यह महत्वपूर्ण कदम माना रहा है।
अनुपालन न करने पर होगी कार्रवाई
यूजीसी ने उच्च शिक्षा संस्थानों को एंटी-रैगिंग नियमों को लागू करने का निर्देश दिया है। नियमों का उल्लंघन होने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। इस संबंध में नोटिस जारी किया है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने एकबार फिर उच्च शिक्षा संस्थान परिसर में रैगिंग को लेकर सख्ती दिखाई है। कॉलेज और विश्वविद्यालयों को एंटी-रैगिंग उपायों को लागू करने का निर्देश दिया है। नोटिफिकेशन जारी किया है। नोटिस में आयोग ने कहा कि, रैगिंग एक आपराधिक अपराध है और यूजीसी ने रैगिंग की समस्या को रोकने, और खत्म करने के लिए नियम बनाए हैं। ये नियम अनिवार्य हैं और सभी संस्थानों को निगरानी तंत्र सहित इसके पूर्ण कार्यान्वयन के लिए जरूरी कदम उठाने की जरूरत है।
उच्च शिक्षा संस्थानों को दिए गए ये निर्देश
संस्थानों को एंटी-रैगिंग कमिटी और दस्ते का गठन करने का निर्देश यूजीसी ने दिया है। महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और एंटी-रैगिंग सेल की स्थापना करने को भी कहा गया है। कॉलेज और यूनिवर्सिटी को एंटी-रैगिंग कार्यशालाएं और सेमीनार का आयोजन करने का निर्देश भी दिया गया है। नोडल अधिकारियों की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करने का अनुरोध भी आयोग ने किया है। छात्रों से नियमित बातचीत और परामर्श, ई-प्रोस्पेक्टस और ई-सूचना पुस्तिकाओं/ब्रोशर में एंटी-रैगिंग चेतावनी, समस्या पैदा करने वाले तत्वों की पहचान करने का निर्देश भी दिया गया है। हॉस्टल, कैंटीन, शौचालय इत्यादि का निरक्षण और प्रमुख संस्थानों पर एंटी-रैगिंग पोस्टर लगाने का निर्देश यूजीसी ने दिया है।
नियमों का उल्लंघन करने पर होगी कारवाई
यूजीसी द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक नियमों के उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा। यदि कोई कॉलेज या विश्वविद्यालय नियमों के अनुसार काम नहीं करता है या रैगिंग करने वालों के खिलाफ नहीं करता है और नियमों का अनुपालन करने में विफल होता है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
रैगिंग से जुड़ी घटनाओ के लिए हेल्पलाइन जारी
रैगिंग की घटनाओं से परेशान छात्र नेशनल एंटी रैगिंग हेल्पलाइन 1800-180-5522 टोल फ्री नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
अब 40 एकड़ नहीं 20 एकड़़ में खुलेगे विश्वविद्यालय
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की उच्चस्तरीय समिति ने पहली बार विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए भूमि आवश्यकताओं से जुड़े नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों के तहत, अब विश्वविद्यालयों के लिए आवश्यक भूमि सीमा घटाकर 20 एकड़ कर दी गई है, जो पहले 40-60 एकड़ हुआ करती थी। इन नए नियमों का उद्देश्य अधिक संस्थानों की स्थापना में सहूलियत प्रदान करना और राष्ट्रीय शिक्षा 2020 के लक्ष्यों को प्राप्त करना है।
यूजीसी के नए दिशा-निर्देशों के तहत, अब एक विश्वविद्यालय के लिए 20 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी, जिसमें से 40त्न हिस्सा खुला क्षेत्र होगा। इससे पहले, विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए 40-60 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती थी। वहीं, केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए 500 एकड़ जमीन जरूरी थी। नए नियमों के अनुसार, महानगरों और पहाड़ी क्षेत्रों में विश्वविद्यालय के लिए 10 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी, जिसमें से तीन एकड़ पर हरियाली होगी।
शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए खुला क्षेत्र अनिवार्य
यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार ने बताया कि इन दिशा-निर्देशों के अनुसार, विश्वविद्यालयों में खुले क्षेत्र अनिवार्य होंगे। इन क्षेत्रों में हरियाली, घूमने और बैठने की जगह, योग केंद्र और जिम बनाए जाएंगे, ताकि विद्यार्थियों की शारीरिक और मानसिक सेहत का भी ध्यान रखा जा सके।