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विंध्य भारत की 10 जनवरी की खबर पर प्रदेश भाजपा हाई कमान ने लगाई मुहर, आरएसएस का दबदबा रहा बरकरार अब रीवा जिले में भाजपा की कमान वीरेंद्र गुप्ता के हाथों

वैश्य समाज में भारी उत्साह का माहौल, काफी अरसे से कर रहे थे मांग

विशेष संवाददाता , रीवा

भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई द्वारा जिलेवार जिला अध्यक्षों की सूची में आज रीवा का भी नाम आ गया। जिसमें वरिष्ठ भाजपा नेता वीरेंद्र गुप्ता का नाम घोषित किया गया है। इस नाम की घोषणा की खबर शहर में आते ही लोगों ने काफी खुशी जाहिर की वहीं सर्वाधिक खुशी वैश्य समाज और व्यापारी वर्ग में देखने को मिली है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इसके पहले मऊगंज जिला अध्यक्ष के रूप में राजेंद्र मिश्र को घोषित कर दिया गया था। इसके बाद से अटकलें का बाजार और गर्म हो गया था। यहां यह उल्लेखनीय है कि पिछले 15 दिनों से रीवा जिला भाजपा अध्यक्ष की तलाश की जा रही थी। अंतिम नाम वीरेंद्र गुप्ता के रूप में चयनित किया गया। 56 वर्षीय वीरेंद्र गुप्ता रीवा नगर निगम में महापौर के रूप में भी निर्वाचित हो चुके हैं और उन्होंने वर्ष 2004 से 2009 के बीच का कार्यकाल पूरा किया था। अब जिले की कमानसन पर जाने के बाद से एक बार फिर राजनीतिक समीकरण बदलने की संभावनाएं हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अति करीबी श्री गुप्ता की नियुक्ति कई मायनो में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। विदित हो कि वीरेंद्र गुप्त संगठन के निचले स्तर से लेकर प्रदेश संगठन इकाई तक के महत्वपूर्ण पदों पर भी काम कर चुके हैं अब एक बार उन्हें पुन: जिला इकाई के अध्यक्ष के रूप में नए दायित्व सौंपा जा रहा है। वीरेंद्र गुप्त के अध्यक्ष बनाए जाने के बाद उनके खेमे में हर्ष का माहौल है जबकि दूसरा अन्य पक्ष इस बात को लेकर दुखी है कि उनका दबदबा नहीं चल पाया। अत्यंत मृदु भाषी और सौम्य सरल स्वभाव के वीरेंद्र गुप्ता पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच एक अपनी अलग पकड़ रखते हैं तथा संगठन के पदाधिकारी से भी उनके अच्छे संबंध रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि यह प्रदेश भाजपा इकाई ने पिछले 7 जनवरी को ही ले लिया था। इसकी सूचना भी श्री गुप्त के पास आ गई थी इसके फल स्वरुप ही वह मां शारदा का आशीर्वाद लेने मैहर गए हुए थे।

दो बार खा चुके हैं गच्चा भी
ऐसा नहीं है कि वीरेंद्र गुप्त राजनीति के मैदान में हमेशा सफल ही रहे हो। दो ऐसे भी मौके आए हैं जब उन्हें हार का भी सामना करना पड़ा था। पहली बार नगर निगम के चुनाव में पार्षद का टिकट दिया गया था और वह हार गए थे इसी प्रकार जब प्रत्यक्ष रूप से भाजपा के चुनाव हुआ करते थे तब उन्होंने नगर अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ा था लेकिन वहां पर भी दुर्भाग्य से हार गए थे। लेकिन संगठन की प्रति वफादारी में उन्होंने कभी कोई कोताही नहीं की और लगातार छोटे से छोटे और बड़े से बड़े दायित्व को निभाने के लिए तत्पर रहते थे। उसी का परिणाम था कि भाजपा ने उन्हें जिला अध्यक्ष के रूप में नवाजा है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से रहा है दिल से नाता
वीरेंद्र गुप्त बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में जाते रहे हैं और उनकी राजनीतिक शिक्षा भी वहीं से रही है। भाजपा नगर मंत्री और महामंत्री के रूप में भी इनका कार्यकाल था। उसके बाद भारतीय जनता पार्टी व्यापारी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष मंडल अध्यक्ष के अलावा प्रदेश मंत्री के रूप में भी काम करने का अनुभव होने के साथ 5 साल तक रीवा नगर निगम के महापौर भी रहे। माना जाता है कि इन्हें प्रशासनिक अनुभव भी अच्छा खासा है।
नहीं लगा है अब तक कोई दाग, सौम्य सहज व्यक्तित्व के धनी भी वीरेन्द्र
सबसे बड़ी बात यह है कि महापौर के अलावा अन्य पदों पर भी काम कर चुके वीरेंद्र गुप्ता पर अभी तक किसी प्रकार का कोई दाग नहीं लगा है। इसलिए उनकी छवि काफी स्वच्छ तथा मिलनसार मानी जाती है। महापौर रहते हुए उनके कार्यकाल में कई अच्छे कार्य अभी भी गिने जाते हैं और काफी लोगों की मंशा यह थी कि लंबे समय से हाशिए पर चल रहे वीरेंद्र गुप्त को कोई बेहतर दायित्व सौंपा जाए ताकि उनकी प्रतिभा का उपयोग हो सके। शहर में वीरेंद्र गुप्ता की नियुक्ति की खबर के बाद व्यापारी और वैश्य समाज काफी प्रसन्न है क्योंकि यहां का व्यापारी समाज एक लंबे समय से यह मांग कर रहा था उनके समाज को उच्च ओहदे पर प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा के कद्दावर नेता और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भी इन्हीं स्थितियों को देखते हुए वीरेंद्र गुप्ता के नाम पर मोहर लगा दी। अंतत: वीरेंद्र गुप्ता अब अगले 3 साल के लिए जिला अध्यक्ष मनोनीत हो गये।

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