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संगठन को भाजपा जिला अध्यक्ष चयनित करने में लग गए पूरे 10 दिन, रीवा में वीरेंद्र गुप्ता और मऊगंज में राजेंद्र मिश्रा फाइनल

रीवा में अध्यक्ष पद के लिए कई थे दावेदार, अंत में वीरेंद्र गुप्ता का नाम किया गया फाइनल

विशेष संवाददाता, रीवा

ढूंढते ढूंढते आखिर भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई संगठन ने रीवा का नया भाजपा जिला अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता के रूप में ढूंढ निकाला है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अति करीबी श्री गुप्ता की नियुक्ति कई मायनो में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उधर मऊगंज में 1 साल का कार्यकाल पूर्ण करने वाले राजेंद्र मिश्र को दोबारा के कार्यकाल के लिए नामित किया गया है। हालांकि अभी आधिकारिक घोषणा पार्टी की ओर से नहीं हुई है लेकिन हमारे पुख्ता सूत्रों का दावा है कि यह नियुक्तियां अंतिम और फाइनल है।
वर्ष 2004 से 2009 तक रीवा नगर निगम के महापौर रहे वीरेंद्र गुप्त संगठन के निचले स्तर से लेकर प्रदेश संगठन इकाई तक के महत्वपूर्ण पदों पर भी काम कर चुके हैं अब एक बार उन्हें पुन: जिला इकाई के अध्यक्ष के रूप में नए दायित्व सौंपा जा रहा है। वीरेंद्र गुप्त के अध्यक्ष बनाए जाने के बाद उनके खेमे में हर्ष का माहौल है जबकि दूसरा अन्य पक्ष इस बात को लेकर दुखी है कि उनका दबदबा नहीं चल पाया। अत्यंत मृदु भाषी और सौम्य सरल स्वभाव के वीरेंद्र गुप्ता पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच एक अपनी अलग पकड़ रखते हैं तथा संगठन के पदाधिकारी से भी उनके अच्छे संबंध रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि यह डिसीजन 7 जनवरी को ही ले लिया गया था और इसकी सूचना भी श्री गुप्त के पास आ गई थी इसके फल स्वरुप ही वह मां शारदा का आशीर्वाद लेने मैहर गए हुए थे। तब प्रयास लगाए जा रहे थे कि वह जिला अध्यक्ष बनने जा रहे हैं और गुरुवार 9 जनवरी को सायं काल फाइनल तौर पर उनका नाम सामने आया है।
बचपन से जुड़े हैं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से
वीरेंद्र गुप्त बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में जाते रहे हैं और उनकी राजनीतिक शिक्षा भी वहीं से रही है। भाजपा नगर मंत्री और महामंत्री के रूप में भी इनका कार्यकाल था। वर्ष 1997 में नगर अध्यक्ष का चुनाव भी लगा था लेकिन उस समय के दबंग भाजपा नेता रमेश चंद्र दुबे से छह मतों से हार गए थे। उसके बाद भारतीय जनता पार्टी व्यापारी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष मंडल अध्यक्ष के अलावा प्रदेश मंत्री के रूप में भी काम करने का अनुभव होने के साथ 5 साल तक रीवा नगर निगम के महापौर भी रहे। माना जाता है कि इन्हें प्रशासनिक अनुभव भी अच्छा खासा है।
नहीं लगा है अब तक कोई दाग
सबसे बड़ी बात यह है कि महापौर के अलावा अन्य पदों पर भी काम कर चुके वीरेंद्र गुप्ता पर अभी तक किसी प्रकार का कोई दाग नहीं लगा है। इसलिए उनकी छवि काफी स्वच्छ तथा मिलनसार मानी जाती है। महापौर रहते हुए उनके कार्यकाल में कई अच्छे कार्य अभी भी गिने जाते हैं और काफी लोगों की मंशा यह थी कि लंबे समय से हाशिए पर चल रहे वीरेंद्र गुप्त को कोई बेहतर दायित्व सौंपा जाए ताकि उनकी प्रतिभा का उपयोग हो सके। शहर में वीरेंद्र गुप्ता की नियुक्ति की खबर के बाद व्यापारी और वैश्य समाज काफी प्रसन्न है क्योंकि यहां का व्यापारी समाज एक लंबे समय से यह मांग कर रहा था उनके समाज को उच्च ओहदे पर प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा के कद्दावर नेता और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भी इन्हीं स्थितियों को देखते हुए वीरेंद्र गुप्ता के नाम पर मोहर लगा दी। अंतत: वीरेंद्र गुप्ता अब अगले 3 साल के लिए जिला अध्यक्ष मनोनीत हो जाएंगे।

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