निर्माण कार्य रोकने वालों को पुलिस ने लिया अपने कब्जे में और ले गई थाने
मामला पूर्व विधायक स्व वृंदा प्रसाद की जमीन से जुड़ा हुआ
विशेष संवाददाता, रीवा
शहर में स्थित बोदा बाग मोहल्ले में एक बार फिर आज सडक़ निर्माण को लेकर प्रशासन और पट्टाधारी भू स्वामियों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित रही लेकिन प्रशासन द्वारा पुलिस को बुला लिए जाने के बाद सभी उन लोगों को पुलिस प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया जो इसका विरोध कर रहे थे और उसके बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि यह विवाद पिछले 1 महीने से बना हुआ है। नीम चौराहा बोदाबाग स्थित सडक़ के किनारे में कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष और पूर्व विधायक स्वर्गीय वृंदा प्रसाद की जमीन थी। इस जमीन पर इन्होंने दुकान आदि बनवाकर किराए से दे दिया था। पिछले महीने जब सडक़ का चौड़ीकरण शुरू हुआ तो उसमें पूर्व विधायक की जमीन फस रही थी। प्रशासन ने पूरे घर को बुलडोजर लगाकर जमीदोज कर दिया था। इस मामले में प्रशासन पर काफी गंभीर आरोप भी लगाए थे और कांग्रेस ने इसका जमकर विरोध जताया था। यह मामला कुछ दिन तक शांत रहा लेकिन एक बार फिर जब सडक़ निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई तो उन्हीं लोगों ने सडक़ के निर्माण को यह कहकर रोकने का प्रयास किया कि यह जमीन निजी आराजी की है, इस पर निर्माण कार्य नहीं हो सकता है। ठेकेदार ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी प्रशासन को दे दी तो प्रशासन की ओर से तहसीलदार शिव शंकर शुक्ला वहां पर पहुंचे और इस दौरान कई कांग्रेसी नेता समेत पूर्व विधायक बिंद्रा प्रसाद की पत्नी भी पहुंच गई जिन्होंने तेजी से विरोध करना शुरू कर दिया। इस बीच तहसीलदार ने स्थानीय पुलिस बल को बुला लिया और पहले तो समझाइस दी लेकिन जब बात बनती नहीं दिखाई दी तो पुलिस वालों से उन्होंने सभी लोगों को अपने कब्जे में लेने के लिए कह दिया।
इतना कहते ही पुलिस ने सभी लोगों को अपनी कस्टडी में ले लिया और थाने ले गई। उधर निर्माण कार्य फिर शुरू कर दिया गया है। कांग्रेस के लोगों का कहना था कि वर्तमान भाजपा सरकार में नियम कायदा का कोई मतलब नहीं है केवल अपने हिसाब से काम करते हैं, आरोप यह भी लगाया गया कि एक नेता को खुश करने के लिए यह सब किया जा रहा है। उधर तहसीलदार शिव शंकर शुक्ला ने कहा कि निर्माण कार्य अवरुद्ध करना शासकीय काम में बाधा डालना है और कुछ लोग इस कार्य में बाधा डाल रहे थे इसलिए यह कार्रवाई करनी पड़ी।