नगर प्रतिनिधि, रीवा
जिले में ही नहीं बल्कि संभाग के कई धान खरीदी केन्द्रों में भ्रष्ट्रचार तथा अनियमितता का आलम देखने को मिल रहा है। जहां एक तरफ फर्जी रजिस्ट्रेशन के आधार पर व्यापारी और किसान धान बेंच रहे हैं वहीं खरीदी केन्द्रों में संलग्र कर्मचारियों के कारण किसानों के धन की सही तौलाई और इन्ट्री नहीं हो रही है।
राज परिवार के मृतक सदस्य के नाम रजिस्ट्रेशन
धान खरीदी के दौरान फर्जीवाड़े के नित नए मामले सामने आ रहे हैं. अब मामला मैहर जिले के अमरपाटन का है. यहां 24 वर्ष पहले मृत व्यक्ति का नाम पर धान खरीद पोर्टल में दर्ज करा दिया गया. मृतक के नाम से धान खरीदी होनी थी, लेकिन इससे पहले ही मामला खुल गया. मामला इसलिए और गंभीर हो गया कि ये मृत व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि रीवा रियासत महाराजा के भाई हैं।
बता दें कि हाल में ही सतना और मैहर जिले में महिला स्व सहायता समूह द्वारा धान खरीद केंद्र पाने के लिए फर्जी बैंक स्टेटमेंट लगाए थे. यह फजऱ्ीवाड़ा धान में अधिक लाभ लेने के लिए समिति प्रबंधकों द्वारा किया गया. अब अमरपाटन में 24 साल पहले मृत व्यक्ति की भूमि पंजीयन में शामिल कर दिया गया. मामले के अनुसार अमरपाटन जिले के ग्राम आनंदगढ़ निवासी मृत दादू जगदीश जू देव का नाम धान पंजीयन के भूस्वामी के रूप में सामने आया है।
समिति प्रबंधक की मिलीभगत से रीवा रियासत महाराजा मार्तण्ड सिंह जू देव के भाई दादू जगदीश जू देव की भूमि का पंजीयन शामिल किया है. वहीं, किसान रावेंद्र पांडेय ने भी आरोप लगाते हुए कहा मैंने भूमि पंजीयन का आवेदन किया मगर उसको निरस्त कर दिया गया, मेरी भूमि किसी अन्य के खाते में दिखाई दे रही. जब धान बेचने जाता हूं तो कम कीमत पर ली जा रही है. वहीं, इतिहासकार सीतासरन गुप्ताने बताया दादू जगदीश महाराज मार्तण्ड सिंह के सौतेले भाई थे. आनंदगढ़ की रियासत उनको हिस्से में मिली थी, तब से वो यही रहते थे. 24 साल पहले उनकी मृत्यु हो गयी थी।
291 बोरी बेची, 271 की हुई एंट्री
मऊगंज कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर किसान मुनेंद्र पटेल ने सोमवार को धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। किसान का आरोप कि धान की तौलाई कराने के बाद गिनती कराई गई है। मुझे 291 बोरी की पावती भी दी गई है। और फीडिंग 271 बोरी की की गई है। 20 बोरी धान की धोखाधड़ी की गई है। इसे लेकर किसान ने जल्द कार्रवाई की मांग की है।
दरअसल, मऊगंज जिले के सेवा सहकारी समिति खैरा में किसान मुनेंद्र कुमार पटेल पिता राम सुशील पटेल निवासी तमरादेश द्वारा 291 बोरी धान उप समिति केंद्र पर बेचा था। उन्हें समिति ने 291 बोरी धान की रिसीविंग भी दी। लेकिन, फीडिंग 271 बोरी की गई। हालांकि, जब किसान ने मोबाइल में मैसेज देखा, तो किसान के नीचे से जमीन ही खिसक गई। वह सर्वेयर अनिल मिश्रा से संपर्क करने का प्रयास किया और कहा- हमने 291 बोरी की धान बिक्री की है। मेरे में मैसेज 271 बोरी का आया है। इस पर सर्वेयर ने कहा- इसी तरह फीडिंग होती है। ऐसे में किसान ने परेशान होकर सोमवार को पीडि़त किसान कलेक्ट कार्यालय पहुंचकर अपनी फरियाद सुनाई है।
20 बोरी धान कम दी गई समिति प्रबंधक
राघवेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि किसान के द्वारा समिति से 300 बोरी बारदाना धान भरने के लिए लिया है। जिसमें किसान 291 बोरी की गिनती धान की दे दिए। इनके पास 28 बोरी बारदाना खाली भी बचा हुआ था। किसान को 291 बोरी की पावती भी हमने दे दिया। जब हमने दोबारा गिनती की, तो इनके द्वारा 20 बोरी धान कम दी गई है। जिसकी वजह से 271 बोरी की ही फीडिंग कराई गई है।
जांच के बाद होगी कार्रवाई
जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति मऊगंज प्रभारी अधिकारी अनिल गुप्ता ने बताया कि मामला जानकारी में आया है। वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक और प्रशासक मुन्ना लाल साकेत को जांच सौंपी गई है। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे। आरोपी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।