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स्टाफ नर्स की डिलेवरी दौरान जीएमएच में मौत, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया आरोप

नगर प्रतिनिधि, रीवा

शनिवार दोपहर नॉर्मल डिलीवरी के बाद एक महिला की मौत हो गई। बताया गया कि महिला को शुक्रवार दोपहर इलाज के लिए अस्पताल में लाया गया था। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर्स ने मौत के बाद भी खून चढ़ाया। लेकिन जब जरूरत और हालत गंभीर थी, तब खून नहीं मिला। इसी वजह से मौत हुई। परिजनों का कहना है कि जब पंकजा पटेल नाम की महिला को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उस समय उसकी हालत सामान्य थी। प्रसव के बाद भी महिला बातचीत कर रही थी। लेकिन प्रसव के बाद भी चीरा लगाया गया। अधिक खून बह जाने की वजह से महिला की मौत हो गई। मृतिका झिन्ना सीएचसी में स्टाफ पद पर पदस्थ थी।
आरोप- ब्लड के अभाव में मौत हो गई
परिजन राजकिशोरी और चंपा पटेल ने बताया कि पंकजा पटेल की मौत केवल डॉक्टरों की लापरवाही से हुई है। पति पंकज पटेल दमोह में रहकर नौकरी करते हैं। पिता और अन्य परिजनों ने लाकर महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। भर्ती करने के बाद इंजेक्शन दिया गया। प्रसव की नौबत आ गई लेकिन कोई भी ध्यान नहीं दे रहा था। बार-बार रिक्वेस्ट की गई लेकिन तत्काल वहां पर कोई नहीं पहुंचा। देखते ही देखते शरीर का ज्यादातर खून बह गया। प्रसूता की हालत बिगडऩे पर चिकित्सकों ने परिजनों से ब्लड की व्यवस्था करने को कहा। इसके बाद परिजन ब्लड के लिए जिम्मेदारों के चक्कर काटने लगे और जब खुद ब्लड देने के लिए ब्लड बैंक पहुंचे तो वहां ब्लड निकलवाने के लिए तकरीबन 2 घंटे का इंतजार करना पड़ा। इस बीच प्रसूता की ब्लड के अभाव में मौत हो गई। उन्होंने कहा कि प्रसूता को भर्ती करने के बाद सारी दवाइयां बाहर से लिखी जा रही थीं और हर बात के लिए पैसे मांगे जा रहे थे।
परिजन बोले- हमने बार-बार गुहार लगाई
परिजन लाल मणि पटेल निवासी विगौरी अमरपाटन ने बताया कि मेरी बेटी की जान लापरवाही की वजह से हुई है। हम बार-बार कह रहे थे कि बहुत खून बह रहा है। तो नर्स और स्टाफ ने कहा कि खून बह रहा है तो बहने दो, हमने उनसे विनती भी की। हमने कहा कि अभी हमारे बेटी की हालत ठीक है, लेकिन लगातार खून बह रहा है। अगर ठीक नहीं हुआ तो उसे कुछ हो जाएगा। लेकिन हमें डांट कर वहां से भगा दिया। हमारी एक नहीं सुनी। उल्टा अस्पताल के गार्ड और नर्स लगातार पैसे की डिमांड कर रहे थे। मैंने कितना पैसा बाट दिया, ताकि किसी तरह मेरी बेटी की जान बच जाए। अगर अस्पताल के सीसीटीवी चेक करवाए जाएं तो इसकी पुष्टि हो जाएगी। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने मेरी बेटी की जान ले ली। जबकि नॉर्मल डिलीवरी के बाद वो हमसे बातचीत कर रही थी। क्या कोई मुझे मेरी बेटी लौटा सकता है?

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