नगर प्रतिनिधि, रीवा
हाथियों का एक दल रास्ता भटक कर शनिवार की रात मुकुंदपर के आसपास पहुंच गया था। हाथियों के दल पहुंचने से सिर्फ आम जनता ही नहीं बल्कि जंगल विभाग के कर्मचारी भी सख्ते में आ गये थे। रविवार को सुबह से ही जंगल विभाग के कर्मचारी और स्थानीय लोगों की मदद से हाथियों के दल का रुख देवलौंद ब्योहारी की तरफ किया गया। बताया गया है कि इस समय हाथियों का दल छूहिया घाटी को पार करते हुए सरिया घाटी के आस-पास विचरण कर रहे हैं। शहडोल जिला के वनकर्मी उन्हे अब ब्योहारी के जंगल के तरफ ले जाने के प्रयास में हैं।
रीवा के वनकर्मी भी रहे अलर्ट
रीवा की सीमा के करीब पहुंचे मुकुंदपुर में मूव्हमेंट के बाद रीवा के भी वन अधिकारी अलर्ट मोड पर आ गए थे। मुकुंदपुर का जंगल रीवा से जुड़ा हुआ है। रीवा की तरफ भी हाथियों का झुंड बढ़ सकता था। गोविंदगढ़, बैसा, पढ़ोखर की तरफ भी इनका मूव्हमेंट हो सकता था। यही वजह है कि रीवा वन विभाग की टीम को भी अलर्ट कर दिया गया था।
हाथी भटक कर पहुंचे रहे हैं दूसरे इलाके
छत्तीसगढ़ से हाथियों का झुंड सिंगरौली से संजय टाइगर रिजर्व डुबरी तक पहुंचते थे। हाथियों का कोरीडोर बना हुआ था। पिछले दिनों सिंगरौली में कई हाथियों की मौत के बाद पूरे प्रदेश में हडक़ंप मच गया था। इस मामले में कई अधिकारियों पर गाज भी गिरी थी। सीएम ने हाथियों की मौत के बाद टास्क फोर्स गठन का भी फैसला लिया है। हाथियों की सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार कुछ ज्यादा की एक्टिव है। ऐसे में हाथियों का मूव्हमेंट कारीडोर को तोड़ रहा है। हाथी अपने रास्ते से भटक कर दूसरे क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं। एक दिन पहले एक हाथी का बच्चा भटकते हुए मुकुंदपुर पहुंच गया था। जहां करंट लगने से उसकी मौत हो गई। हाथी का बच्चा अकेले नहीं है। उसके साथ करीब दो दर्जन हाथियों का झुंड आया है। मुकुंदुपर के जंगल और गांव में हाथियों ने डेरा डाल लिया है। हाथियों के मूव्हमेंट की खबर लगते ही वन विभाग की नींद उड़ी हुई है। हाथियों के लोकेशन ट्रैस करने के साथ ही उनके मूव्हमेंट पर नजर रखी जा रही है। रात में मुकुंदुपर के गांवों की तरफ हाथियों के मूव्हमेंट की जानकारी लगते ही कई वन परिक्षेत्रों की टीम मौके पर पहुंची। इसमें मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडियाघर की टीम और एक्सपर्ट भी शामिल रहे। टीम ने लोकेशन ट्रेस करने के साथ ही हाथियों को गांव से दूर करने की कोशिश की। हाथियों के झुंड में वयस्क के साथ ही बच्चे भी हैं। इनक संख्या 20 से भी अधिक है।
अंधेरा आ रहा था आड़े
देर रात को पूरी टीम मुकुंदपुर में मौजूद रही। मुकुंदपुर, मझिगवां, मैहर, मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडियाघर की टीम ने मौके पर डेरा डाल लिया था। अंधेरो होने के कारण हाथियों को लोकेट करने में टीम को जरूर दिक्कतें आ रही थी लेकिन सभी वनकर्मी क्षेत्र में डटे रहे। हाथियों की टीम को मुकुंदपुर से वापस ब्यौहारी तरफ भेजने की कोशिश में टीम लगी हुई थी। टीम का सबसे पहला टारगेट ग्रामीणों को हाथियों के हमले से सुरक्षित करना है। पहली बार इस तरफ पहुंचा हाथियों का झुंड ऐसा पहली बार हुआ है कि हाथियों का झुंड भटक कर मुकुंदपुर के जंगल की तरफ मूव्ह किया है। इसके पहले कभी भी हाथी रीवा और सतना के जंगल तक नहीं पहुंचे। उनका कोरीडोर फिक्स है। छत्तीसगढ़ से सिंगरौली और संजय टाइगर रिजर्व डुबरी तक ही इनकी सीमाएं थी लेकिन अब वह रास्ता भटक कर मुकुंदपुर तक पहुंच रहे हैं। हाथियों के मूव्हमेंट ने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की टेंशन बढ़ा दी है। इसके अलावा ग्रामीण भी दहशत में आ गए हैं।