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नगर पालिक निगम रीवा ने समदडिय़ा बिल्डर को दिया जोर का झटका धीरे से, कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में अब नहीं होंगे विवाह और राजनीतिक कार्यक्रम

नगर निगम ने अनुबंध की शर्तों में किया संशोधन, नई शर्तों का पालन करना अनिवार्य
सरकारी कार्यक्रमों का किराया अपने मंथली किराए में एडजस्ट करवा रहा था ठेकेदार
कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम के रखरखाव ठेका शर्तों का नहीं हो रहा था पालन

विशेष संवाददाता, रीवा

पुनर्धनत्वीकरण योजना के तहत हाउसिंग बोर्ड द्वारा बनाए गए कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम की शर्तों में ननि ने बदलाव किया है। अब नई शर्तों के अनुसार यहां विवाह और राजनीतिक कार्यक्रमों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है ।
इस संबंध में हमारे सूत्रों ने बताया है कि ऑडिटोरियम के रखरखाव की जिम्मेदारी संभाल रहे ठेकेदार को परिसर के बाहर की आय का भी ब्योरा देना होगा। हाउसिंग बोर्ड से ऑडिटोरियम भवन हस्तांतरित होने के बाद ननि ने परिषद के प्रस्ताव के बाद 19 सितंबर 2018 को समदडिया बिल्डर्स जबलपुर को रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी थी। रीवा नगर निगम ने कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में नई शर्तों के अनुसार विवाह और राजनीतिक कार्यक्रमों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया हैं। प्रतिबंध लगने के बाद जहां ठेकेदार समदडिया बिल्डर्स अब परेशान हैं । वही पूरी तरह से अब राजनीतिक स्तर पर अपने दांव पेंच लगाने का प्रयास भी कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो समदडिया बिल्डर्स जबलपुर पर प्रदेश सरकार की छत्र-छाया बनी है जिसके चलते शहर में जितने भी ठेके होते हैं, उसमें से 90 प्रतिशत ठेके समदडिया बिल्डर्स को ही मिलता रहा है। अब ऐसे में देखना है कि प्रदेश सरकार कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में लगे इस प्रतिबंध पर अपने स्तर पर किस तरह का निर्णय लेती है। कुछ महीने पहले ननि आयुक्त ने मेयर इन काउंसिल में तीन कंडिकाओं में संशोधन की बात की थी। मेयर इन काउंसिल ने तीन और बिंदुओं को जोड़ते हुए परिषद को प्रेषित किया था। परिषद में भी ठेका अनुबंध की शर्तों के संशोधन को अनुमति दे दी है।
इस मामले में ननि के अलावा दूसरे विभागों के जो कार्यक्रम आयोजित कराए जाते थे, उसमें आयुक्त से पत्र लिखवाकर विभाग रुपए देने से बचते रहे हैं। ठेकेदार द्वारा उक्त कार्यक्रमों को मासिक किराए में समायोजित करने की बात कही थी। इसी के चलते कई महीने के किराया भुगतान में विलंब से होता रहा है। नगर निगम परिषद में लाए गए इस प्रस्ताव में कहा गया है कि ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया, एम्पिथिएटर आदि के संचालन संधारण की जिम्मेदारी दी गई थी। मासिक प्रीमियम का भुगतान ठेकेदार द्वारा नहीं किए जाने एवं अन्य शर्तों का उल्लंघन करने का हवाला देकर अनुबंध की शर्तों का रिव्यू करने के बाद संशोधन किया गया है। इसमें विवाह की रस्में नहीं होंगी, रिसेप्शन आदि के कार्यक्रम हो सकेंगे। राजनीतिक कार्यक्रमों को छोडक़र सांस्कृतिक, सामाजिक, रंगमंचीय, मनोरंजन के कार्यक्रम किए जा सकेंगे। यह भी शर्त रखी गई है कि किसी भी दशा में ऑडिटोरियम के भीतर भोजन के पैकेट पूर्णत: प्रतिबंधित रहेंगे। जबकि पूर्व में जो अनुबंध हुआ था उसमें पूर्व में जब अनुबंध हुआ था तब जो शर्तें रखी गई थी उनका पालन नहीं हो रहा था। इसी कारण से शर्तों को रिव्यू किया गया है।
इन बिंदुओं पर शर्तों का किया गया संशोधन
अनुबंध की कंडिका-4 के अनुसार आडिटोरियम हाल का किराया 65 हजार से अधिक नहीं होगा। साथ ही अब जिला प्रशासन और नगर निगम के कार्यक्रम नि:शुल्क रहेंगे। कंडिका-11 में आडिटोरियम शब्द के आगे आडिटोरियम परिसर से लगे दोनों क्षेत्रों के खुले परिसर को शामिल किया गया है। आडिटोरियम हाल एवं खुले परिसर के दोनों क्षेत्रों से होने वाली राशि की जानकारी हर महीने नगर निगम को देनी होगी। दूसरे विभागों के कार्यक्रम नि:शुल्क कराने आयुक्त पत्र नहीं लिखेंगे, बल्कि संबंधित विभागों को स्वयं के स्तर पर ठेकेदार से बात करना होगा। वैवाहिक कार्यक्रम पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। रिसेप्शन करने की अनुमति दी जा सकेगी।
इनका कहना है…
कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम का रखरखाव ठेका शर्तों का पालन नहीं हो रहा था। एमआइसी में प्रस्ताव था, जिसे परिषद में रखा गया था। अब वहां पर विवाह और राजनीतिक कार्यक्रम नहीं होंगे। इसे कला- संस्कृति के केन्द्र के रूप में पहचान दिलाने का प्रयास है।
अजय मिश्रा,
महापौर रीवा

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