एग्रीकल्चर की पढ़ाई के लिए शिक्षकों की नहीं हुई नियुक्ति
बीएससी के लैब में एजी बीएससी के छात्र कर रहे हैं प्रैक्टिकल
पुस्तकालय में कृषि विज्ञान संबंधित पुस्तकों का अभाव
नगर प्रतिनिधि, रीवा
ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय को विंध्य की जनता टीआरएस कॉलेज के नाम से जानती है. टी आर एस कॉलेज विंध्य के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है. 5 हेक्टेयर में फैले इस महाविद्यालय में हजारों की संख्या में छात्र हर साल पढ़ कर निकलते हैं. सरकार ने कुछ महीने पहले ही मध्य प्रदेश के सभी कॉलेजों में वीएससी एजी का कोर्स शुरू करने की घोषणा की थी. ऐसे में टीआरएस कॉलेज में भी इस कोर्स के लिए 120 सीटों पर एडमिशन की प्रक्रिया शुरू की गई. लेकिन एक तिहाई सीटें भी नहीं भरीं. माना जा रहा है कि वीएससी एजी के लिए जरूरी संसाधन जैसे कृषि से संबंधित लैब, प्रक्षेप और इंस्ट्रेक्शनल यूनिट अभी तक इस कॉलेज में उपलब्ध नहीं हैं.
वीएससी एजी की पढ़ाई कराने के लिए एक एग्रीकल्चर कॉलेज में क्या-क्या फैसिलिटी होनी चाहिए. कितने लैब होने चाहिए, कितना कृषि प्रक्षेप होना चाहिए, इंस्ट्रक्शनल यूनिट क्या-क्या होनी चाहिए. इस बारे में बटाया गया की 6 मार्च को हमारे प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव ने यह घोषणा की है कि अब एग्रीकल्चर के जो छात्र हैं उनको अब भटकना नहीं पड़ेगा, दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा, जो हमारे सामान्य विश्वविद्यालय हैं उन्हीं के कॉलेजों में एग्रीकल्चर की पढ़ाई होगी.
कॉलेज में हैं 120 सीट
टी आर एस कॉलेज में एग्रीकल्चर की पढ़ाई के लिए कुल 120 सीट अलॉट हैं. उसमें 25 स्टूडेंट का एडमिशन हो चुका है. इस बारे में बताया कि अभी इनिशियल स्टेज में हैं. हायर एजुकेशन के द्वारा फिलहाल फर्स्ट सेम का कोर्स शुरू किया गया है. जैसे – जैसे समय बीतेगा, इसके लिए फील्ड भी मुहैया कराया जाएगा. इसके साथ-साथ इसमें जो प्रोडक्ट इस्तेमाल होते हैं उनको भी शासन की तरह से यहां पर ग्रांट्स के द्वारा फुलफिल किया जाएगा. जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चे एग्रीकल्चर से जुड़ी बारीकियों को सीख और जान सकेंगे.
बॉटनी के शिक्षक कराएंगे वीएससी एजी की पढ़ाई
कॉलेज में फिलहाल एग्रीकल्चर की पढ़ाई के लिए शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है. दरअसल, बॉटनी अपने में एक वनस्पति से जुड़ा हुआ सब्जेक्ट है. ऐसे में बॉटनी के शिक्षक ही वी एस सी एजी के स्टूडेंट को पढाएंगे. इसके साथ ही इस फील्ड से जुड़े हुए जो भी एक्सपर्ट्स हैं. उनको भी कॉलेज में बुला कर लेक्चर आयोजित किए जाएंगे.
5 हेक्टेयर में है कॉलेज
टी आर एस कॉलेज कुल 5 हेक्टेयर जमीन में स्थित है जबकि एक एग्रीकल्चर महाविद्यालय के लिए हमें कम से कम 50 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है. लैब के तौर पर यहां बायोलॉजी के लिए लैब है, उसी में अब बीएससी एग्रीकल्चर की भी पढ़ाई होगी. दरअसल, एग्रीकल्चर के लिए लैब अभी यहां उपलब्ध नहीं हैं. साथ ही एग्रीकल्चर के सब्जेक्ट टीचर भी फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं. इतना ही नहीं बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स के लिए एडमिशन भी पीएटी क्वालीफाई के जरिए ही होना चाहिए.
कृषि कॉलेज शुरू करने के लिए जरूरी
चीजें कॉलेज में सभी विभाग से संबंधित कक्ष, प्रयोगशालाएं और कृषि भंडार, उपकरण और ट्रैक्टर शेड सहित श्रेशिंग यार्ड सहित छात्रों को विभिन्न प्रकार के बीजों और रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग के लिए खेत, लैब स्टोर, ग्रीन हाउस, पॉली हाउस और नर्सरी के लिए करीबन आधे एकड़ का स्पेस जरूर होनी चाहिए. आधुनिक कक्षाएं भी होना बहुत जरुरी है. क्लास में स्मार्ट बोर्ड, प्रोजेक्टर और एचडी टीवी स्क्रीन होनी चाहिए जिससे शिक्षण सामग्री को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जा सके.
किसी भी संस्थान में लाइब्रेरी का होना भी बहुत जरुरी है. लाइब्रेरी में कृषि विज्ञान, पौधों की प्रजातियां, मृदा विज्ञान, कीट विज्ञान और आधुनिक कृषि तकनीकों से संबंधित पुस्तकें और जर्नल्स उपलब्ध होने चाहिए. इसके अलावा कॉम्प्यूटर लैब जिसमे डेटा, रिसर्च और डिजिटल शिक्षा के लिए आधुनिक कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर होना चाहिए.
प्राचार्य की जुबानी
इस संबंध में जब टीआएस कॉलेज की प्राचार्य अर्पिता पाण्डेय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस वर्ष बीएससी एजी में 25 छात्रों का एडमीशन हुआ है बीएससी के लैब में छात्रों को प्रैक्टिकल कराया जाता है प्रैक्टिकल के लिए छात्र-छात्राओं को बाहर खेतों में भी ले जाया जायेगा। भोपाल से जो आगामी आदेश मिलेगा उसके अनुरूप कार्य किये जाएंगे।