ज्वाइन लेटर जारी होने के बाद भी नौकरी से किया जा रहा है अलग
विभागीय गलतियों का खामियाजा भुगत रहे हैं अतिथि शिक्षक
अतिथियों ने कहा कि बेरोजगारों के साथ डीपीई ने किया भद्दा मजाक
नगर प्रतिनिधि, रीवा
जहां एक तरफ सरकार ने अतिथियों को दीपावली के पहले एक साथ ३ महीने का वेतन भुगतान करने का आदेश जारी करके अतिथियों के मन में खुशी पैदा कर दिया था वहीं डीपीआई के एक नये आदेश से कुछ अतिथि शिक्षकों में मायूसी छा गई है। ज्वाइन लेटर देकर भी स्कूलों में ज्वाइन न कराने का भद्दा मजाक अतिथियों के साथ किया गया है।
अतिथि शिक्षकों के लिए भी ये दिवाली खुशियों वाली होगी। सरकार ने 3 महीने की रुकी हुई सैलरी के आवंटन का आदेश जारी कर दिया है। अतिथि शिक्षकों को अगस्त, सितंबर और अक्टूबर की सैलरी दिवाली से पहले ही मिलने वाली है। 3 महीने से वेतन नहीं मिलने से नाराज अतिथि शिक्षकों के चेहरों पर अब दिवाली से पहले मुस्कान लौट आएगी।
अतिथियों के मन में था सवाल
सीएम मोहन ने घोषणा की थी कि प्रदेश के सभी कर्मचारियों को दिवाली से पहले सैलरी दे दी जाएगी। 28 अक्टूबर तक सैलरी देने का आदेश भी जारी कर दिया गया।घोषणा के बाद से ही अतिथि शिक्षकों के बीच इस बात को लेकर चर्चा थी कि उन्हें सैलरी कब मिलेगी। 3 महीने से रुके वेतन की वजह से नाराजगी भी थी। उनके मन में भी ये सवाल था कि क्या उन्हें दिवाली से पहले सैलरी मिलेगी या नहीं।
राज्य शासन ने अतिथि शिक्षकों के लिए 211 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। स्कूल शिक्षा विभाग के लोक शिक्षण संचालनालय ने अगस्त, सितंबर और अक्टूबर 2024 के मानदेय भुगतान के लिए यह राशि आवंटित की है। आदेश दिया गया है कि दीपावली से पहले सभी अतिथि शिक्षकों को उनका वेतन मिल जाना चाहिए।
अतिथियों के सामने दोबारा एक नई समस्या
बिना पोर्टल अपडेट किए दिए गए अलॉटमेंट लोक शिक्षण संचालनालय ने पोर्टल को अपडेट किए बिना ही गेस्ट टीचर को स्कूलों का अलॉटमेंट कर दिया था। जिससे हुआ ये कि इन रिक्त पदों पर उच्च पद प्रभार या अतिशेष प्रक्रिया के कारण नियमित शिक्षक आ गए। पोर्टल में वे पद भी खाली होने से अतिथि शिक्षकों को अलॉट हो गए। जब अतिथि शिक्षक ज्वाइनिंग के लिए उस स्कूल में पहुंचे तो पता चला कि कोई पद खाली नहीं है।
कुछ अतिथियों को ऐसे स्कूल अलॉट कर दिए गए हैं, जहां कोई पोस्ट ही खाली नहीं है। कई अतिथि शिक्षकों की ज्वाइनिंग डिटेल में कोई स्कूल नहीं दिख रहा। स्कोर कार्ड को लेकर भी समस्या है, जिससे अनुभवी अतिथि शिक्षकों को अलॉटमेंट ही नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि लगभग 20 हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों के ज्वाइनिंग मिली है। जिन स्कूलों में पुराने खाली पद हैं, वहां करीब अतिथि शिक्षक पहले से ही कार्यरत है।
डीईओ ने जारी किया आदेश
अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर डीईओ ने आदेश जारी कर जिले के प्राचार्यों को निर्देशित किया है कि अगर कोई अतिथि शिक्षक विद्यालय में ज्वाइन करने के लिए आता है और विद्यालय में पद रिक्त नहीं है तो ऐसे अतिथि शिक्षक को स्कूल में ज्वाइन न कराया जाय। इस आदेश से जिले के अतिथि शिक्षक फिर से बेरोजगार हो गये हैं मिली-मिलाई नौकरी हाथ से चली गई। प्रशासन द्वारा किया गया यह घिनौना मजाक अतिथियों पर भारी पड़ गया है। अतिथियों का कहना है कि डीपीआई को पहले ही रिक्त पदों की गणना कर पोर्टल में अपडेट करके आदेश जारी करना था। अब गलत आदेश जारी होने की सजा अतिथियों को मिल रही है।