जिला मुख्यालय से लेकर भोपाल तक लगाई गुहार, लेकिन शासन और प्रशासन तक नहीं पहुंची आवाज
नगर प्रतिनिधि, रीवा
सुनकर आश्चर्य होगा किंतु जिला मुख्यालय से महज 10 किमी दूर एक ऐसा गांव है जहां के सरकारी भवनों में छत नहीं पड़ती है। रीवा जनपद के ग्राम पंचायत अगडाल के 15 वर्षों से अधूरे खड़े सीएफटी भवन, मध्याह्न भोजन रसोई, सहकारिता भवन और मध्याह्न भोजन हेतु हॉल स्वयं ये कहानी कह रहे हैं। खाद्यान्न वितरण केंद्र बनाने के लिए जिस सहकारिता भवन की नींव रखी गई थी वह भूसा रखने की जगह व भूमिहीन परिवार की आश्रय स्थली बन चुका है। और खाद्यान्न वितरण किराए के भवन से हो रहा है।
सीएफटी भवन जहां से क्षेत्रवासियों को सुलभ न्याय प्रदान करने का लक्ष्य था वो आज स्वयं से न्याय किए जाने की बाट जोह रहा है। जहां मध्याह्न भोजन बनना था उसकी पूर्णता ही जिम्मेदार खा गए। खिलाडिय़ों का चेंजिंग रूम अपनी ही हालत बदलने के इंतेज़ार में है।
सरकारें बदली लेकिन नहीं बदली तस्वीर
तीन सरपंच बदल गए, सरकारें भी बदल गईं यदि कुछ नहीं बदला तो इन सरकारी भवनों की तस्वीर। पंचायतीराज व्यवस्था की असफलता और भ्रष्टाचार के प्रशासनिक गठजोड़ को प्रदर्शित करते ये सरकारी स्मारक अब गांव के रहवासियों के लिए शर्म का विषय बन गए हैं। ये सरकारी भवन कब पूर्ण होंगे, गांव में आने वाले रिश्तेदारों के इस सवाल का जवाब ग्रामवासियों के पास नहीं है। ग्रामवासियों ने इन्हे पूर्ण कराने या जमींदोज कराने के लिए स्थानीय विधायक से लेकर जिला पंचायत, कलेक्टर, प्रमुख सचिव तक गुहार लगाई, लेकिन चार साल हो गए ये गुहार महलरूपी सरकारी भवनों में बैठे प्रशासनिक अधिकारियों तक नहीं पहुंची। 15 वर्षों से अधूरे खड़े ये भवन उन माननीयों को भी चिढ़ा रहे हैं जिनके करकमलों ने शिलान्यास किया था और ग्रामवासियों को भी जिनके हाथों ने शिलान्यास पर तालियां बजाई थीं।