Headlines

मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल का पुलिस पर एक बड़ा आरोप … तो पुलिस द्वारा कराई जा रही मेरी रेकी !

जब मैंने सरकारी व्यवस्थाएं हटा दी है तो मेरे पीछे क्यों भेजी जा रही है पुलिस
अधिकारियों को मेरा लोकेशन चाहिए तो फोन से ले सकते हैं

अनिल त्रिपाठी, रीवा

भाजपा नेता व मऊगंज क्षेत्र के विधायक प्रदीप पटेल पुलिस पर लगातार आरोप लगाते हुए पूरे प्रदेश की मीडिया की सुर्खियों में चल रहे हैं। अभी पिछले दिनों उन्होंने अपने सुरक्षा कर्मियों को संबंधित विभाग को वापस कर दिया था तथा कहा था कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक वह कोई सुरक्षा या सरकारी व्यवस्था का प्रयोग नहीं करेंगे। अब जब भी कहीं हो जाते हैं तो स्थानीय प्रशासन पुलिस के दो जवानों को उनके पीछे भेजता है इस पर विधायक प्रदीप पटेल ने पुलिस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगा दिए हैं।
मामला 14 अक्टूबर का है। किसी मामले को लेकर मऊगंज विधायक मोटरसाइकिल से ही थाने जा रहे थे तो उनके पीछे पुलिस के दो जवान भी लगे हुए थे। इस बीच मीडिया से चर्चा करते हैं उन्होंने कहा कि कौन लोग हैं मैं नहीं जानता, मेरे किसी स्टॉक के नहीं है क्योंकि मैं सरकारी सुविधाओं का परित्याग कर दिया है। इन्होंने आशंका जताते हुए कहा है कि पुलिस प्रशासन के बड़े अधिकारी मेरी रेकी करा रहे हैं। इनका सीधा आरोप था कि अगर रीवा संभाग के आईजी और डीआईजी को मेरा लोकेशन चाहिए तो वह मुझे सीधे फोन लगाकर सभी जानकारियां ले सकते हैं लेकिन मेरे पीछे पुलिस के दो जवान चल रहे हैं इसलिए मुझे ऐसा लग रहा है कि मेरी रेकी कराई जा रही है। यह लोग मेरी गुप्त जानकारियां इक_ा करवा रहे हैं। इन्होंने कहा कि मेरे पीछे-पीछे जो जवान चल रहे हैं वह कौन है मुझे बिल्कुल नहीं पता। मेरे द्वारा मना करने पर कहा गया है कि विभाग से साथ चलने का आदेश दिया गया है। अब जब मैं सारी सुविधाएं हटा दी हैं तो मेरे पीछे चलने का क्या मतलब?
अपनी सुरक्षा पर खुद सवाल खड़े किए थे विधायक प्रदीप पटेल ने
गौरतलब बात यह भी है कि कुछ दिनों पहले विधायक प्रदीप पटेल ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जताई कि और एक पत्र भी सरकार को लिया था। इस मामले में हमारे सूत्रों ने बताया है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई थी। अब उधर प्रदीप पटेल ने अपनी सरकारी व्यवस्थाएं लौटा दी हैं, लेकिन इंटेलिजेंस ब्यूरो के निर्देशानुसार एसडीओपी मऊगंज को उनकी सुरक्षा व्यवस्था का प्रभारी बनाते हुए अतिरिक्त पुलिस बल लगाया गया है जो 24 घंटे उनके साथ घूम रहा है। आप विधायक प्रदीप पटेल कह रहे हैं कि पुलिस उनकी रेकी करा रही है। आप पूरे मामले में यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर विधायक प्रदीप पटेल किस एंगल पर राजनीति कर रहे हैं। उधर सूत्रों ने बताया है कि विधायक पटेल की राजनीति को लेकर संगठन तो हतप्रभ है ही , स्थानीय नेता भी इन गतिविधियों से ज्यादा माद्दा नहीं रखते हैं। सामान्य जनमानस यह मान रहा है कि वह अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए यह सब कर रहे हैं दूसरी ओर आरएसएस का वर्ग भी इन मुद्दों पर अपना समर्थन लगभग खींच सा लिया है। मऊगंज जिला इकाई भाजपा संगठन भी लगभग किनारे से है। ऐसे में मामला और गंभीर होता दिखाई दे रहा है।
आया था बुलावा लेकिन नहीं गए भोपाल
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश इकाई संगठन द्वारा विभिन्न बयानों को लेकर सुर्खियों में चल रहे तीन विधायकों को 14 अक्टूबर को भोपाल बुलाया गया था। इन तीन में से दो रीवा के थे। इस मामले में प्रदीप पटेल से जब चर्चा की गई तो उन्होंने कहा है कि फोन आया था लेकिन मुझे रिजर्वेशन नहीं मिल पाया इसलिए मैं नहीं गया। उधर दूसरे विधायक के साथ बैठक हुई है और सूत्रों ने बताया है कि उन्होंने अपने बयानों एवं विभिन्न समस्याओं से बैठक में मौजूद पदाधिकारी को अवगत करा दिया है।
मजार मुद्दे को फिर से गरम करने का प्रयास किया त्यौंथर विधायक ने
अमहिया मोड में स्थापित मजार को अतिक्रमण में शामिल होना बता कर सुर्खियों में आए त्यौंथर विधायक ने एक बार फिर दशहरे के दिन इस मुद्दे को गर्म करने का प्रयास किया। सोशल मीडिया में उन्होंने ट्वीट किया है कि जब सिरमौर चौराहे का हनुमान मंदिर अतिक्रमण में फंसा तो उसे हटाया गया। प्रशासन इस पर कब तक कार्यवाही करेगा। इस मामले को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा सीधे तौर पर कहा गया है कि जिस जमीन पर विधायक का घर स्थापित है वह खुद वक्त की जमीन पर है यानी कि अतिक्रमण है। पहले उसे हटाया जाए उसके बाद अगली कार्रवाई हो। यह मामला पिछले एक पखवाड़े से चर्चाओं में है। खास बात यह है कि उक्त मुद्दे पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला पूरी तरह चुप हैं। अन्य नेताओं ने भी कोई बयान नहीं दिए हैं। इसका स्थानीय स्तर पर कांग्रेस विरोध कर रही है और एक विधायक अभय मिश्रा ने तो सीधे तौर पर कह दिया है कि वह अतिक्रमण नहीं है और वहां पर अगर बुलडोजर चला तो मैं उसका सीधा विरोध करूंगा क्योंकि मेरी उस मजार से स्वयं आस्था है। अलबत्ता यह मामला भी तूल पकड़े हुए था और संगठन ने इस मामले को गंभीरता से भी लिया है। इसके अलावा भाजपा सांसद जनार्दन मिश्रा और विधायक सिद्धार्थ तिवारी राज के बीच जो जुबानी जंग हुई थी उसको लेकर भी यह चर्चाओं में आए थे। शायद संगठन ने भी इन बातों को गंभीरता से लेते हुए विधायक प्रदीप पटेल और सिद्धार्थ तिवारी को भोपाल बुलाया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *