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संस्कृत विश्वविद्यालय रीवा में अधिक से अधिक छात्रों को प्रवेश दिलाने की हो पहल, छात्रों को आवास व भोजन की व्यवस्था जन सहयोग से : शुक्ला

संस्कृत के विद्वान व सेवानिवृत्त प्राध्यापकों ने विश्वविद्यालय में स्वेच्छा से अध्यापन का कार्य करने की दी सहमति

विशेष संवाददाता, रीवा

संस्कृत विश्वविद्यालय में अध्ययन अध्यापन की बेहतर व्यवस्था के साथ छात्रों के लिए भी उत्कृष्ट व्यवस्था बनाये जाने के प्रयास किया जा रहे हैं। संस्कृत विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने स्थानीय राज निवास में एक बैठक बुलाकर विभिन्न जानकारियां प्राप्त की और इस दौरान उन्होंने छात्र संख्या वृद्धि के लिए प्रयास करने को कहा।
इस दौरान शिक्षण व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए आचार्यों से भी आग्रह किया कि वह यहां पर संस्कृत छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने में सहयोग प्रदान करें। उन्होने कहा है कि रीवा में संचालित संस्कृत विश्वविद्यालय में विभिन्न पाठॠक्रमों में अधिक से अधिक छात्रों को प्रवेश दिलाएं। प्रवेश लेने वाले छात्रों को जन सहयोग से रहने व भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था भी सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए प्रवेश शुल्क में भी छूट दिलाई जाएगी। श्री शुक्ल ने संस्कृत के विद्वानों व सेवानिवृत्त संस्कृत प्राध्यापकों से अपेक्षा की कि वह स्वेच्छा से विश्वविद्यालय में अध्यापन का कार्य करें जिस पर उपस्थित विद्वानों ने अपनी सहमति व्यक्त की। इस दौरान उन्हें जानकारी दी गई कि प्रवेशी छात्रों की संख्या फिलहाल मात्र 26 है। व्याकरण, साहित्य, वेद एवं ज्योतिष के पाठॠक्रम में छात्रों को प्रवेश लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इन संकायों में अभी प्राध्यापक नियुक्त नहीं हैं। अत: रोस्टर बनाकर संस्कृत के विद्वान व पूर्व प्राध्यापक छात्रों को शिक्षित करें।
व्यवस्थाओं के लिए 40 करोड़ मिलेंगे
महर्षि पाणिनि संस्थान अन्तर्गत रामानुज संस्कृत विश्वविद्यालय रीवा के लिए भवन, भूमि एवं अन्य व्यवस्थाओं सहित सुसज्जित करने हेतु 40 करोड़ रुपए की योजना प्रस्तावित है। अभी यह विश्वविद्यालय प्रारंभिक अवस्था में है। उन्होंने कहा कि लक्ष्मणबाग में वैष्णव संस्कृत विद्यालय का संचालन पुन: प्रारंभ कराया जाएगा। बैठक में कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के पदों की पूर्ति के लिए शासन स्तर से व्यवस्था सुनिश्चित कराने के प्रयास प्राथमिकता से किए जाएंगे।
स्वेच्छा से पढ़ाने के लिए आचार्यों ने दी सहमति
बैठक में संस्कृत के विद्वानों डॉ अंजनी शास्त्री, डॉ सत्यजीत पाण्डेय, डॉ आरएन तिवारी, डॉ बलराम पाण्डेय, डॉ सुरेन्द्र शास्त्री, डॉ हरीश द्विवेदी एवं डॉ दीनानाथ शास्त्री ने विश्वविद्यालय में स्वेच्छा से नि:शुल्क अध्यापन कार्य करने की सहमति व्यक्त की। इस अवसर पर अध्यक्ष नगर निगम व्यंकटेश पाण्डेय, एसडीएम गुढ़ डॉ अनुराग तिवारी, संस्कृत विश्वविद्यालय प्रभारी डॉ अनिल मुंबेल भी उपस्थित रहे।

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