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डायलिसिस न होने से मरीज की चली गई जान

विशेष संवाददाता, रीवा

विंध्य के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल की हालत यह है कि यहां मरीजों की जान तक नहीं बच पा रही है। व्यवस्था इतनी बदतर है कि सबकुछ होते हुए भी मरीज इलाज के अभाव में दमतोड़ देते है। ऐसा ही ही प्रकरण आज सामने आया है जिसमें समय पर डायलिसिस न होने की वजह से एक मरीज की मौत हो गई। घटना की वजह से परिजनों ने अस्पताल में काफी देर तक हंगामा किया था।
बताया गया है कि संजय गांधी अस्पताल में अव्यवस्था के चलते एक मरीज की फिर जान चली गई। किडनी रोग से पीडि़त राकेश तिवारी साकिन शिवपूर्वा को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था। घर वाले दो दिन पूर्व उनको डायलिसिस के लाए थे लेकिन उनको डायलिसिस बंद होने की जानकारी देकर चलता कर दिया गया। आज फिर घर वाले मरीज को डायलिसिस करवाने के लिए अस्पताल लेकर आए लेकिन फिर वही स्थिति रही। मरीज की डायलिसिस न होने की वजह से उनकी जान चली गई।
मरीज की मौत के बाद अस्पताल में घर वालों ने काफी देर तक हंगामा किया। उनका कहना था कि अस्पताल के चिकित्सकों ने डायलिसिस नहीं किया जिसकी वजह से मरीज की जान गई है। अस्पताल में सारी सुविधाएं होने के बाद भी आखिर मरीजों की इलाज के अभाव में मौत क्यों होती है इसका जवाब कोई नहीं दे पाता है।
गौरतलब है कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की डायलिसिस एक सप्ताह के लिए बंद हो गई है। इसमें प्रतिदिन 40 से 50 लोग डायलिसिस करवाते थे। अब यूनिट बंद होने से उनकी डायलिसिस नहीं हो पा रही है। इतनी बड़ी सं या में मरीज अब डायलिसिस करवाने के लिए भटक रहे है। अस्पताल प्रबंधन तो जानकारी दे रहा है कि सुपर की 4 व संजय गांधी की दो डायलिसिस मशीन चल रही है लेकिन उसमें सिर्फ आपात स्थिति में डायलिसिस करवाया जा रहा है। लोगों की मजबूरी का फायदा प्राइवेट नर्सिंग होम वाले भी उठा रहे है और उनसे डायलिसिस के नाम पर मोटी रकम ऐंठ रहे है। उनके आयुष्मान कार्ड को भी मान्य करने से मना कर दिया है। इस बीच अच्छी खबर यह भी आई है कि मशीनों के इन्सटालेशन का काम हो गया है और जो खराबी थी उसे दुरुस्त कर लिया गया है। जिससे गुरूवार से डायलिसिस का काम शुरू हो सकता है।

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