भाजपा के सात विधायकों में अकेले सिद्धार्थ तिवारी भर वहां रहे मौजूद
सांसद ने पहले ही जाने से कर दिया था मना, श्यामलाल द्विवेदी, तिवारी लाल ने भी जाना नहीं समझा उचित
सरकारी कार्यक्रम के परिसर में अलग एक किनारे लगा था श्री युत जयंती कार्यक्रम का पंडाल
विशेष संवाददाता, रीवा
भारी बारिश के चलते दोपहर 1 बजे के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का चाकघाट दौरा निरस्त कर वर्चुअली कार्यक्रम में तो तब्दील हो गया लेकिन कार्यक्रम को लेकर अब तरह-तरह की चर्चाएं उठ खड़ी हुई है। हालांकि शुरुआत से ही यह कार्यक्रम सरकारी तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन अवसर पर स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा की शुरुआत किए जाने को लेकर था लेकिन स्थानीय विधायक सिद्धार्थ तिवारी राज ने अपने बाबा व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तथा कांग्रेस के कद्दावर नेता श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी की जयंती का कार्यक्रम भी जोड़ रखा था। कार्यक्रम तो संपन्न हो गया लेकिन भाजपा की राजनीति में एक नई चर्चाओं को जन्म भी दे गया।
यह सही है कि रीवा में आज भारी बारिश हो रही थी, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी का अंतिम शेड्यूल जबलपुर से कार द्वारा आने का घोषित कर दिया गया था। चाकघाट में लोग उनका इंतजार भी कर रहे थे। उधर वह जबलपुर तक पहुंच भी गए थे । सब उत्साहित थे, लेकिन अचानक 2:00 यह संदेश आया कि अब मुख्यमंत्री नहीं आएंगे। जबलपुर तक आ भी गए थे। जब कार से आने की पूर्व सूचना जारी हो गई तो नेशनल हाईवे से आया जा सकता था ऐसा लोगों का मानना है, लेकिन यहीं से नई चर्चाएं शुरू हुई कि मुख्यमंत्री डॉ यादव के कार्यक्रम में अचानक तब्दीली कैसे हो गई। क्योंकि चाकघाट का कार्यक्रम प्रदेश स्तर का कार्यक्रम था और यही से स्वच्छता सेवा पखवाड़ा का शुभारंभ पूरे प्रदेश में होना था। इन्हीं चर्चाओं के बीच यह तो 24 घंटे पहले ही स्पष्ट हो गया था कि रीवा सांसद उक्त कार्यक्रम में नहीं जाएंगे, उन्होंने गत दिवस मीडिया में भी यह बात कह दी थी। लेकिन यह माना जा रहा था कि सीएम का दौरा तय है लिहाजा मन से या बेमन से सभी विधायक तो पहुंच ही जाएंगे। लेकिन अकेले सिद्धार्थ तिवारी वहां मौजूद रहे और कोई भी विधायक वहां ही हिरकने तक की हिम्मत नहीं जुटा पाया । और तो और पूर्व विधायक श्याम लाल द्विवेदी कथा पूर्व मंत्री रमाकांत तिवारी के पुत्र तथा क्षेत्र के वरिष्ठ नेता तिवारी लाल उर्फ कौशलेश भी कार्यक्रम स्थल में नहीं दिखाई दिए।
इस मामले में नई चर्चा यह है कि सभी विधायकों ने पूरी तरह से कार्यक्रम को लेकर कन्नी काट दी थी। पूर्व विधायक के पी त्रिपाठी का भी नाम आमंत्रण पत्र में छप गया था, अन्य पूर्व विधायकों का नाम न होने से वह भी खिन्न हो गए थे। लिहाजा पूरा कार्यक्रम एकला चलो रे की स्थिति में संपन्न हुआ। उधर सिद्धार्थ तिवारी राज भीड़ को देखकर स्वयं अभिभूत हो रहे थे। हालांकि यह भीड़ सरकारी कार्यक्रम के मद्दे नजऱ सरकारी कर्मचारियों की ज्यादा थी, बाकी समर्थक भी स्वाभाविक तौर पर आ गए थे लेकिन बड़ी बात यह थी कि क्षेत्र के कद्दावर भाजपाई नेताओं की अनुपस्थिति एक नई चर्चा को जन्म दे गई।
एक भाजपा नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि चाकघाट के कार्यक्रम के मुद्दे पर दो सभी एक राय थे लेकिन एक मुद्दे पर किसी की राय नहीं बन पा रही थी, लिहाजा जब यह पता लग गया कि मुख्यमंत्री नहीं आ रहे हैं तो सबने किनारा कर लिया था। ले देकर भाजपा के जिला अध्यक्ष डॉ अजय सिंह मजबूरी में वहां बैठे रह गए क्योंकि वह दोपहर में 12 बजे ही पहुंच गए थे, उन्हें सीएम के प्रोटोकॉल का धर्म निभाना था, जब फंसे तो फंसे ही रह गए। कुल मिलाकर भाजपा का यह ऐसा पहला कार्यक्रम कहा जाएगा जब अधिकांश नेताओं ने कार्यक्रम से दूरी बना रखी। हालांकि सारे नेता यही कहेंगे कि बरसात बहुत तेज हो रही थी इसलिए नहीं पहुंचे, लेकिन मामला क्या है सब समझ रहे हैं ?