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वार्ड क्रमांक 5 के उपचुनाव में भाजपा के राजीव तिवारी ने निर्दलीय अरुण तिवारी को हराया प्रतिष्ठा पूर्ण लड़ाई, कांग्रेस तीसरे नंबर पर आई

भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशी को जितवाने लगा दी थी पूरी ताकत
कांग्रेस के नेता वार्ड में घूमे तो जरूर, लेकिन घूमते ही रह गए और मतदाताओं ने घुमा दिया
अरुण तिवारी को भाजपाइयों और कांग्रेसियों का भी मिला था आंतरिक सपोर्ट, लेकिन वह नहीं जोड़ पाए वोट

विशेष संवाददाता, रीवा

किसको मिले कितने मत
राजीव शर्मा ( भाजपा ) -1681
अरुण तिवारी (निर्दलीय) – 1036
अमित द्विवेदी बेटू (कांग्रेस) – 547
नोटा – 30
नगर पालिका निगम रीवा अंतर्गत वार्ड क्रमांक 5 में संपन्न हुए उपचुनाव में इस बार भाजपा ने बाजी मार दी है। इसके पहले वहां से निर्दलीय तौर पर संजय सिंह संजू ने जीत हासिल की थी जो बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। उनके दुखद निधन के कारण यहां पर उपचुनाव कराया गया था। भारतीय जनता पार्टी में इस वॉर्ड के उपचुनाव को बड़ी ही गंभीरता से लिया और अंत में भारी मतों से जीत हासिल की।
यहां यह गौर तलब है कि भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देकर निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ रहे और दो बार पार्षद रह चुके अरुण तिवारी मुन्नू के राजनीतिक पैंतरे काम नहीं आए और वह दूसरे नंबर पर रहे। कांग्रेस का प्रदर्शन सामान्य से भी कमजोर रहा और प्रत्याशी लगभग 20 फ़ीसदी मतों में ही सिमट कर रह गया।
अगर पूरे चुनाव का राजनीतिक विश्लेषण किया जाए तो स्पष्ट रूप से यह नजर आता है कि भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव को शुरू से ही गंभीरता से लिया था और रण नीति के साथ लगातार प्रचार अभियान को गति दिया था। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला भी जितने दिन रीवा में थे इतने दिन वह डोर टू डोर संपर्क कर लोगों को भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मत के लिए अपनी बात रखी थी। इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को खूब मिला। इस चुनाव में खास बात यह रही कि इस वार्ड के तेज तर्रार नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले अरुण तिवारी मुन्नू ने टिकट कटने पर नाराज होकर पार्टी से ही इस्तीफा दे दिया था और मैदान में उतर गए थे। उनका दावा था कि उन्होंने इस वार्ड के विकास के लिए काफी काम किया है और जनता सहानुभूति दिखाते हुए उन्हें अपना प्रतिनिधि चुनेगी लेकिन ऐसा अंत में हो नहीं पाया। कांग्रेस ने अपने पूर्व प्रत्याशी अमित द्विवेदी बेटू को एक बार फिर मैदान में उतारा था लेकिन वह जनता के बीच अपनी छवि बन पाने में असफल से रहे।
कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी ने इस प्रतिष्ठापूर्र्ण उप चुनाव में एक बार फिर जीत हासिल कर यह जता दिया है कि रीवा नगर निगम क्षेत्र के अधिकांश हिस्सो में भाजपा का ही दबदबा बरकरार है।
भाजपा अंदर से दो गुटों में बटी थी
इस चुनाव के बारे में अंदर से जो खबरें आ रही थी उसके अनुसार भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी दो गुटों में बंटे हुए थे। हालांकि उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के पहुंचने के बाद काफी कुछ डैमेज कंट्रोल हुआ और उसका परिणाम भी सकारात्मक रहा। कहां जाता है कि यह टिकट पूर्व विधायक के पी त्रिपाठी के प्रयासों के बाद राजीव शर्मा को दी गई थी। जिससे दूसरा पक्ष नाराज था। यही दूसरा पक्ष अरुण तिवारी मुन्नू के साथ था। इसमें से काफी प्रतिशत समर्थक अंतिम चरणों में राजीव शर्मा के साथ आ गए। जिसका खामियांजा अरुण तिवारी मुन्नू को भुगतना पड़ा। अरुण तिवारी ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया था उसके पीछे उनकी सोच यह मानी जा रही थी कि वार्ड की जनता उनके साथ देगी लेकिन अंत में ऐसा हो नहीं पाया।
बेचारा बेटू… अपनों ने ही नहीं दिया भरपूर साथ
कांग्रेस प्रत्याशी अमित द्विवेदी बेटू किसी से कुछ कह तो नहीं पा रहे हैं, लेकिन उन्हें उनके लोगों का ही पर्याप्त साथ नहीं मिल पाया। इसके अलावा आर्थिक अभाव से भी वह लगातार घिरे रहे। जिसका परिणाम यह रहा कि वह प्रचार अभियान को उतनी गति नहीं दे पाए जितना मिलना चाहिए था। हालांकि जिला अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा और महापौर अजय मिश्रा बाबा के साथ कार्यकर्ताओं की टीम वॉर्ड में जाती रही लेकिन वह भी जनता के बीच अपने प्रभावों को वोटो में तब्दील नहीं कर पाई। जिससे कांग्रेस की हालत अत्यंत दयनीय दिखाई दी। यही कारण था कि कांग्रेस साढे 5 सौ वोटो के अंदर ही सिमट गई। कांग्रेस के सारे दावे फुस्स से साबित हुए।

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