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राजस्व अमले के लापरवाही के कारण कलेक्टर का प्रयास रहा असफल, राजस्व महाअभियान २.० में रीवा का टॉपलिस्ट में नहीं दर्ज है नाम

रीवा संभाग के सतना, मैहर और मऊगंज भी शामिल
पटवारी और कानूनगो के निष्क्रियता के चलते सफल नहीं हुआ राजस्व अभियान

नगर प्रतिनिधि, रीवा

राजस्व महाअभियान में मध्यप्रदेश के जिन ३६ जिलों को टॉप सूची में शामिल किया गया है उनमें रीवा का नाम नहीं है। जबकि रीवा संभाग के नवीन जिला मऊगंज और मैहर का नाम टॉप लिस्ट में है। राजस्व अभियान के शुरूआत होते ही राजस्व विभाग से जुड़े अमले द्वारा जिस तरह की लापरवाही बरती जा रही थी उससे पहले ही यह अनुमान लगा लिया गया था कि रीवा में राजस्व अभियान का परिणाम कुछ अच्छा देखने को नहीं मिलेगा। हालाकि जिला कलेक्टर द्वारा राजस्व अभियान के शत-प्रतिशत सफलता के लिए पूरे प्रयास किये गये इसके बावजूद भी सफलता हांथ नहीं लगी।
किसान बने हैं दाना-चारा
राजस्व विभाग से जुड़ा अमला किसानों को अपने कमायी का जरिया बना रखा है। खासतौर से पटवारी और राजस्व निरीक्षक किसानों के छोटे-मोटे काम भी वगैर लेन-देन के नहीं करते। जमीनी विवाद पैदा करने में इनकी अहम भूमिका रहती है। मामलों को इस तरह उलझा देते हैं कि प्रकरण न्यायालय तक पहुंच जाते हैं और फिर अदालत में बाबुओं के काले कारनामों से भी तंग आ जाते हैं। न्याय मिलने के पहले ही किसान भीख मांगने की स्थिती में पहुंच जाते हैं।
जानबूझ कर बरती गई लापरवाही
पटवारी और कानूनगो समेत अभियान में शामिल नीचे तपते के कर्मचारियेां ने किसानों के उलझे और विवादित प्रकरणों को सुलझाने में जानबूझ कर हीला-हवाली किये हैं। क्योंकि इन्हें यह मालुम था कि अगर राजस्व अभियान में किसानों के प्रकरणों को निपटा दिया गया तो कमाई का सारा जरिया समाप्त हो जायेगा। पटवारी अमला इतना घूषखोर है इसका प्रमाण कहीं और नहीं बल्कि लोकायुक्त कार्यालय से आसानी से मिल जायेगा। यह देखने को मिला है कि लोकायुक्त टीम द्वारा औसतन सबसे ज्यादा घूष लेते पटवारियेां को ही पकड़ा जाता है। इसके बाद भी पटवारी अपने काले कारनामों से वाज नहीं आ रहे हैं। पटवारियेां के कारगुजारी का ही परिणाम है कि रीवा जिला राजस्व अभियान के जारी टॉप लिस्ट की सूची से बाहर हो गया।
प्रदेश के इन जिलों का नाम शामिल है सूची में
अलीराजपुर, उज्जैन, उमरिया, खरगौन, गुना, ग्वालियर, छिंदवाड़ा, झाबुआ, टीकमगढ़, डिंडोरी, दतिया, दमोह, देवास, नर्मदापुरम, निवाडी, नीमच, पन्ना, पांढुर्णा, बड़वानी, बालाघाट, बुरहानपुर, बैतूल, भिण्ड, भोपाल, मंडला, मऊगंज, मन्दसौर, मुरैना, मैहर, रतलाम, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, शहडोल, श्योपुर, सतना जिलों में लंबित नामांतरण प्रकरणों का 100 प्रतिशत निराकरण किया गया है।

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