रजिस्ट्री में गवाहों की नहीं पड़ेगी जरूरत
ऑनलाइन नामांतरण की प्रक्रिया होगी स्वचलित, फर्जीवाड़े की संभावना समाप्त
व्हाट्सऐप और मेल में रजिस्ट्री कराई जायेगी उपलब्ध
नगर प्रतिनिधि, रीवा
प्रदेश में प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन अब संपदा-2.0 सॉफ्टवेयर से आसान हो जाएगा। यह सॉफ्टवेयर प्रॉपर्टी की जियो टैगिंग, यूनिक लैंड पार्सल आईडेंटिफिकेशन नंबर और ई- केवायसी जैसी सुविधाओं से लैस है।
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के क्षेत्र में एक बड़ी पहल की जा रही है। संपदा-2.0 सॉफ्टवेयर के जरिए रजिस्ट्रेशन और नामांतरण प्रक्रिया अब और भी सरल और पारदर्शी हो जाएगी। प्रदेशभर के साढ़े 4 करोड़ खसरों को लगभग 10 करोड प्रॉपर्टी नंबरों से लिंक कर दिया गया है। इससे हर प्रॉपर्टी की जियो टैगिंग हो सकेगी। इस सॉफ्टवेयर के लागू होने के बाद हर प्रॉपर्टी को एक यूनिक लैंड पार्सल आईडेंटिफिकेशन नंबर मिलेगा, जो कि आधार की तरह काम करेगा
आधार नंबर से होगा रजिस्ट्रेशन
संपदा-2.0 सॉफ्टवेयर के अंतर्गत कई नई सुविधाएं भी जोड़ी गई हैं। गाइड लाइन एप के माध्यम से किसी भी प्रॉपर्टी की लोकेशन के साथ ही कलेक्टर गाइडलाइन की जानकारी तुरंत मिल सकेगी। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में गवाहों की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि अब आधार नंबर से ही यह काम हो जाएगा। संपदा-2.0 से रजिस्ट्री के साथ-साथ ऑनलाइन नामांतरण की प्रक्रिया भी स्वचालित हो जाएगी, जिससे फर्जीवाड़े की संभा बराबर हो जाएगी।
ई-केवायसी से होगी खरीद- फरोख्त में असली व्यक्ति की पहचान
ई-रजिस्ट्री के माध्यम से स्टांप ड्यूटी और प्रॉपर्टी डीड को भी जनरेट किया जा सकेगा। इस नई प्रणाली के चलते संपत्ति खरीदने और बेचने की प्रक्रिया में तेजी और पारदर्शिता आएगी। इसके साथ ही संपदा-2.0 सॉफ्टवेयर से सभी संबंधित विभागों को लिंक किया गया है, जिससे रजिस्ट्रेशन के बाद नामांतरण की प्रक्रिया नगरीय निकाय तक स्वचालित रूप से पहुंच जाएगी।
इस नई व्यवस्था के तहत सभी खरीद- फरोख्त करने वाले व्यक्तियों का ई- केवायसी आधार, पैन और पासपोर्ट नंबर के माध्यम से किया जाएगा, जिससे असली व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा, कंपनियों और फर्मों के वेरिफिकेशन के लिए उनके कॉर्पोरेट आईडेंटिफिकेशन नंबर, जीएसटी नंबर और पैन को भी संपदा सॉफ्टवेयर से लिंक किया गया है।
सम्पदा ऐप की सुविधाएं
संपदा साफ्टवेयर से सब रजिस्ट्रेशन ऑफिस में उपस्थित होने की जरूरत नहीं रहेगी। रजिस्टर्ड डॉक्यूमेंट डीमैट दस्तावेज में चेंज हो जाएंगे। फेसलेस रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। रजिस्टर्ड डॉक्यूमेंट व्हाट्सएप और ईमेल तत्काल बेनिफिसरी को मिल जाएंगे।
जीआईएस सक्षम सुविधाओं के साथ अपनी संपत्ति का पता लगा सकेंगे। ई-केवाईसी – आधार ओटीपी या वीडियो ई-केवाईसी के साथ कई से भी केवाईसी करवा सकेंगे। आसान भुगतान – आसानी से भुगतान तरीके के साथ अपने ई- स्टाम्प शुल्क का भुगतान कर सकेंगे।
भ्रष्टाचार पर लगेगा लगाम
इस कदम से प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाकर राज्य को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। इस नई तकनीक से प्रदेशवासियों को रजिस्ट्रेशन और नामांतरण की प्रक्रिया में बड़ी सुविधा मिलेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।