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भाजपा में भूचाल, 2 दिन पहले बने थे जिला उपाध्यक्ष, अब दे दिया इस्तीफा

वार्ड क्रमांक 5 के पार्षद पद की टिकट को लेकर अरुण तिवारी मुन्नू ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से दे दिया है इस्तीफा

विशेष संवाददाता, रीवा

आगामी 11 सितंबर को होने वाले वार्ड पार्षदी के चुनाव मैं भारतीय जनता पार्टी की अंदरूनी सहमती नहीं बन पाई और ऊपरी स्तर से टिकट घोषित कराए जाने को लेकर बावल की स्थिति बन गई है। पार्टी ने जिसे 2 दिन पहले ही जिला का उपाध्यक्ष बनाया था उसी ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए खुद दावेदारी प्रस्तुत कर दी है।
उल्लेखनीय है कि अरुण तिवारी मुन्नू वार्ड क्रमांक 5 से कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और भारतीय जनता पार्टी के स्थापित नेताओं में गिने जाते रहे हैं। अभी तक उनके पास मीडिया प्रभाग का कार्य था इसके अलावा दो दिन पहले ही उन्हें जिला उपाध्यक्ष का दायित्व सोपा गया था। इस बीच अरुण तिवारी मुन्नू को यह आशा थी कि पार्टी उनके कार्यों का अवलोकन करते हुए पार्षद पद के लिए उन्हें ही उम्मीदवार बनाएगी। लेकिन इसके पहले भारतीय जनता पार्टी ने वार्ड क्रमांक 5 के पार्षद पद का उम्मीदवार राजीव शर्मा को घोषित कर दिया। उल्लेखनीय है कि राजीव शर्मा अभी तक वार्ड प्रभारी की हैसियत से भाजपा का काम देख रहे थे लेकिन अरुण तिवारी मुन्नू की राजनीतिक हैसियत के सामने काफी जूनियर थे। अरुण तिवारी मुन्नू यह मान रहे थे कि पार्टी उनके कार्यों का अवलोकन करते हुए उन्हें ही टिकट प्रदान करेगी लेकिन अंत में उनकी टिकट कट गई और राजीव शर्मा को पार्टी ने चुनाव मैदान में उतार दिया। अभी तक अरुण तिवारी मुन्नू को यह लग रहा था कि पार्टी एक बार अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं और आज जब नाम वापसी का समय निकल गया तथा प्रतीक चिन्ह आवंटन की कार्यवाही शुरू हुई तो अरुण तिवारी मुन्नू को केक चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया गया। इसी बीच अरुण तिवारी मुन्नू ने भारतीय जनता पार्टी के सभी दायित्व से अपने को मुक्त करते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया है। इसकी पुष्टि जिला अध्यक्ष डॉ अजय सिंह ने भी की है।
इस घटनाक्रम के बाद एक बात तो यह स्पष्ट हो गई है कि भारतीय जनता पार्टी में भी अंदर ही अंदर गुटबाजी का दौर चल रहा है। अरुण तिवारी मुन्नू को टिकट न मिलने से एक पक्ष अंदर ही अंदर नाराज बताया गया है। पार्टी के लोग भी यह कह रहे थे कि वह मिलनसार और युवा चेहरा होने के साथ संबंधित वार्ड में एक अलग छवि रखता है तथा वहीं चुनाव लडऩे का हकदार था, लेकिन एन वक्त पर पार्टी ने दूसरे चेहरे को तवज्जो दे दी है।
उधर इस मामले में अरुण तिवारी मुन्नू ने चर्चा के दौरान कहा कि वार्ड क्रमांक 5 के निवासियों के दवाब के चलते मजबूर होकर उन्हें यह निर्णय लेना पड़ा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैं बचपन से संघर्ष की राजनीति की है तथा सम्मान और स्वाभिमान से किसी प्रकार का समझौता मुझे भी स्वीकार नहीं है इसलिए आत्मा की आवाज सुनकर मैंने भारतीय जनता पार्टी से अपने को किनारे कर लिया है। इन्होंने किसी व्यक्ति विशेष पर आरोप नही लगाते हुए कहा कि कुछ लोग अपनी मनमानी चलाना चाहते हैं लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहां की पार्टी ने मेरे साथ न्याय तो नहीं किया है लेकिन वार्ड की पूरी जनता उनके साथ है, वही जनता उन्हें आशीर्वाद भी देगी।

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