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विवाद के बीच डाक्टर से मारपीट, हो गई मौत

मामले में 5 आरोपी चिन्हित, 3 पकड़े गए, दो की तलाश
आरोपी और डाक्टर सब करते थे एक ही केन्द्र में काम

विशेष संवाददाता, रीवा

पदामधर कॉलोनी में संचालित एक नशा मुक्ति केंद्र में बीएचएमएस डॉक्टर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। डॉक्टर इसी केंद्र में ढाई साल से कार्यरत थे। आरोपी और उसके रिश्तेदारों को शक था कि डॉक्टर उसकी पत्नी से बात करता है। उन्होंने योजना बनाकर डॉक्टर को केंद्र पर बुलाया, फिर पिटाई की, इसके बाद खुद ही अस्पताल ले गए। जबकि डॉक्टर के घर पर जानकारी दी कि एक्सीडेंट हो गया है।
घटना पद्मधर कॉलोनी में चलने वाले एक नशा मुक्ति केंद्र की है। थाना प्रभारी कमलेश साहू के मुताबिक, शहर के कृष्णा नगर में रहने वाले डॉ. रुद्र सेनगुप्ता ने संजय गांधी अस्पताल में सोमवार देर रात इलाज के दौरान दम तोड़ा। उनके साथ सोमवार दोपहर 3 बजे मारपीट की गई थी।
एसपी विवेक सिंह के मुताबिक, मामल में नशा मुक्ति केंद्र के डायरेक्टर शशांक तिवारी, प्रसून तिवारी और प्रियंका तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में दो लोग फरार हैं। प्रसून और इनके परिवार को शक था कि डॉक्टर इनकी पत्नी से गलत बाते करता था।
एसपी ने बताया कि सोमवार दोपहर 3 बजे सेंटर से डॉ. रुद्र सेनगुप्ता के फोन आया और कहा कि जरूरी काम से बैकुंठपुर चलना है, ऑफिस आ जाओ। यहां पांचों आरोपी पहले से थे। शुरुआती जांच में सामने आया है कि प्रसून और उसका परिवार डॉ. रुद्र को पहले भी चेतावनी दे चुका था। पुलिस के मुताबिक, नशा मुक्ति केंद्र पांच साल से चल रहा है। इस केंद्र को अच्छा खासा सरकारी फंड भी मिलता है।
पत्नी को एक्सीडेंट बताकर अस्पताल बुलाया
डॉक्टर रुद्र के साले शेषमणि ने बताया कि सोमावर रात 8.30 बजे बहन के पास फोन आया था। उनसे कहा गया कि आपके पति का एक्सीडेंट हो गया है। बहन के फोन करने पर हम लोग भी गोविंदगढ़ से संजय गांधी अस्पताल आ गए। जब यहां पहुंचे तो उनकी मौत हो चुकी थी। शरीर पर चोट के निशान थे। परिजनों ने मांग की है कि हम लोगों को न्याय मिले।
उधार न देने पर युवक को तालिबानी सजा
जिले में शातिर अपराधियों ने एक किशोर को उधार सामान न देने पर तालिबानी सजा दे दी। यह घटना मऊगंज जिले की बताई गई है। गत दिवस आरोपियों ने किशोर को घण्टो तक बंधक बनाकर बेरहमी के साथ पीटा। किशोर के पीठ पर बने जख्म के निशान अपराधियों की बरपाए गए कहर को बता रहे हैं। वहीं घटना के शिकार पीडित नाबालिग लडक़े की रिपोर्ट पर धारा 296,115,119 (1),351 (2), 3 (5) बीएनएस का प्रकरण दर्ज कर लिया गया। जिसके बाद पुलिस थाना प्रभारी निरीक्षक अनिल काकडे अपने स्टाफ के साथ आरोपी सोनू उर्फ सलीम खान पिता आशिक खान उम्र 19 वर्ष निवासी पथरिहा मऊगंज को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। बताया गया है कि आयुष चतुर्वेदी पुत्र रजनीश चतुर्वेदी उम्र 16 वर्ष निवासी पन्नी मोड़ अपने घर पर ही था, तभी दो युवक सोनू खान निवासी पथरिहा उम्र 19 वर्ष और यश पाण्डेय उर्फ फुल्ला तलाश करते युवक के घर पहुंचे और आयुष से मिलने की बात कहकर परिजनो से बुलबाया। आयुष से बात करने के बहाने दोनों युवक उसे सडक़ तक पैदल ले गए , फिर बाइक में बैठाकर सेलार नदी के समीप सुनसान जगह मे ले गये और वहां किशोर को तालिबानी सजा दी। आरोपियों ने किशोर की तब तक पिटाई की जब तक पूरा शरीर लाल नहीं हो गया था। बताया गया है कि पीडित आयुष के पिता पन्नी मोड़ स्थित अपने घर में हार्डवेयर सहित इलेक्ट्रिक की दुकान संचालित करते हैं। पिता की गैर मौजूदगी में किशोर भी कभी कभार दुकान में बैठता है। आरोपी कुछ दिन पूर्व दुकान में कुछ सामान लेने गए थे, पर किशोर ने उधार सामान देने से मना कर दिया। यह बात उन्हें नागवार गुजरी, तभी से किशोर आरोपियों के आंख की किरकिरी बना हुआ था और मौका मिलते ही उसे उठा ले गए और तालिबानी सजा दी।

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