चुनाव तक रहा सब ठीक, अब सरकार को आई वसूली की याद
नगर प्रतिनिधि, रीवा
मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रदेश के घरेलू, व्यवसायिक एवं कृषि बिजली उपभोक्ताओं के लिए 6 मार्च 2024 को घोषित विद्युत दरें सोमवार 1 जुलाई से लागू हो गई हैं। विद्युत नियामक आयोग ने नए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत दरों में विगत वर्ष में लागू दरों की तुलना में 0.07 प्रतिशत की औसत दर वृद्धि की है।
मप्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत दरों के अनुसार क्रमश: तीन हॉर्स पॉवर, पॉच हॉर्स पॉवर एवं 10 हॉर्स पावर के कृषि उपभोक्ताओं को सम्पूर्ण वर्ष में 29533 रुपये, 52676 रुपये एवं 111667 रुपये का देयक बनता है, जबकि राज्य शासन द्वारा कृषि पंपो पर वर्तमान में लागू सब्सिडी के अनुसार किसानों को मात्र 750 रुपये प्रति हॉर्स पॉवर प्रति वर्ष अर्थात उपरोक्त श्रेणी के उपभोक्ताओं को क्रमश: कुल 2250 रुपये, 3750 रुपये एवं 7500 रुपये का ही भुगतान करना होगा।
सरकार द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार कृषि उपभोक्ताओं को विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दरों पर सब्सिडी स्वीकृत की जाती है, जिसके अनुसार उपभोक्ता द्वारा दी जाने वाली राशि? (750 रुपये प्रति हॉर्स पॉवर) एवं आयोग द्वारा जारी दरों का अंतर सरकार द्वारा वहन किया जाता है। सब्सिडी देने पर शासन प्रत्येक 3 हॉर्स पावर पम्प हेतु कुल राशि 27283 रुपये, 5 हॉर्सपावर पम्प हेतु कुल राशि 48926 रुपये, 10 हॉर्स पावर पम्प हेतु कुल राशि 104167 रुपये का भुगतान सब्सिडी के रूप में वहन करता है। इस प्रकार की घोषणा से कृषि उपभोक्ताओं को नियामक आयोग द्वारा जारी दरों की मात्र लगभग 7 प्रतिशत राशि ही जमा करना होती है, जबकि मप्र सरकार कृषि उपभोक्ताओं के बिलों का लगभग 93 प्रतिशत राशि सब्सिडी के रूप में वहन करती है। ज्ञात हो कि राज्य शासन द्वारा विगत वित्तीय वर्ष के दौरान कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं के अलावा 150 यूनिट प्रति माह तक मासिक खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं को प्रथम 100 यूनिट पर मात्र 100 रुपये का ही भुगतान करना होता है, जबकि 100 यूनिट खपत पर शहर के प्रत्येक घरेलू उपभोक्ताओं की तरफ से सरकार सब्सडिी के रूप में लगभग 542 रुपये का भुगतान कर रही है। अत: घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक के बिल पर पूर्व के भांति अटल गृह ज्योति योजना के तहत मात्र 100 रुपये का ही भुगतान करना है। इस प्रकार के घरेलू उपभोक्ता जिनको सरकार सब्सडिी प्रदान कर रही है उनकी संख्या पूरे प्रदेश में लगभग 1 करोड़ 8 लाख है, जबकि प्रदेश में कुल लगभग 35 लाख कृषि उपभोक्ता हैं जो सब्सडिी का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इस प्रकार चालू वित्तीय वर्ष में सरकार द्वारा कुल लगभग 24000 करोड़ रुपये सब्सडिी के रूप में वहन किये है एवं आगामी वर्ष में उक्त सब्सडिी की राश िबढकर लगभग 25500 रुपये करोड़ होने की संभावना है।