इलाज के दौरान मासूम को लगा दी थी साथ ग्लूकोज की बोतल
जिला कलेक्टर ने सीएमएचओ रेवा को दिए जांच के निर्देश
विशेष संवाददाता, रीवा
जिले की त्योंथर तहसील में क्लिनिक चला रहे झोलाछाप डॉक्टरों ने एक 10 वर्षीय मासूम की जान ले ली। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने इलाज के नाम पर एक के बाद एक कई ग्लूकोज की बॉटलें लगा दी। जिससे बच्चे की हालत और बिगड़ गई। सीरियस होने पर तत्काल उसे प्रयागराज के लिए ले जाया गया। लेकिन मासूम ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद जिला कलेक्टर ने सीएमएचओ को मामले की जांच के निर्देश दिए। साथ ही लोगों को इस तरह के झोलाछाप डॉक्टरों से बचने के निर्देश दिए हैं। वहीं, घटना के बाद से दोनों डॉक्टर अपना क्लिनिक बंद करके फरार हो गए हैं।
गौर तलब है कि जिले के ग्रामीण अंचलों में झोलाछाप डॉक्टर लगातार अपना जाल बिछाते नजर आ रहे हैं। इन्हीं झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसको लेकर कई दिशा निर्देश भी जारी किए गए थे। सरकार ने भले ही कड़े निर्देश जारी किए हो, लेकिन अब भी यह झोलाछाप डॉक्टर बेखौफ होकर फर्जी तरीके से लोगों का इलाज कर रहे हैं। साथ ही लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
यह मामला रीवा जिले के त्योंथर के सोहागी थाना क्षेत्र अंतर्गत चौरा गांव से सामने आया है। जहां झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने एक मासूम की जान ले ली। मृतक की पहचान मोहम्मद साजिद अहमद (10 साल) के रूप में हुई है।
बताया गया है कि मकबूल अहमद के बेटे को रविवार शाम से उल्टी-दस्त की शिकायत थी। उसे गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर को दिखाया, लेकिन आराम नहीं हुआ। मजबूरी में दूसरे झोलाछाप डॉक्टर के यहां ले जाना पड़ा। परिजनों का आरोप है कि इस डॉक्टर ने बच्चे को अपने यहां भर्ती कर लिया। डॉक्टर ने रात 9 बजे से 3 बजे तक कई ग्लूकोज की बोतल कई चढ़ाता रहा। साथ ही इंजेक्शन लगाता रहा। इससे बच्चा बेहोश हो गया।
डॉक्टर ने 6 घंटे में 7 बॉटल ग्लूकोज चढ़ा दिया। इससे मासूम की नाक से खून और मुंह से झाग निकलने लगा। यह देख झोलाछाप के हाथ पांव फूल गए। वहीं, परिजन भी घबरा गए। परिजन बच्चे को लेकर प्रयागराज ले जाने के लिए रवाना हुए। हालांकि रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने मामले की शिकायत भी पुलिस में दर्ज कराई है।
शिकायत की जानकारी मिलते ही झोलाछाप डॉक्टर हुआ फरार
इस घटना के बाद से फर्जी डॉक्टर फरार बताया जा रहा है। वहीं, पुलिस ने घटना की जांच करते हुए मासूम के शव को पीएम के लिए हॉस्पिटल भेजा। जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल ने इस घटना के बाद मामले को संज्ञान में लिया। साथ ही सीएमएचओ को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा कलेक्टर ने लोगों को इस तरह के झोलाछाप डॉक्टरों से बचने के निर्देश दिए हैं।
वेतन 27 जुलाई तक करें जनरेट
रीवा। वरिष्ठ कोषालय अधिकारी पुष्पेन्द्र कुमार शुक्ला ने जिले के सभी आहरण संवितरण अधिकारियों से 27 जुलाई तक वेतन देयक जनरेट करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि सभी अधिकारी उक्त तिथि तक अनिवार्यत: वेतन देयक जनरेट कर दें जिससे एक अगस्त को शत-प्रतिशत अधिकारियों-कर्मचारियों को वेतन का भुगतान किया जा सके। समय पर वेतन जनरेट न करने पर माह की प्रथम तारीख को वेतन दिया जाना संभव नहीं होगा। जिन अधिकारियों, कर्मचारियों का वेतन किसी कारणवश रोका गया है, उन्हें छोडक़र शेष सभी के वेतन देयक जनरेट कर दें।