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सालों से प्रमोशन का इंतजार कर रहे पुलिसकर्मी,नहीं दिख रहे आसार, जूनियरों को मार रहे सलामी, प्रमोशन के इंतजार में आ गया रिटायरमेंट का समय

संभाग के प्रत्येक जिले में प्रमोशन का अलग-अलग शेड्यूल

नगर प्रतिनिधि, रीवा

पुलिस विभाग के अधिकारी व कर्मचारी लंबे समय से प्रमोशन की बाटजोह रहे है।यह इंतजार इतना लंबा हो गया कि अब रिटायरमेंट का नम्बर आ गया है लेकिन अभी तक एक भी प्रमोशन पुलिसकर्मियों को नहीं मिला।संभाग के प्रत्येक जिले में प्रमोशन का वर्ष अलग-अलग चल रहा है। फलस्वरूप जूनियरों का प्रमोशन हो गया है और सीनियर अभी भी इंतजार में लगे हुए है।
कुंठित मन से कर रहे काम
हासिल जानकारी के अनुसार कानून और व्यवस्था बनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने वाले पुलिसकर्मियों को प्रमोशन का लाभ नहीं मिल रहा है। पुलिस विभाग में प्रमोशन को लेकर मारामारी मची हुई है। सेवाकाल के बीस वर्ष गुजारने के बाद भी अभी तक पुलिसकर्मियों को प्रमोशन का लाभ नहीं मिला है। यही कारण है कि पुलिसकर्मी अब कुंठित मन से काम कर रहे हैं।रीवा जिले में वर्ष 2010 तक के भर्ती हुए पुलिसकमियों को प्रमोशन का लाभ मिल चुका है जबकि उसके बाद से भर्ती हुए पुलिसकर्मी अभी भी अपने भर्ती पद ही सेवाएं दे रहे है। सैकड़ों पुलिसकर्मियों को प्रमोशन का इंतजार है।
नहीं उठा पा रहे आवाज
अनुशासन की जंजीरों में बंधे पुलिसकर्मी अपनी आवाज तक नहीं उठा पा रहे हैं। दूसरे जिलों में पदस्थ जूनियर प्रमोशन पाकर रीवा में पदस्थ पुलिसकर्मियों के सीनियर बन चुके हैं जिनको अब उन्हें सैल्यूट मारना पड़ रहा है। प्रमोशन के लिए पुलिसकर्मियों को अभी कितना इंतजार करना पड़ेगा यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।
पीएचक्यू का आदेश भी बेअसर
पुलिस विभाग पीएचक्यू के आदेश को भी आज तक लागू नहीं करवा पाया है।पिछले वर्ष पीएचक्यू ने आदेश जारी किया था जिसमें वरिष्ठ आरक्षकों को विवेचना का अधिकार प्रदान किया गया था लेकिन उक्त आदेश जिले में लागू ही नहीं हो पाया। वरिष्ठ आरक्षकों को अभी तक विवेचना का अधिकार नहीं दिया गया है।यही कारण है कि पंद्रह साल की नौकरी पूरी करने के बाद आरक्षक सडक़ में लाठियां पीट रहे हैं।
अन्य जिलों में क्या है प्रमोशन की स्थिति
संभाग के चारों जिलों में प्रमोशन की स्थिति अलग है। रीवा जिले में सबसे बुरी हालत है और यहां पर वर्ष 2010 बैच के बाद से प्रमोशन नहीं हो पाया है।वहीं सीधी में वर्ष 2012-13 सतना में 2013 व सिंगरौली में 2013 के बाद से प्रमोशन नहीं हो पाया है जोकि सिंगरौली संभाग में सबसे छोटा जिला है इसके बाद भी वहां प्रमोशन की स्थिति सही है। प्रमोशन की दृष्टि से सिंगरौली सबसे उपयुक्त जिला है जिससे अधिकांश पुलिसकर्मी सिंगरौली जिले के लिए ट्रांसफर करवाने का प्रयास करते हैं।
पुलिस विभाग में विवेचकों की कमी
पुलिस विभाग में विवेचकों की कमी भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। पिछले तीन सालों से प्रमोशन पर पूरी तरह से वैन लगा हुआ है जिससे पुलिस विभाग को नए विवेचक नहीं मिल पा रहे हैं। पुराने विवेचकों के पास चालीस से पांच तक मर्ग, अपराध की जांच होती है। इसके अतिरिक्त जनसुनवाई, सीएम हेल्पलाइन सहित अन्य शिकायतों की जांच भी उनके पास रहती है। काम के दबाव की वजह से विवेचना सही ढंग से नहीं हो पाती है और इसका लाभ अपराधियों को कोर्ट में मिलता है।
ग्रह मंत्रालय के आदेश वर्ष 2022 की अवहेलना
कई वर्षों से रीवा जिले संभाग होने से हर जिलों की अपेक्षा आरक्षक हर जिले के स्टेन्थ से ज्यादा भर्ती होते हैं तो भर्ती एवं तैनाती होने में क्यो बैन नही लगाया गया जब पदोन्नति की बात आती है तो हवाला स्टेन्थ का दे दिया जाता है जबकि संभाग होने के नाते पहले प्राथमिकता संभाग को दी जानी चाहिए जबकि शाशन के नियमानुसार कोई भी कदम वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नही की द्दड्डद्ब जो आज दिनांक तक जो कर्मचारी प्रमोशन से वंचित रह गए उनके सीनियर्टी का ध्यान भगवान रखे या ग्रह मंत्रालय क्योकि संभाग होने के नाते यहाँ तो स्टेन्थ बताई जाती है जबकि शासन के नियमानुसार सतना सीधी सिंगरौली में यह नियम लागू किया जाता जो आज यह स्थित रीवा जिले में बनी हुई है आने वाले विधानसभा में यह कॉस्चन उठाया जाएगा जिसका जिम्मेदार पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में पदस्थ बाबू अथवा पुलिस अधीक्षक तथा संभाग के पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन रीवा के अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
े गृहमंत्री को लिखा गया पत्र
जिला पंचायत सदस्य लालमणि त्रिपाठी ने गृह मंत्री को पत्र लिखते हुए कहा कि रीवा पुलिस बल में कई वर्षों से आरक्षक अपनी-अपनी सेवाएं दे रहे हैं आरक्षकों का राज्य शासन के नियमानुसार प्रथम पदोन्नति 10 वर्षों की सेवा पूर्ण करते हुए भी अभी तक कोई पदोन्नति नहीं हो सकी है किंतु रीवा जिला के अलावा अन्य जिलों में आरक्षक से कार्यवाहक प्रधान आरक्षक के पदों पर पदोन्नति की जा चुकी है जिला रीवा में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बताया जाता है कि रीवा जिले में पदोन्नति का स्थान रिक्त ना होने के कारण पदोन्नति नहीं की जा सकती है मैं गृहमंत्री से मांग करता हूं कि आरक्षकों के हित में ध्यान में रखते हुए आरक्षक से प्रधान आरक्षक के पर पदोन्नति करने की कार्रवाई करें।

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