दो सरकारी कर्मचारियों ने युवकों को लिया नौकरी दिलाने के नाम पर अपने झांसे में
पहले युवकों ने शिकायत दर्ज कराई पुलिस में, कार्यवाही न होने पर पहुंचे न्यायालय
जिला न्यायालय मऊगंज के आदेश पर दर्ज की गई प्राथमिकी, अब जांच होगी
नगर प्रतिनिधि, रीवा
सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगों का गिरोह सक्रिय है। इनके खिलाफ शिकायतें भी बेअसर रहती हैं। ऐसे ही 14 युवक दो सरकारी कर्मचारियों के झांसे में आ गये और किसी प्रकार इन दोनों कर्मचारियों को लम्बी रकम दे डाली। सालों बीत गये और नौकरी नहीं मिली तब जांच पड़ताल शुरू की। इस दौरान ठगे गये युवक भी एक दूसरे के सम्पर्क में आ गये। इन सब ने थाने में शिकायत दर्ज कराई लेकिन किसी ने नहीं सुनी। यह सब युवक बाद में न्यायालय पहुंचे जहां से एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। अब पुलिस मामले की जांच मिल रही है।
बताया गया है कि मऊगंज पुलिस ने 44 लाख 66 हजार 700 रुपये की धोखाधड़ी कर 14 से ज्यादा लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देकर फर्जी नियुक्ति पत्र बांटने वाले दो कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी न्यायालय मऊगंज के निर्देश पर दर्ज किया गया है। बताया जाता है कि एक आरोपी का नाम सुशील शर्मा बताया गया है जो रीवा गल्ला मंडी स्थित विद्युत विभाग के एसी कार्यालय में पदस्थ है। इसी प्रकार दूसरा आरोपी नवी मोहम्मद नगर निगम रीवा का कर्मचारी बताया गया है।
इस तरह से शुरू हुआ ठगी का खेल
आरोपी सुशील शर्मा पिता बद्री प्रसाद शर्मा निवासी पिपरा थाना चोरहटा गल्ला मंडी रीवा उम्र 35 वर्ष जो बिजली विभाग एसी ऑफिस में पदस्थ है वही दूसरा आरोपी नवी मोहम्मद जो नगर निगम रीवा में नौकरी करता है इन दोनों आरोपियों ने भोले भाले युवाओं को नौकरी देने का झांसा देकर ठगी की घटना को अंजाम दिया, यह दोनों आरोपी बड़े स्तर पर अपनी पहचान बताकर 100 प्रतिशत नौकरी दिलाने की गारंटी देकर लोगों से पैसे लेते थे और बाद में फर्जी आदेश के तहत उन्हें नियुक्ति पत्र भी दे देते थे।
ये बेचारे फंस गये ठगों के चक्कर में
आरोपियों ने मिलकर पहले जितेंद्र कुमार पटेल निवासी चंद्रमहुली थाना मऊगंज को अपने जाल में फंसा कर इससे मोटी रकम लेकर ऊर्जा विभाग जबलपुर में कनिष्ठ अभियंता के पद पर 15 अगस्त 2023 को नियुक्ति पत्र सौप दिया. जब जितेंद्र पटेल कार्यालय में ज्वाइन करने पहुंचा तो यह नियुक्ति पत्र फर्जी निकला आरोपियों ने इसके बाद नगर पालिक निगम रीवा के लेटर पैड जिसमें सुधाकर सोनी संयुक्त संचालक नगर निगम रीवा के हस्ताक्षर से 14 लोगों को लेखपाल, प्यून सहित कई अन्य पदों में ज्वाइन करने के लिए नियुक्ति पत्र सौंप दिया पर जब यह लोग नियुक्ति पत्र लेकर संबंधित कार्यालय में ज्वाइन करने पहुंचे तब इन्हें मालूम चला कि यह नियुक्ति पत्र फर्जी है, तब तक दोनों आरोपी सभी फरियादियो का मिलाकर 44 लाख 66 हजार 700 रुपये हजम कर चुके थे। नौकरी की लालच में फरियादियों ने यूनियन बैंक, स्टेट बैंक मऊगंज सहित फोन पे के माध्यम से आरोपियों के बैंक खातों में यह राशि ट्रांसफर की थी. फर्जी नियुक्ति पत्र मालूम होने के बाद फरियादियों ने अपना पैसा मांगना शुरू किया तो आरोपी धमकी देने लगे. सभी फरियादियों ने मिलकर माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मऊगंज के न्यायालय में याचिका लगाई जिसमें न्यायालय से आदेश पर पुलिस थाना मऊगंज में आरोपी सुशील शर्मा एवं नवी मोहम्मद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
एक लेटर पैड से कई लोगों को दिया गया था नियुक्ति पत्र
आरोपियों ने मिलकर नगर पालिक निगम रीवा के लेटर पैड से विभिन्न पदों के लिए कुल 14 लोगों को नियुक्ति पत्र दे दिया था, जिसमें संयुक्त संचालक नगर निगम रीवा सुधाकर सोनी के हस्ताक्षर से 22.9.2023 को यह नियुक्ति पत्र जारी किया गया था और बाद में जब यह सभी 14 लोग ज्वाइन करने पहुंचे तो मालूम हुआ की नियुक्ति पत्र फर्जी है।
दे देते थे फर्जी नियुक्ति पत्र
रीवा नगर पालिक निगम के लेटर पैड से नीता पटेल, अमर पटेल, आशीस पाडेय, आशीष पटेल, नीरज कुमार पटेल, शिवम, देवेंद्र कुमार द्विवेदी, आंचल तिवारी, अंजली मिश्रा, राधा कृष्ण मिश्रा, शिवानी द्विवेदी, सत्यदेव विश्वकर्मा, सुर्ख पटेल कुल 14 लोगो को फर्जी नियुक्ति पत्र दिया गया था. इस मामले में न्यायालय साजिद मोहम्मद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी न्यायालय मऊगंज के निर्देश पर मऊगंज पुलिस थाने में धारा-420,467,468,471,120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. इन दोनों आरोपियों ने करीब 15 से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देकर कुल 44 लाख 66 हजार 700 रुपये ठगे हैं।
इनका कहना है…
थाना प्रभारी मऊगंज ने बताया है कि मामला पंजीबद्ध किया गया है। कौन कर्मचारी कहां पर पदस्थ है इसका पता लगाया जायेगा, इसके बाद पीडि़त पक्षों के बयान लेकर विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी। वहीं बिजली विभाग के मुख्य अभियंता ने कहा है कि उनके यहां सुशील शर्मा नाम का कोई कर्मचारी नहीं है।