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उच्च शिक्षा विभाग में भी किये जाते हैं बड़े-बड़े कारनामे अतिथि विद्वानों की नियुक्ति में चल रहा फालेन आउट का खेल

फालेन आउट के नाम पर खेल होने का लगाया गया है आरोप
अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा से न्याय के लिए लगाई गई है गुहार

नगर प्रतिनिधि, रीवा

उच्च शिक्षा विभाग में मनमानी के चलते छात्रों में उच्च शिक्षा का ग्राफ नहीं बढ़ पा रहा है। सरकार इनके लिए स्कीमें तो खूब लेकर आ रही है लेकिन मनमानी के चलते यह पूरी तरह से फेल साबित हो रही हैं। उच्च शिक्षा विभाग में एक बड़ा कारनामा अतिथि विद्वानों का सामने आया है। हालांकि फिलहाल एक अतिथि विद्वान को लेकर ही शिकायत हुई है लेकिन कहा जा रहा है कि ऐसे एक नहीं प्रदेश भर में आधा सैकड़ा से अधिक अतिथि विद्वान हैं। मामले को लेकर उच्च शिक्षा आयुक्त सहित अतिरिक्त संचालक रीवा संभाग रीवा व संभागायुक्त रीवा से शिकायत कर अधिवक्ता मानवेन्द्र द्विवेदी ने बताया है कि बीच में चुनाव के पूर्व फॉलेन आऊट अतिथि विद्वानों के लिए च्वाइस फिलिंग का विकल्प खुला था। जिसमें कई अतिथि विद्वानों ने फर्जीवाड़ा करके खुद को पहले फॉलेन आऊट कराया और बाद में दूसरे जगह पर फॉलेन आऊट बनकर आवेदन कर दिया। उदारण देते हुए बताया कि शासकीय शहीद केदारनाथ महाविद्यालय मऊगंज में अर्थशास्त्र विषय में पदस्थ रहे अतिथि विद्वान अजय सिंह गहरवार द्वारा इसी तरह से अपने आप को फॉलेन आऊट कराया गया और च्वाइस फिलिंग करके अपने गांव के नजदीक शासकीय कॉलेज खड्डी जिला सीधी में ज्वाइनिंग की है।
अधिवक्ता ने बताया कि उनके द्वारा मामले की शिकायत उच्च शिक्षा आयुक्त से की गई है, उन्होंने जांच कराए जाने के लिए आश्वस्त किया है। इस बात की जानकारी जैसे ही इस प्रकार से फॉलेन आऊट हुए अतिथि विद्वानों को हुई वह राजधानी की दौड़ लगाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में बैठे जिन अफसरों ने इस प्रकार नियम विरूद्ध काम कराया है उन पर भी कार्यवाही की है। अधिवक्ता ने कहा कि उन्हें चर्चा में बताया गया कि कई कॉलेजों में प्राचायो पर राजधानी में बैठे अफसरों ने दबाव बनाया और इस प्रकार से फॉलेन आऊट कराया। कंम्प्यूटर आपरेटरों के घर में यह पूरी प्रक्रियाएं की गई हैं। एडी उच्च शिक्षा से भी जांच की मांग की गई है।
अधिवक्ता ने बताया कि शासन के नियम अनुसार अतिथि विद्वान तभी फॉलेन आऊट होते हैं जब उनकी जगह पर कोई ट्रांसफर से नियमित प्राध्यापक आ जाए या फिर कोई नई नियमित प्राध्यापक की डायरेक्ट ज्वाइनिंग हो लेकिन मऊगंज कॉलेज में जानकारी लेने में पता चला कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। बल्कि डॉ.अजय सिंह गहरवार को रिच्वाइस का आप्सन डालकर फॉलेन आऊट किया गया था। जिसका विरोध भी कॉलेज में हुआ था। सूत्रों की माने तो इसके लिए राजधानी में बैठे अधिकारियों से तगड़ी सेटिंग की गई थी। आर्थिक लाभ लेकर अधिकारियों ने ऐसा किया। अधिवक्ता ने कहा कि रीवा जिले सहित प्रदेश के अन्य जिलों में इस तरह के कई केस हैं।
इनका कहना है
मऊगंज कॉलेज में अतिथि विद्वान के नियम विरूद्ध फॉलेन आऊट होने की शिकायतएडवोकेट मानवेन्द्र द्विवेदी द्वारा प्राप्त हुई है। खड्डी कॉलेज में अतिथि विद्वान ने ज्वार्इंन किया है। जांच कराई जा रही है, रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही करेंगे।
डॉ.आरपी सिंह,
अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा रीवा संभाग

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