Headlines

गौ तस्करी में संलिप्त तीन युवकों को बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने पकड़ा और किया थाने के हवाले

दो दर्जन से ज्यादा दो वंश को ले जाया जा रहा था तस्करी के लिए
मामला रायपुर कर्चुलियान थाना के चोरगड़ी गांव का
सभी गोवंश को पहाडिय़ा की गौशाला में किया गया शिफ्ट

विशेष संवाददाता, रीवा
यह तो अब पूरी तरह से स्पष्ट हो चुका है कि गोवंश की तस्करी लोगों को पाना पुलिस के बस की बात नहीं है, जब कोई संगठन स्वयं कार्यवाही कर आरोपियों को पुलिस के हवाले करता है तो पुलिस भी अपनी वाह वाही लूट लेती है। ऐसा ही एक मामला रायपुर कर्चुलियान थाने का सामने आया है जिसमें बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दो दर्जन से ज्यादा गोवंश को तस्करो से मुक्त कराया तथा आरोपियों को थाने के हवाले किया।
घटना के संबंध में बताया गया है कि बजरंग दल से जुड़े कार्यकर्ताओं को यह जानकारी मिली कि चोरगडी के पास से गोवंश की तस्करी की जा रही है। लगभग एक दर्जन कार्यकर्ता उसे स्थल पर पहुंचे जहां से गोवंश को ले जाया जा रहा था, पहले तो पूछताछ की गई फिर पूरे घटनाक्रम को समझने के बाद तस्करी से जुड़े तीन युवकों को थाने के हवाले कर दिया गया। इस मामले में बताया गया है कि चोरगड़ी गांव के कुछ लोगों के सहयोग से यह अवैध कारोबार संचालित हो रहा था तथा यहां से काफी संख्या में गोवंश को प्रयागराज या अन्य जगह भेजा जा रहा था। पुलिस तीनों आरोपियों को कस्टडी में लेकर उनसे पूछताछ कर रही है। उधर जानकारी दी गई है कि गौ वंश को पहाडिय़ा स्थित गौशाला में शिफ्ट कर दिया गया है।
लंबे समय से चल रहा है कारोबार
बताया गया है कि रीवा जिले में यह कारोबार एक लंबे समय से चल रहा है तथा इस तस्करी के कारोबार में विभिन्न स्थानों के पुलिस कर्मियों की भी एक बड़ी भूमिका है। रीवा के चोर हटा थाने से होकर साल के 8 महीने हर हफ्ते एक गिरोह कम से कम 200 से 300 गोवंश पैदल लेकर जाता है। इसमें एक विशेष प्रकार की वसूली होती है। सेमरिया से लेकर रीवा जिला क्रॉस करने के लिए बकायदे एक टीम रहती है जो गोविंदगढ़ तक क्रॉस करने का ठेका लेती है। हर थाने में एक जानवर के बदले 20 से 30 रुपए का सौदा होता है। अब ऐसे में गोवंश की तस्करी कैसे रुक पाएगी, यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *