नगर प्रतिनिधि, रीवा
बिजली कंपनी के विभिन्न कार्यों के दौरान अथवा मारपीट में घायल होने पर पीडि़त नियमित, संविदा एवं आउटसोर्स कार्मिकों को उपचार एवं अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए तत्काल 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, इस संबंध में बिजली कंपनी ने आदेश जारी कर दिए हैं।
मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर ने अपने आदेश में कहा कि कल्याणकारी प्रशासनिक व्यवस्था के तहत कंपनी के नियमित, संविदा एवं बाह्यस्त्रोत एजेंसी के माध्यम से नियोजित कार्मिकों के साथ कार्य के दौरान घटित घातक अथवा अघातक दुर्घटना या मारपीट की घटनाओं के दौरान घायल होने पर पीडि़त कार्मिकों को अधिकतम राशि 10,000 रुपये की तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान की जावेगी।
आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने हेतु क्षेत्रीय मुख्य अभियंता की अनुशंसा के आधार पर मुख्य महाप्रबंधक (मा. संसा. एवं प्रशा.) द्वारा स्वीकृति प्रदान की जावेगी। स्वीकृति उपरांत संबंधित लेखा इकाई के माध्यम से पीडित कार्मिक के बैंक खाते में आर्थिक सहायता की राशि स्थानांतरण की जावेगी। उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया जाता है।
आये दिन होती हैं घटनाएं
बिजली विभाग में नियमित लाईन स्टाफ की कमी के कारण लाइन मेन्टीनेन्स का कार्य गैर अनुभवी आउटसोर्स कर्मचारियों से कराया जाता है जिसके चलते यह देखने को मिलता है कि आये दिन बिजली विभाग में कार्यरत आउटसोर्स के कर्मचारी लाइन मेन्टीनेन्स के दौरान या तो खम्भे के नीचे आ जाते या फिर करेंट के शिकार हो जाते हैं। अब तक इस तरह की घटनाओं में विभाग द्वारा घायल कर्मियों को इलाज के लिए थोड़ी बहुत राशि देकर पल्लू झाड़ लिया जाता था लेकिन इस नये दिशा निर्देश से कर्मचारियों को कुछ राहत मिलेगी। हालाकि बिजली विभाग द्वारा जो आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा की गई है उससे बिजली विभाग के कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं फिर भी यह मानकर चल रहे हैं कि न कुछ से तो अच्छा ही है।