विंध्य के कई कम्प्यूटर संस्थानों के छात्रों का भविष्य लगा दाव में
विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों के कर्मचारियों के अवकाश पर भी लगाया गया प्रतिबंध
अवकाश संबंधित आदेश रजिस्टार और प्राचार्यों को किया गया जारी
नगर प्रतिनिधि, रीवा
यूजीसी में माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय सहित जहां अन्य कई विश्वविद्यालयों को डिफाल्टर घोषित किया है वहीं उच्च शिक्षा विभाग ने विधानसभा सत्र के चलते सभी विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालय के कर्मचारियेां के अवकाश पर रोंक लगा दिया है। माखनलाल चतुर्वेदी महाविद्यालय के डिफाल्टर घोषित होने से रीवा के माखनलाल चतुर्वेदी संस्थान पर ही इसका असर नहीं पड़ेगा बल्कि विंध्य क्षेत्र में संचालित सैकड़ों कम्प्यूटर सेंटरों में पढ़ रहे छात्र भी प्रभावित होंगे। हालाकि बताया यह भी गया है कि डिफाल्टर के सूची मे नाम आते ही माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय द्वारा खामियों को पूरा कर लिया गया है।
सैकड़ो संस्थान के छात्र होंगे प्रभावित
इन दिनों संस्थानों की गलतियों को छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। रीवा सहित सीधी, सतना, सिंगरौली और शहडोल में संचालित ऐसे सैकड़ों कम्प्यूटर संस्थान हैं जो माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। उक्त विश्वविद्यालय के डिफाल्टर घोषित होने से इससे संबद्ध संस्थानों में पढऩे वाले हजारों छात्रों का भविष्य गर्त में मिल जाएगा। गौरतलब है कि अभी हाल में ही रीवा के श्याम शाह मेडिकल कॉलेज से संबद्ध नर्सिग कॉलेज तथा एक निजी कॉलेज के व्यवस्थापकों के लापरवाही के चलते नर्सिग कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी गई। जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है और ऐसा ही अब माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से जुड़े संस्थानों के छात्र-छात्राओं के साथ होने जा रहा है।
यूजीसी ने जारी किया निर्देश
मध्यप्रदेश की 16 यूनिवर्सिटी को डिफॉल्टर घोषित किया गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने लोकपाल की नियुक्ति नहीं करने यह कार्रवाई की है। इनमें 7 सरकारी और 9 प्राइवेट यूनिवर्सिटी हैं। डिफॉल्टर यूनिवर्सिटी की लिस्ट 19 जून को यूजीसी ने जारी की है। सात सरकारी यूनिवर्सिटी में सबसे ज्यादा तीन यूनिवर्सिटी जबलपुर की हैं, जबकि भोपाल और ग्वालियर की 2-2 यूनिवर्सिटी शामिल हैं। लोकपाल की नियुक्ति नहीं करने के चलते डिफॉल्टर घोषित 9 प्राइवेट यूनिवर्सिटी में इंदौर की तीन और भोपाल दो यूनिवर्सिटी शामिल हैं। इसके अलावा, सीहोर, देवास, नीमच और सागर की एक-एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी को डिफॉल्टर घोषित किया गया है।
डिफॉल्टर घोषित सरकारी यूनिवर्सिटी
- राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल 2. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, भोपाल 3. मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी, जबलपुर 4. जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर 5. नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर 6. राजा मान सिंह म्यूजिक एंड आर्ट यूनिवर्सिटी, ग्वालियर 7. राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर
पूर्व जज ओमप्रकाश सुनरया माखनलाल यूनिवर्सिटी के लोकपाल नियुक्त
यूजीसी के लिस्ट जारी होते ही गुरुवार रात माखन लाल यूनिवर्सिटी ने लोकपाल नियुक्त कर दिया। सेवानिवृत्त प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश ओमप्रकाश सुनरया को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में लोकपाल नियुक्त किए गए हैं। उनकी नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन साल की अवधि तक के लिए है।
अवकाश में लगा प्रतिबंध
1 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र शुरु होने जा रहा है। सत्र को लेकर विभागीय स्तर पर तैयारियां जारी है। इस बीच उच्च शिक्षा विभाग ने कर्मचारियों के मुख्यालय छोडऩे पर रोक लगा दी है। आदेश के मुताबिक विधानसभा सत्र के दौरान उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े हुए सवाल और जवाब तैयार करने के लिए मुख्यालय में कर्मचारी और अधिकारी का रहना अनिवार्य होगा।
किसी कर्मचारी और अधिकारी को अति आवश्यक कार्य होने पर अतिरिक्त मुख्य सचिव की अनुमति लेना होगा। इसके बाद ही उन्हें मुख्यालय छोडऩे की अनुमति मिलेगी। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी कॉलेजों के प्राचार्य और विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को निर्देश दिए हैं। विधानसभा का मानसून सत्र 1 जुलाई से जारी आदेश में लिखा है, विषयांतर्गत आगामी विधान सभा सत्र 1 जुलाई से 19 जुलाई 2024 तक आहूत किया गया है। निर्देशित किया जाता है कि विधानसभा में विभाग से संबंधित प्रश्नों के उत्तर समय-सीमा में प्रेषित करने के लिए समस्त जानकारी के साथ निरंतर कार्य स्थल के मुख्यालय पर उपस्थित रहें। उक्त अवधि में अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा विभाग की अनुमति के बिना मुख्यालय न छोड़े।