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मऊगंज जिले में जीएसटी की चोरी का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा

जिले के कारोबारियों के लिए कर चोरी करना ही सर्वश्रेष्ठ कार्य है

शिवेंद्र तिवारी

मऊगंज– एक कर एक देश योजना के तहत मई 2017 में जीएसटी लागू किया गया है। जिसे तीन श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें छोटे कारोबारियों से लेकर दूसरे देशों में कारोबार के भी करों को शामिल किया गया है। जीएसटी चोरी और वसूली के लिए आयकर विभाग की टीमें भी गठित हैं। इसके बाद भी कारोबार में जीएसटी की चोरी जोरों पर की जा रही है। इसके रोकथाम को बनी टीमें नाकाम साबित हो रही है। इन दिनों मऊगंज जिले के मऊगंज, खटखरी , हनुमना, नईगढ़ी में जीएसटी की चोरी का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। जिले में सीमेंट सरिया किराना,बर्तन व कपड़े आदि दुकानों पर धड़ल्ले से जीएसटी की चोरी की जा रही है।
दरअसल आपको बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर प्रदेश व केंद्र स्तरीय के कारोबार में आयकर विभाग की जीएसटी देश के विकास में सहायक होती है। जीएसटी से मिले रुपये को गरीबों, असहायों को जीवन जीने की मदद और अनाथ बच्चों की शिक्षा समेत जन हित का विकास किया जाता है। इसी लिए कर को महादान कहा जाता है। कर दाताओं को भी महत्वपूर्ण श्रेय दिया जाता है। सीजीएसटी, एसजीएसटी, आइजीएसटी श्रेणी के कर देश के विकास पर ही खर्च किया जाता है लेकिन मऊगंज जिले के कारोबारियों ने तो कर चोरी करना ही सर्वश्रेष्ठ कार्य मान रखा है। उनका हर प्रयास जीएसटी चोरी के लिए ही होता है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि जीएसटी की चोरी का यह कारोबार चलता है या कोई कार्यवाही भी की जाती है।

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