शिवेंद्र तिवारी
- विंध्य भारत की खबर का असर
- प्रधान मुख्य वन संरक्षक के दूसरे रिमाइंडर व मीडिया के हस्तक्षेप के बाद जल्दबाजी में 3 जून को किया पत्राचार
- चर्चित कार्यवाहक वन क्षेत्रपा को बचाने का मामला
सिंगरौली-: जिले के वन मंडल अधिकारी अखिल बंसल मीडिया को अंधेरे में रखकर गुमराह करने के प्रयास में स्वयं बेनकाब हो गए हैं ताजा मामले के अनुसार मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख मध्य प्रदेश शासन के 3 माह पूर्व के एक बेहद आवश्यक आदेश जिसमें वन क्षेत्रपाल व कार्यवाहक वन क्षेत्रपालों की पदोन्नति पदस्थापना से संबंधित जानकारी को सात दिवस के अंदर संबंधित कार्यालय को भेजा जाना था लेकिन डीएफओ साहब ने वरिष्ठ एवं प्रमुख कार्यालय के आदेश को अपने निजी स्वेच्छाचारिता की वजह से 3 माह से दवा कर रखा था।
कारण चाहे जो भी रहा हो लेकिन दूसरे विभागीय रिमाइंडर के साथ सीसीएफ कार्यालय के हस्तक्षेप व मीडिया में छीछालेदर होने पर 3 जून को डीएफओ ने मजबूरी में उक्त आदेश के पालनार्थ अपने मातहतों को पत्राचार किया और चर्चा का विषय बन गए, जबकि इसी से संबंधित जानकारी के जवाब में डीएफओ अखिल बंसल ने विंध्यभारत से चर्चा में कहा था कि यह मामला मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता इसके लिए आप वरिष्ठ कार्यालय से संपर्क करें अब जब विंध्य भारत की टीम ने संबंधित वरिष्ठ कार्यालय से चर्चा कर मामले से पर्दा हटाया तो डीएफओ साहब सारे मामले से बचते फिर रहे हैं या फिर यह कहा जाए की यह मामला डीएफओ साहब के गले की हड्डी बन गया है जो ना तो अंदर जा रहा है और ना ही बाहर आ रहा है।
ज्ञात हो कि विंध्य भारत समाचार पत्र में विगत 1 जून को “राजनीतिक रसूख एवं विभागीय लीपापोती से गैर पात्रताधारी को वन परिक्षेत्र अधिकारी का प्रभार” शीर्षक के नाम से एक खबर का प्रकाशन किया गया था जिसमें एक कार्यवाहक वन क्षेत्रपाल को जिले के बेहद सघन और प्रमुख वन परिक्षेत्र का प्रभारी वन क्षेत्रपाल बना देने के मामले का उल्लेख किया गया था जबकि कार्यवाहक वन क्षेत्रपालों के पदोन्नति एवं पदस्थापना नियमों के अनुसार बगैर वर्ष 2020 में आयोजित विभागीय परीक्षा में पास हुए अधिकारियों को प्रभारी अधिकारी बनाया ही नहीं जा सकता था। इस खबर से संबंधित जानकारी के लिए जब जिले के वन मंडल अधिकारी अखिल बंसल से दूरभाष पर जानकारी चाही गई तो उन्होंने सारे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश करते हुए हमारे प्रतिनिधि को बताया कि उक्त मामला मेरे अधिकार क्षेत्र में ही नहीं है इसकी जानकारी के लिए आप विभाग के हेड ऑफिस से संपर्क करिए, उनके द्वारा मिले सुझाव पर गंभीरता से कार्य करते हुए हमारी टीम ने भोपाल स्थित प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख के कार्यालयीन सूत्रों से संपर्क किया गया तो पता चला कि इस प्रमुख संदर्भ में संबंधित कार्यालय द्वारा “अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रशा ।।) कमालिका मोहंता द्वारा अधोहस्ताक्षरित पत्र क्रमांक प्रशा ।।/स्था 3/व क्षे कक्ष/1256 के माध्यम से विगत 14- 3-2024 को ही प्रदेश के समस्त मुख्य वन संरक्षकों को सात दिवस के अंदर जानकारी देने के लिए आदेशित किया जा चुका है पर समय से जवाब नहीं प्राप्त होने के कारण विगत 9-5-2024 को दूसरे रिमाइंडर पत्र क्रमांक/प्रशा-।।/स्था-3/व क्षे कक्ष/2045 के माध्यम से एक बार फिर प्रमुखता से पत्राचार कर इस कार्यालय को जवाब प्रेषित कर अग्रिम कार्यवाही के लिए आदेशित किया गया था। इस आदेश में स्पष्ट तौर पर उल्लेखित किया गया था कि मध्य प्रदेश शासन वन विभाग के ज्ञाप क्रमांक/1309/1894/2019/10-1 दिनांक 2-9-2020 द्वारा विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण वन क्षेत्रपालों को ही क्षेत्रीय एवं वन्य प्राणी परिक्षेत्र में पदस्थ करने के निर्देश दिए गए हैं अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि विभागीय परीक्षा अनुत्तीर्ण वन क्षेत्रपाल/ कार्यवाहक वन क्षेत्रपाल माह जुलाई 2024 में आयोजित विभागीय परीक्षा में सम्मिलित होकर परीक्षा उत्तीर्ण कर लें, विभागीय परीक्षा अनुत्तीर्ण वन क्षेत्रपालों/ कार्यवाहक वन क्षेत्रपाल को क्षेत्रीय एवं वन्य प्राणी परिक्षेत्र से पृथक कर अन्यत्र स्थानांतरित करने की कार्यवाही की जानी थी। संबंधित कार्यालय के दो रिमाइंडर व मुख्य वन संरक्षक कार्यालय रीवा के द्वारा 14-5-2024 प्र क्रमांक/स्था 4/3618 के बाद भी सिंगरौली डीएफओ श्री बंसल ने उक्त आदेश को एक माह तक दवाए रखा। अब क्योंकि इस मामले की जानकारी मीडिया को लग चुकी थी और सारे मामले पर नजर बनाए हुए सक्रियता से संबंधित खबर का प्रकाशन किया गया जिसके बाद मजबूरी में गत 3 जून को यह पत्र अपने मातहतों के पलनार्थ जारी करना कहीं ना कहीं उनकी स्वार्थचारिता को दर्शाता है।
अब यहां सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर वन मंडल अधिकारी ने किस वजह से इस गंभीर विषय से संबंधित पत्र को तीन माह तक अपने पास दबा कर रखा और अंत में चारों ओर से स्वयं को घिरता देख आनन फानन में पत्र को पालनार्थ जारी किया ? वजह तो वही जाने लेकिन प्रमुख वरिष्ठ कार्यालय को गुमराह कर उनके द्वारा किया गया यह कृत्य विभागीय जानकारों के समझ से परे है विभाग की कार्यालयीन गतिविधियों की जानकारी रखने वाले लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि डीएफओ श्री बंसल द्वारा किस वजह से या किसे फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया जिसके लिए उन्हें अपने वरिष्ठ कार्यालयीन अधिकारियों तक को गुमराह करना पड़ा।
वरिष्ठ विभागीय सूत्रों के अनुसार सिंगरौली जिले के वन मंडल अधिकारी द्वारा किया गया यह कृत्य बेहद गंभीर विभागीय अवमानना व कदाचार की श्रेणी में आता है ऐसे में यदि इस मामले का संज्ञान राज्य सरकार ने समय रहते ले लिया तो जल्द ही होने वाली प्रशासनिक सर्जरी में उन्हें भी अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ सकता है।।