शिवेंद्र तिवारी

भारतीय टीम का कोच कौन होगा, कौन नही इस बात को लेकर लोग बहुत परेशान हैं। एक जुलाई 2024 से नये कोच का कार्यकाल अगले साढे तीन साल के लिए होगा। अभी भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविङ हैं जिनका कार्यकाल बढाया गया है और उनका बढाया हुआ कार्यकाल जून 2024 में टी20 विश्वकप के बाद खत्म होगा। इस बीच भारतीत टीम के नये कोच के लिए आवेदन भी मांगे गये जिसकी आखिरी तारीख 27 मई थी। भारतीय टीम का मुख्य कोच भारतीय हो या विदेशी इस बात पर तमाम लोगों की राय है कि कोच भारतीय ही होना चाहिए।
विदेशी खिलाङी भारतीय टीम का मुख्य कोच क्यों नही हो इस बात का जवाब किसी के पास नही है लेकिन विदेशी खिलाङी कोच न बने इस बात को लोग बहुत जोर देकर कहते हैं। दरअसल ग्रेग चैपल एक ऐसे विदेशी कोच थे जिनकी कोचिंग में भारतीय टीम 2007 विश्वकप के पहले ही राउन्ड में बाहर हो गयी थी। इसके अलावा चैपल ने अपने विवादास्पद फैसलों से जो भूचाल मचाया था भारतीय क्रिकेट में वह कोई भी भूल नही सकता। ग्रेग चैपल की ही वजह से कोई पूर्व आस्ट्रेलियाई खिलाङी अभी भारतीय कोच बनने में बढत नही बना पा रहा है।
भारतीय क्रिकेट के विदेशी कोचों की चर्चा की जाए जो बेहद सफल रहे और जिनका योगदान यादगार रहा है तो वह हैं जान राइट और गैरी कर्स्टन। इन दोनों सफल विदेशी कोचों की तरह ही कोई नया विदेशी अगर भारतीय टीम का नया कोच बनाया जाए तो ज्यादा बेहतर रहेगा। विदेशी कोच रहने का फायदा भी बहुत है क्योंकि विदेशी कोच निष्पक्ष होकर टीम के चयन से लेकर हर फैसले ले सकेगा। अगर कोई भी पूर्व भारतीय खिलाङी टीम इन्डिया का नया मुख्य कोच चुना जाता है तो निश्चित तौर पर उसका कोई न कोई फेवरिट खिलाङी होगा जिसे वह मौके देना चाहेगा और कोई न कोई ऐसा खिलाङी होगा जिसे वह कोच टीम में देखना पसंद नही करता होगा। इसलिए अगर कोई विदेशी ही भारतीय टीम का नया मुख्य कोच बने तो ज्यादा बेहतर हो सकता है। वैसे भी टीम इन्डिया के लिए विदेशी कोच आईसीसी टूर्नामेंट में लकी साबित हुए हैं केवल चैपल को छोङकर।