जिला कलेक्टर को राज्य शिक्षा केन्द्र परीक्षा को लेकर जारी किया तुगलकी फरमान
जिले की तीन दर्जन से ज्यादा स्कूल बिजली विहीन, कैसे चलेंगे पंखा, कूलर
तापमान को देखकर आंगनवाडी केन्द्र कर दिये गये बंद , लेकिन परीक्षा नहीं हुई निरस्त
नगर प्रतिनिधि, रीवा
कक्षा 5वीं और 8वीं की होने वाली 3 जून से परीक्षा को लेकर राज्य शिक्षा केन्द्र आयुक्त द्वारा एक गैर जिम्मेदाराना पत्र जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि तेज धूप होने के बावजूद भी परीक्षा की तारीख में बदलाव नहीं किया जायेगा, अगर परीक्षा के दौरान बच्चों को कोई शारीरिक कष्ट अथवा तेज धूप के चलते बच्चे लू के शिकार होते हैं तो इसके जिम्मेदार बच्चों के माता-पिता एवं परीक्षा केन्द्र में मौजूद शिक्षक होंगे। आयुक्त द्वारा बच्चों के लू से बचाव संबंधी जिस समय दिशा निर्देश टाइप कराये जा रहे थे उस समय शायद वो यह भूल गये थे कि रीवा जिले सहित प्रदेश में दो सैकडा से ज्यादा ऐसे विद्यालय है जहां अबतक बिजली की सुविधा नहीं है, और पंखा तथा कूलर बिजली के ही करंट से चलते हैं।
जिद में उतारू राज्य शिक्षा केन्द्र
राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल ने स्पष्ट कर दिया है कि, पुन: परीक्षा कक्षा 5 एवं 8 सत्र 2023-24, भीषण गर्मी के बावजूद अपने निर्धारित टाइम टेबल के अनुसार होगी। संचालक महोदय ने समस्त कलेक्टर को निर्देशित किया है कि वह अगले 48 घंटे में समस्त विद्यार्थियों के पेरेंट्स और शिक्षकों को राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी भीषण गर्मी से बचाव संबंधी एडवाइजरी के बारे में बताएं। इसके बाद यदि कोई जिम घटना होती है तो उसके लिए शिक्षक और बच्चों के माता-पिता जिम्मेदार होंगे।
कक्षा 5-8 की पुन: परीक्षा हेतु संचालक राज्य शिक्षा केंद्र का पत्र –
प्रति, कलेक्टर, समस्त जिले (मध्य प्रदेश)। कक्षा 5 व 8 पुन: परीक्षा सत्र 2023-24 का आयोजन दिनांक 03 से 08 जून के मध्य किया जाना है। परीक्षा के दौरान भीषण गर्मी से बच्चों, शिक्षकों व अन्य कार्यरत् अमले की सुरक्षा के लिए निम्नानुसार आवश्यक व्यवस्थायें किए जाने हेतु सर्व संबंधितों को निर्देशित करने का अनुरोध है।
पालक और परीक्षा केंद्र स्तर पर जारी की गई सलाह
परीक्षा केन्द्र स्तर –
प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर शीतल पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए एवं नियमित अंतराल पर बच्चों को पानी पिलाया जाए।
लू लपट व डिहाइड्रोशन से सुरक्षित रखने हेतु परीक्षा केन्द्रों में ओरल रिहाइड्रोशन सॉल्यूशन ओ. आर.एस. / इलेक्ट्रॉल पाउडर / ग्लूकोज पाउडर के पैकेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
पंखों की व्यवस्था की जाए।
स्वास्थ्य संबंधी विषम स्थिति परिलक्षित होने की स्थिति में निकटस्थ स्वास्थ्य केन्द्र / अस्पताल ले जाएं।
शिक्षक एवं पालक स्तर
बच्चों को गर्मी से बचाव के उपायों की जानकारी प्रदान करें।
बच्चों को पर्याप्त पानी एवं अन्य तरल पदार्थ जैसे – पना, नींबू पानी, छाछ आदि पीने की हिदायत दी जाए।
धूप में बाहर जाते समय टोपी और छतरी का उपयोग किया जाए।
ध्यान रखे कि बच्चे धूप से बाहर जाते समय जूते या चप्पल पहनें।
बच्चों को पतले, ढीले सूती वस्त्र, विशेषकर हल्के रंग पहनने की सलाह दी जाए।
उच्च जल सामग्री वाले मौसमी फल और सब्जियां जैसे तरबूज, खरबूज, संतरा अंगूर, अनानास, ककड़ी,
सलाद या अन्य स्थानीय रूप से उपलब्ध फल और सब्जियां खाने की सलाह दी जाए। कृपया उपरोक्त संबंध में समुचित दिशा निर्देश जारी करने का कष्ट करें।
पत्र से पैदा हुए कुछ सवाल
यह पत्र दिनांक 30 मई 2024 को जारी हुआ है। यानी 31 तारीख को कलेक्टर की टेबल पर आया। 3 जून से परीक्षा शुरू होनी है। संचालक महोदय ने कलेक्टर को सिर्फ 48 घंटे का समय दिया है। जबकि 4 तारीख को लोकसभा चुनाव की मतगणना भी होनी है और कलेक्टर को उसकी तैयारी भी करनी है।
परीक्षा केंद्र पर जिस प्रकार की तैयारी के निर्देश दिए गए हैं, क्या 48 घंटे में इतनी तैयारी हो सकती है और यदि किसी परीक्षा केंद्र पर उपरोक्त व्यवस्थाएं नहीं हुई तो क्या उसके अंदर की परीक्षा निरस्त हो जाएगी।
बच्चों की बीमार हो जाने पर उसे अस्पताल ले जाने के लिए कहा है, लेकिन यह नहीं बताया कि अस्पताल कौन ले जायेगालेक्टर, केंद्रा अध्यक्ष या बच्चों के माता-पिता ले जाएगा।
कितनी अजीब बात है कि संचालक मदद चाहते हैं कि परीक्षा के समय बच्चा यह भी याद करे, कि भीषण गर्मी से बचने के लिए उसे कौन-कौन सी सावधानी रखनी चाहिए।
एक तरफ प्रदेश के ग्वालियर संभाग में वयस्क बच्चों के लिए संचालित होने वाली कोचिंग क्लास तक बंद कर देने की आदेश जारी हुए हैं। 15 जून तक कलेक्टर के आदेश के अनुसार जिले में आंगनबाडी केन्द्रों को बंद कर दिया गया है दूसरी तरफ राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक भीषण गर्मी में मासूम बच्चों को परीक्षा की जिद पर अड़े हुए हैं।
नया शिक्षा सत्र बनेगा बीमारी का कारण
भीषण गर्मी का दौर चल रहा है इसी बीच स्कूलों के ग्रीष्मकालीन अवकाश शिक्षकों के लिए खत्म हो होगया हैं। 1 जून से शिक्षकों के लिए स्कूल स्टार्ट हो गया है और 15 जून से विद्यार्थियों के लिए स्कूल शुरू हो जाएंगे। गर्मी को देखते हुए शिक्षकों में नाराजगी भी है और उनका कहना है कि दो सप्ताह बाद ही स्कूल शुरू किया जाएं।
सूरज का रौद्र रूप लोगों को बेचैन करते हुए पसीना-पसीना कर रहा है। गर्मी ऐसी कि सुबह 7 बजे लोग पसीने में तरबतर हो रहे हैं। ऐसे में 1 जून से शिक्षकों के लिए स्कूल शुरू हो रहे हैं। शिक्षकों का ग्रीष्मकालीन अवकाश 31 मई तक ही निर्धारित किया गया था। इधर भीषण गर्मी को देखते हुए शिक्षक संगठन ने बताया कि इस बार गर्मी ज्यादा है। पारा 42 डिग्री के करीब घूम रहा है। ऐसी भीषण गर्मी में शिक्षकों को राहत मिलना चाहिए और दो सप्ताह के अवकाश गर्मी को देखते हुए दिए जाना चाहिए। एक अन्य शिक्षक संगठन के का कहना है कि पहले ही शिक्षक चुनावी ड्यूटी, मतगणना आदि कई कार्यों में अपनी सेवाएं देते रहे हैं, इसलिए सरकार और विभाग को भीषण गर्मी में शिक्षकों को राहत देना चाहिए। शिक्षक और विद्यार्थी दोनों के लिए 15 जून से स्कूल शुरू किए जाने चाहिए।
नई कक्षाएं , नए रजिस्टर, ड्रॉपआउट बच्चों की जानकारी जुटाना जरूरी
शिक्षा विभाग द्वारा 1 जून से शिक्षकों के लिए स्कूल शुरू करने के दौरान नई कक्षाओं की तैयारी के लिए बच्चों की जानकारी एकत्रित करना, नए रजिस्टर बनाना, एडमिशन व्यवस्था को सुचारू करना, साथ ही सबसे जरूरी ड्रॉपआउट बच्चों की जानकारी जुटाना है, इसके साथ ही स्कूल संबंधी अन्य कार्य भी शिक्षकों को देखना है, इसलिए दो सप्ताह पहले उनका ग्रीष्मकालीन अवकाश खत्म किया गया है और स्कूल बुलाए गए हैं, ताकि बच्चों के स्कूल आने से पहले सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हो जाएं।
इनका कहना है
राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेशानुसार कक्षा 5वीं और 8वीं की परीक्षा 3 जून से प्रारंभ हो रही है बच्चों को लू से बचाने के पूरे प्रयास किये जायेंगे।
रामलल्लू दीपांकर
डी.पी.सी. रीवा